वैक्सीन सुरक्षा प्रणाली को लेकर कोल्ड चेन हैंडलर को दी गयी रिफ्रेशर ट्रेनिंग

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-कोरोना वैक्सीन के रखरखाव एवम् भंडारण में इस प्रणाली की है महत्वपूर्ण भूमिका

-वैक्सीन के उत्तम प्रबंधन, भंडारण एवम् वितरण में ई-विन प्रणाली का किया जाता है उपयोग

श्रीनारद मीडिया, मधेपुरा, (बिहार):

कोविड-19 महामारी के दौरान अपेक्षित अनुकूलन के साथ आवश्यक प्रतिरक्षण सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने और बच्चों एवं गर्भवती माताओं के टीकाकरण के लिये ई-विन प्रणाली का उपयोग किया जाता है। कोरोना काल के दौरान ई-विन प्रणाली के एडवांस एडिशन को क्रियान्वित किया गया। इसको लेकर संबंधित स्वास्थ्य पदाधिकारियों को रिफ्रेशर प्रशिक्षण देने का निर्देश राज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी जिलों को दिया है। इसी निर्देश के क्रम में बुधवार को मधेपुरा जिले के सभी प्रखंड के नामित कोल्ड चेन हैंडलर के साथ साथ सभी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधकों को ई-विन प्रणाली के एडवांस एडिशन पर रिफ्रेशर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता जिले के प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विपिन कुमार गुप्ता ने की। जिसमें अन्य क्षेत्रीय व जिला स्तरीय पदाधिकारी भी से उपस्थित रहे। प्रशिक्षण देने के कार्य यू एन डी पी के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रियरंजन झा एवम् जिले के वीसीसी एम् प्रसून कुमार ने किया। सहरसा जिले के वीसी सी एम् मो खालिद भी प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित रहे।

क्या है ई-विन प्रणाली, वैक्सीन के प्रबंधन एवम् भंडारण में क्या है इसकी भूमिका –
जिले के प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विपिन कुमार गुप्ता ने बताया सरकार के निर्देश के आलोक में मधेपुरा सहित सूबे के सभी जिलों में नियमित टीकाकरण के सभी वैक्सीन एवम् सिरिंज के उत्तम प्रबंधन भंडारण एवम् वितरण को सुनिश्चित करने के लिए ई-विन प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। ई-विन यानी इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क प्रणाली वैक्सीन की गुणवत्ता बनाए रखने में सबसे महत्त्वूर्ण भूमिका निभाती है। ई-विन खासतौर पर वैक्सीन वितरण के लिए बनाई गई तकनीक है। इसकी मदद से इस बात पर नजर रखी जाती है कि कितनी वैक्सीन स्टॉक में है। स्मार्टफोन पर काम करने वाली ये तकनीक साल 2015 में लॉन्च की गई थी। इससे इस बात पर ट्रैक रखा जाता है कि कि कोल्ड चेन में वैक्सीन का सही ढंग से रखरखाव हो सके और वितरण के दौरान कोई समस्या न हो। यहां बता दें कि वैक्सीन के स्टॉक को सुरक्षित रखने के लिए तापमान-नियंत्रित भंडारण की जरूरत होती है। हर टीके को रखने की एक निश्चित अवधि होती है और इस दौरान भी उसे एक खास तापमान पर रखना होता है। अगर इसमें कमी या कोई असावधानी हुई तो टीका अपना असर खो देती है।

यू एन डी पी के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रियरंजन झा ने रिफ्रेशर प्रशिक्षण में सम्मिलित प्रतिभागियों को ईविन प्रणाली के एडवांस एडिशन की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि कोविड – 19 टीकाकरण के मद्देनजर वैक्सीनेशन डिवीजन की अतिरिक्त जरूरतों को देखते हुए ई-विन प्रणाली में जरूरी बदलाव किए गए हैं। प्रणाली में बदलाव कर इसका एडवांस एडिशन बनाया गया है जिसे वर्तमान में क्रियान्वित किया जाना है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में कोविड टीकाकरण के 12 से 14 वर्ष के लाभुकों के पंजीकरण आदि के लिए उपयोग की जाने वाली को-विन पोर्टल पर भी ई-विन के एडवांस एडिशन को संबंद्ध किया जा रहा है। प्रशिक्षण में प्रशिक्षकों के द्वारा पीपीटी के माध्यम से प्रतिभागियों को विस्तृत में बताया गया। मधेपुरा एवम् सहरसा के वीसीसीएम् प्रसून कुमार एवम् मो खालिद ने ई-विन (एई) के एडवांस एडिशन पर चरणबद्ध तरीके से प्रतिभागियों को ट्रेनिंग दी। अंत में धन्यवाद ज्ञापन के साथ प्रशिक्षण का समापन किया गया।

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