रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला में गौरव बने राम,सिता की भूमिका में दिखेंगे दिव्यांशु
@2 साल बाद होगा रामलीला का मंचन, रामनगर किले में हुआ चारों स्वरूपों का चयन
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी / रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला 2 साल से लीला प्रेमियों की निराशा अब आशा में बदलने वाली है। इस बार रामलीला होगी और प्रभु राम रामनगर में विराजमान होंगे। लीला प्रेमी लीला भी देखें आरती भी देखेंगे और प्रभु श्रीराम का जय कार भी लगाएंगे। रविवार को रामनगर के किले में चारों स्वरूपों का चयन किया गया यह बहुत बड़ी खुशखबरी है।
सनद रहे कि कोरोना प्रतिबंधों के चलते पिछले लगातार 2 सालों से रामलीला का आयोजन नहीं हो पा रहा था जिसे रामलीला प्रेमियों में निराशा थी। रामनगर किले में रविवार को शाम 4:30 बजे वाराणसी की उपस्थिति में पुरुषों के चयन के लिए स्वर परीक्षा का आयोजन किया गया। किले के जवाहरी खाने के ऊपर खुले छत पर आयोजित इस स्वरूप परीक्षा में वाराणसी चंदौली मिर्जापुर जिले के 26 बच्चों ने भाग लिया। बच्चों से विश लॉक मानस की चोपाई सूट करनी आवाज और काकी मिठास और बाल सुलभ कमनीयता पर खी गई।
इसके बाद कुंवर की सब्जी के बाद 5 बच्चों की चयन पर मुहर लगी। छत अली की गौरव उपाध्याय श्री राम की भूमिका निभाएं गे। चंदौली के ही दिव्यांशु चौबे को सीता का स्वरूप दिया गया है। देवरिया मिर्जापुर के तिवारी भरत की भूमिका निभाएंगे। वही शत्रुघ्न की भूमिका में मुगलसराय के सूरज पाठक दिखेंगे। आमतौर पर स्वर परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाती है। लेकिन पहले ही दौर में योग्य बच्चों के मिल जाने से उनका अंतिम रूप से चयन कर लिया गया।
स्वर परीक्षा के दौरान राम लीला व्यास रघुनाथ दत्त, संपत राम भी मौजूद थे। चयनित सभी बालक 15 वर्ष से कम आयु के हैं। श्रावण मास की चतुर्दशी से चयनित सभी बच्चों का बलुआघाट धर्मशाला में प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा जो रामलीला समाप्ति तक चलेगा। बता दें कि रामनगर की रामलीला में मुख्य भूमिका के लिए हर वर्ष बच्चों का चयन होता है। जबकि अन्य सभी भोग का व्यायस्क निभाते हैं। इसमें भी अधिकार शुभम गाय वीडियो से कई परिवार निभाते चले आए हैं।
दूसरी तरफ रामनगर की रामलीला के लिए मुख्य स्वरूपों के चरण होने की खबर मिलते ही लोगों में खुशी का माहौल है। 2 साल के अंतराल के बाद रामलीला होने के पुख्ता संकेत मिलने के बाद कई जगह पर लोगों ने मिष्ठान खिलाकर एक-दूसरे का मुंह मीठा भी कराया। इस बार राखेला अनंत चतुर्दशी यानी 9 सितंबर से शुरू होगी। प्रथम गणेश पूजन श्रावण मास की चतुर्थी पर मुहूर्त के अनुसार आयोजन किया जाता है।