सुप्रीम कोर्ट से तेजस्वी यादव को राहत,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने गुजराती ठग वाले मानहानि केस को रद्द कर दिया है। तेजस्वी की ओर से अदालत में माफीनामा दायर कर अपना बयान वापस ले लिया गया था। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने सोमवार को यह आदेश दिया। बता दें कि पिछले साल मार्च महीने में तेजस्वी यादव ने एक बयान में गुजरातियों को ठग कहकर संबोधित किया था। इसके बाद अहमदाबाद में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था।
अहमदाबाद के कारोबारी एवं समाजसेवी हरेश मेहता ने तेजस्वी के खिलाफ स्थानीय अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत शिकायत दर्ज की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने शिकायतकर्ता से पूछा था कि जब तेजस्वी यादव ने अपनी टिप्पणी वापस ले ली है तो मानहानि का मुकदमा क्यों जारी रखा जाना चाहिए।
तेजस्वी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में इस केस की सुनवाई अहमदाबाद से बाहर दिल्ली या किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित करने की गुहार लगाई थी। तब शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का प्रयोग करने का संकेत दिया था।
गुजरात की अदालत ने पिछले साल अगस्त में आईपीसी की धारा 202 के तहत तेजस्वी यादव के खिलाफ प्रारंभिक जांच की और कहा कि मेहता द्वारा दायर शिकायत पर उन्हें तलब करने के लिए पर्याप्त आधार हैं। मेहता ने अपनी शिकायत में दावा किया कि तेजस्वी ने पिछले साल मार्च में पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि देश में मौजूदा स्थिति में सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकते हैं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए कि इससे पूरे गुजराती समुदाय को ठेस पहुंची है।
शिकायत के अनुसार, तेजस्वी यादव ने मार्च 2023 में पटना में मीडिया से बात करते हुए कहा था, ‘वर्तमान स्थिति में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं, और उनकी धोखाधड़ी माफ कर दी जाएगी.’ तेजस्वी यादव के इस बयान को लेकर हरेश मेहता ने दावा किया कि यादव की टिप्पणियों ने सभी गुजरातियों को बदनाम किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी यादव की उस याचिका पर अपना फैसला सुनाया, जिसमें उन्होंने कथित ‘केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं’ टिप्पणी को लेकर अहमदाबाद की एक अदालत में उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मानहानि शिकायत को राज्य के बाहर किसी स्थान पर विशेषकर दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की थी.
जस्टिस एएस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने आज यानी मंगलवार सुबह 10 .30 बजे अपना फैसला सुनाया. बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी को तेजस्वी यादव को अपनी कथित टिप्पणी ‘केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं’ को वापस लेते हुए एक ‘उचित बयान’ दाखिल करने का निर्देश दिया था.
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