कला के प्रति शौक से उद्यमिता के सफर पर रजनीश
सीवान के युवा चित्रकार ने अपने शौक चित्रकारी को बना लिया उद्यमिता का आधार
✍️गणेश दत्त पाठक
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
उद्यमिता के लिए उत्साह और लगाव बेहद महत्वपूर्ण तथ्य रहता आया है। जब भी आप अपने शौक के क्षेत्र में काम करते हैं तो आप बेहद ऊर्जावान तरीके से काम करते हैं। काम के प्रति आपका आत्मीय लगाव आपको आनंद भी देता है और आपके समर्पित प्रयास की पृष्ठभूमि को भी तैयार करता है। समर्पित प्रयास, कठोर परिश्रम, सकारात्मक सोच की त्रिवेणी उद्यमी के सफलता की गाथा लिख जाती है। इसलिए अगर आप उद्यमिता में अपना भाग्य आजमाना चाहते हैं तो एक बार अपने शौक को टटोलिए। हो सकता है वहां कोई उद्यमिता का आइडिया निकल जाए। सीवान के युवा चित्रकार रजनीश मौर्य के उद्यमिता का सफर उनके शौक चित्रकला से ही शुरू हुआ। अस्तित्व में आई आराध्या चित्रकला अकादमी। युवा चित्रकार रजनीश का सफर जारी है। कहानी उद्यमिता की भी सृजित हो रही है। साथ ही सीवान में कला को भी एक नई दिशा भी मिल रही है।
कला के प्रति रहा विशेष रुझान
युवा चित्रकार रजनीश मौर्य ने जीवविज्ञान में एमएससी की पढ़ाई की। लेकिन रुझान कला के प्रति था। इसलिए चित्रकला में डिप्लोमा भी किया। शुरुआती दौर में संघर्ष तो हर उद्यमी को करना पड़ता है। संसाधन सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता ही है। रजनीश का उद्यमिता का सफर भी संघर्ष का ही रहा।
उनके चित्र देते रहे सामाजिक संदेश
लेकिन कला के प्रति शौक उन्हें ऊर्जस्वित और प्रेरित करता रहा। उनके संवेदनशील तेवर ने सामाजिक कुरूत्तियों और विसंगतियों के खिलाफ जंग में कला के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया। परिणाम हुआ कि सीवान चौक चौराहों पर समाज को संदेश देते चित्र उकेरे जाने लगे। ये चित्र सिर्फ संदेश ही नहीं देते अपितु कला के प्रति रुझान को विकसित करने वाले भी साबित हुए।
कला के शौकीनों को मार्गदर्शन
शौक से उद्यमिता के सफर पर चलनेवाले रजनीश ने सीवान के रजिस्ट्री ऑफिस के बगल में आराध्या चित्रकला अकादमी की स्थापना कर ली। अभी वहां सैकड़ों छात्र छात्राएं कला के पाठ पड़ रहे हैं। हो सकता है कि वहां से कोई ऐसा कलाकार निकल जाए जो सीवान के गौरव को बढ़ाए।
कला के प्रति रुझान ने दिलाया सम्मान
जब आप शौक का काम करते हैं तो बेहद तन्मय होकर काम करते हैं और वह काम दुनिया के लिए नज़ीर भी बन जाता है। रजनीश की पेंटिंग सीवान में आनेवाले हर विशिष्ट अतिथि के लिए एक बेहद शानदार सौगात ही होती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा सम्मानित होकर रजनीश सीवान की कला को एक नायाब दिशा देने के लिए प्रयासरत हैं। हाल ही में बॉलीवुड के बेहद संवेदनशील अभिनेता सोनू सूद ने भी उन्हें सम्मानित किया है। इनको मिलनेवाले सम्मान इन्हें अपने योगदान के लिए और भी प्रेरित करते दिख रहे हैं।
सांस्कृतिक आयोजनों द्वारा बहा रहे उत्साह की त्रिवेणी
आज कल विभिन्न अवसरों पर विभिन्न कला आयोजनों को आयोजित कर रजनीश सीवान में कला के प्रति रुझान की बयार बहाने में भी रत हैं। चाहे वो सावन महोत्सव के तहत मेहंदी प्रतियोगिता के आयोजन का संदर्भ हो या दशहरे के अवसर पर डांडिया रास के आयोजन की बात। प्रयास सिर्फ रजनीश का इतना ही रहता है कि सीवान में कला को एक विशिष्ट स्थान मिल पाए और यहां कला के नए आयाम सृजित हो। सीवान को कला जगत में एक प्रतिष्ठित स्थान हासिल हो सके। निश्चित तौर पर ऐसा करने से उनके उद्यमी व्यवहार को भी हौसला मिलेगा।
सीवान के युवा उद्यमिता के लिए टटोले अपने शौक को
सीवान के युवाओं के लिए उद्यमिता विशेष जरूरी है। क्योंकि सरकारी नौकरियों में कमी आती जा रही है। प्राइवेट नौकरियों की अपनी सीमाएं है। सीवान में रोजगार का बड़ा आधार रहे अरब देशों में रोजगार अब उतने लाभदायक नहीं रहे जितने पहले थे। ऐसे में छोटे छोटे व्यवसाय युवाओं के लिए बेहद आवश्यक हैं।
उद्यमिता के लिए आइडिया बेहद जरूरी है। क्योंकि जब भी कोई उद्यमिता के सफर पर चलना चाहता है। तो सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि किस क्षेत्र में शुरुआत हो? ऐसे में युवा चित्रकार रजनीश मौर्य की यह कहानी एक बड़ा संदेश यह दे रही है कि उद्यमिता के संदर्भ में एक बार अपने शौक के विभिन्न पहलुओं को टटोल लें। शायद कोई रह मिल जाए। लेकिन याद रखिए शौक की राह आपकी सफलता की बड़ी कहानी भी लिख सकती है।
निश्चित तौर पर जब आप शौक के क्षेत्र में काम करेंगे तो आप अपनी क्षमता का सौ फीसदी इस्तेमाल करेंगे, ऊर्जावान महसूस करेंगे और आपके सफलता की दास्तां ऐतिहासिक और भव्य होगी।
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