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राज्यसभा सांसद संजय झा को जदयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है

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 पार्टी और केंद्र के बीच है सेतु 

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राज्यसभा सांसद संजय झा को जदयू ने अब अहम जिम्मेवारी सौंपी है. संजय झा को जदयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. दिल्ली में शनिवार को आयोजित जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसकी घोषणा की गयी है. इस बैठक में पार्टी की ओर से कई प्रस्ताव भी पारित किए गए हैं जिसमें लोकसभा चुनाव परिणाम में सम्मानजनक प्रदर्शन की तारीफ करते हुए अब झारखंड चुनाव में भी जदयू उम्मीदवार उतारे जाने की सहमति बनी है.

दिल्ली में आज शनिवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. इस बैठक से पहले ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी संगठन को लेकर कुछ अहम फैसले ले सकती है. वहीं बैठक में सर्वसम्मती से तय किया गया कि संजय झा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए. इसकी घोषणा भी बैठक में कर दी गयी. नीतीश कुमार ने संजय झा के नाम का ऐलान किया.

नीतीश कुमार के करीबी नेता हैं संजय झा

बता दें कि संजय कुमार झा की पहचान बिहार में मिथिला क्षेत्र के मजबूत नेता के रूप में की जाती है. उनका पैतृक गांव मधुबनी जिले के झंझारपुर में है. सीएम नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में संजय झा भी शामिल हैं. संजय झा बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे और बिहार सरकार में मंत्री भी बनाए गए. जदयू ने इसबार राज्यसभा का सांसद उन्हें बनाया है. संजय झा ने अपनी राजनीति की शुरुआत भाजपा के साथ की थी. बाद में वो जदयू के साथ आए. वहीं लोकसभा चुनाव के बाद जदयू अब विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटने जा रही है. संजय झा के ऊपर अब अहम जिम्मेवारी सौंपी गयी है.

गौरतलब है कि जदयू एनडीए में शामिल है और संजय झा के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब भाजपा और जदयू के बीच भी तालमेल और अधिक रहने की उम्मीद बढ़ी है. वहीं दिल्ली में आयोजित जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कई प्रस्ताव पारित किए गए. जिसमें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने या विशेष पैकेज की मांग का प्रस्ताव लाया गया और इसे पारित किया गया. साथ ही जदयू ने झारखंड चुनाव में भी उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है.

जदयू के राज्यसभा में दल के नेता संजय कुमार झा पार्टी के नये कार्यकारी अध्यक्ष बनाये गये हैं. नयी दिल्ली के कंस्टीच्यूशन क्लब में शनिवार को आयोजित जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसका फैसला लिया गया. संजय कुमार झा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री और दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की ओर से आया,

जिसका सभी ने समर्थन किया. संजय झा जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष बनने वाले वाले पहले नेता हैं. इसके पहले उन्हें राज्यसभा का सदस्य और बाद में राज्यसभा में दल का नेता मनोनीत किया गया था. लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए की प्रमुख घटक जदयू ने अपने संगठन को धारदार बनाने की दिशा में यह नया प्रयोग किया है.

जदयू और भाजपा को करीब लाने में संजय झा की रही अहम भूमिका

मिथिलांचल के मधुबनी जिले के मूल निवासी संजय झा की पहचान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और खास नेता के रूप में रही है. जदयू में जुड़ने के पहले वे भाजपा के दिग्गज नेता अरुण जेटली के करीबी रहे थे. हाल के दिनों में जदयू को एक बार फिर भाजपा के करीब लाने में भी उनकी भूमिका रही है. बिहार की राजनीति को करीब से जानने वाले बताते हैं कि संजय झा के रूप में जदयू को एक ऐसा कवच मिला है जिसका उपयोग भाजपा के साथ समन्वय स्थापित करने में तो मिलेगा ही, उससे अधिक मिथिलांचल के इलाके में सवर्ण मतदाताओं विशेषकर ब्राह्मण वोटरों के बीच पैठ बढ़ाने का भी अवसर मिल सकेगा.

लोकसभा चुनाव के दौरान भी संजय झा की भाजपा के साथ सीटों के तालमेल को लेकर और जदयू के उम्मीदवार तय करने में भी प्रमुख भूमिका रही है. एनडीए के साथ पार्टी के बेहतर तालमेल में उनकी भूमिका अहम होगी. अगले साल बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है. इसके पहले इसी साल झारखंड में विधानसभा के चुनाव तय हैं. जदयू अध्यक्ष के रूप में नीतीश कुमार को बिहार के मुख्यमंत्री का कामकाज भी संभालना है.

इसलिए कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अपेक्षाकृत युवा और ऐसे चेहरे की जरूरत महसूस की जा रही थी जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विश्वसनीय हो, खास हो, भाजपा को भी चेहरा पसंद हो और किसी विवाद में नहीं रहा हो. ऐसे चेहरे के रूप में संजय झा को उपयुक्त माना गया.

2 बार एमएलसी रहे संजय झा

संजय झा 2006 में पहली बार बिहार विधान परिषद के लिए मनोनीत किये गये. अपनी 18 साल की सक्रिय राजनीति में संजय झा दो बार विधान परिषद के सदस्य हुए, राज्य सरकार में जल संसाधन एवं सूचना जनसंपर्क विभाग के मंत्री हुए. 2014 के लोकसभा सभा चुनाव में जदयू ने उन्हें दरभंगा लोकसभा सीट से उम्मीदवार भी बनाया था. 2024 में विधान परिषद की सदस्यता समाप्त हो जाने के बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया और वे जीत कर पहली बार संसद पहुंचे.

जदयू को राष्ट्रीय फलक पर ले जाने की होगी जिम्मेदारी

माना जा रहा है कि संजय झा के उपर पार्टी को राष्ट्रीय फलक पर ले जाने की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी होगी. उन्हें झारखंड समेत दूसरे राज्यों में पार्टी की उपस्थिति दर्ज करानी होगी. राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा और सरकार के बीच सेतू का काम करना होगा. कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने के बाद संजय झा ने कहा कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे.

विधानसभा चुनाव की भी होगी जिम्मेदारी

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू अपनी तैयारी कर रही है. बिहार में हुए लोकसभा चुनाव में 177 विधानसभा सीटों पर एनडीए के उम्मीदवार आगे रहे. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में और उनके चेहरे पर ही चुनाव होने हैं. ऐसे में संजय झा के ऊपर नीतीश कुमार की धारा को आगे ले जाने और उनके कामकाज को लेकर पार्टी स्तर पर प्रचार प्रसार में भी लाभ होगा.

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