रामविलास पासवान के भाई या बेटा…किसके हाथ में रहेगी LJP की कमान?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के परिवार और पार्टी में छिड़ा राजनीतिक द्वंद्व अब नया मोड़ लेता हुआ दिख रहा है. संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद बुधवार को पशुपति पारस पटना पहुंचे पारस ने यहां मीडिया से बातचीत की. पारस ने कहा कि जो भी हुआ सब संवैधानिक है और जिनके पास बहुमत होगा, उनका पार्टी पर कब्जा रहेगा.
पटना आने के बाद पशुपति पारस (Pashupati Paras) ने लोजपा दफ्तर पहुंचे. यहां पर उन्होंने कहा कि मुझे संसदीय दल का नेता लोकसभा अध्यक्ष ने घोषित किया है. यह पूछे जाने पर कि लोजपा अध्यक्ष कौन होगा? इसके जवाब में पारस ने कहा कि जिसके पास बहुमत होगी, उसे लोजपा की कमान मिलेगी. उन्होंने आगे कहा कि लोजपा में एक पद और एक पर्सन का फॉर्मूला लागू है.
इससे पहले दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिराग ने अपने चाचा समेत पांचों सांसदों को एक तरह से रणछोड़ करार दिया. उन्होंने कहा कि एक बात स्पष्ट थी कि पार्टी में कुछ लोग (पशुपति पारस समेत 5 सांसद) संघर्ष के रास्ते पर चलने को तैयार नहीं थे. वो चाहते थे कि वे सुरक्षित राजनीति करते रहें. मैं इस बात को स्वीकार करता हूं कि अगर बीजेपी+जेडीयू+एलजेपी मिलकर बिहार चुनाव में उतरती तो लोकसभा चुनाव की तरह एकतरफा परिणाम आते.
इधर, राजद के वरिष्ठ राजनेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि लोजपा की टहनियां छंट गयी हैं. पार्टी का जड़ और तना तो रामवलास पासवान के पुत्र चिराग हैं. अपने जीवन काल में ही रामविलास पासवान ने अपने सिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष का ताज उतार कर चिराग के सिर पर रख दिया था.
दरअसल उन्हें इस बात की आशंका थी कि भविष्य में पार्टी के नेतृत्व को लेकर विवाद पैदा हो सकता है. शायद इसको भांप कर ही भविष्य में नेतृत्व को लेकर पार्टी को कलह से बचाने के लिए, अपने सामने ही उन्होंने अपना उत्तराधिकार चिराग को सौंप दिया था. उनको यकीन था कि अपने राजनीतिक जीवन में समाज में जो अपना आधार उन्होंने बनाया है, वह चिराग के ही साथ रहेगा.
लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने पार्टी में टूट के बाद पहली बार मीडिया के सामने खुलकर अपना पक्ष रखा. पासवान ने कहा कि जदयू हमारी पार्टी को बहुत पहले से तोड़ने की कोशिश कर रही थी. उन्होंने आगे कहा कि मैंने सबकुछ सही करने के लिए पूरा प्रयत्न किया, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया.
चिराग पासवान से जब पूछा गया कि क्या लोजपा में टूट के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब अपना ही बेगाना निकल जाए तो, दूसरों पर आरोप नहीं मढ़ना चाहिए. चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार से मेरा व्यक्तिगत कोई झगड़ा नहीं है, उनसे नीतिगत विरोध है.
चाचा पशुपति पारस पर हमला– प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि उनकी मंशा पार्टी को लेकर पहले भी सही नहीं था. जब बिहार चुनाव में मैं अकेले संघर्ष कर रहा था तो, वे चुपचाप बैठ गए. चिराग ने कहा कि मेरे पिता के निधन के दिन मैं अनाथ नहीं हुआ था, मैं अब अनाथ हो गया हूं.
भाई प्रिंस पर भी निशाना– मीडिया से बातचीत के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या आपको प्रिंस राज से इस तरह कै फैसले की उम्मीद थी? चिराग पासवान ने इस सवाल के जवाब में कहा कि मैं प्रिंस राज को अपने बेटे की तरह मानता था. उसे बचपन में पढ़ाया करता था, लेकिन उसने पीठ पीछे षड्यंत्र करने का काम किया.
वहीं चिराग पासवान ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मैं आज आप सभी के सवालों का जवाब देने की कोशिश करता हूं. उन्होंने कहा कि पार्टी को बचाने की लड़ाई लंबी है और आप सबसे मुलाकात होती रहेगी. उन्होंने आगे कहा कि प्रिंस ने जो मेरे साथ किया, उसकी अपेक्षा भी मुझे नहीं थी.
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