गणतंत्र दिवस:दिखा स्वदेशी हथियारों का दम, K-9 वज्र, अर्जुन टैंक, NAG मिसाइल
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर भव्य परेड का आयोजन हुआ। अलग-अलग थीम वाली कई राज्यों की झांकियां निकाली गई। साथ ही भारत ने मेक इन इंडिया हथियारों का जलवा दिखाया। पूरी दुनिया ने भारत के स्वदेशी हथियारों की ताकत देखी। पहली बार स्वदेशी 105 एमएम इंडियन फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके अलावा स्वदेशी एलसीएच प्रचंड हेलीकॉप्टर, के-9 वज्र तोप, अर्जुन टैंक, NAG मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम को परेड में शामिल किया गया।
के-9 वज्र तोप
लद्दाख में चीनी सीमा के पास तैनात इन होवित्जर तोपों का निर्माण गुजरात के हजीरा में लार्सन एंड टूब्रो फैक्ट्री में किया गया है। यह हथियार ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। 16,000 फीट की ऊंचाई तक के पहाड़ों में 50 किलोमीटर के लक्ष्य पर सफलतापूर्वक निशाना साधने में ये सक्षम हैं। रही हैं।
अर्जुन टैंक
मेन बैटल टैंक (MBT) अर्जुन ने भी सेना की ताकत बढ़ाई है। डीआरडीओ ने इस टैंक का निर्माण किया है। ये सटीक निशाना लगाने में माहिर है। इसलिए इसे महान धनुर्धर अर्जुन के नाम पर रखा गया है। इसके अलावा यह टैंक युद्ध क्षेत्र में बिछाई गई माइंस को साफ करते हुए आसानी से आगे बढ़ सकता है। केमिकल अटैक से बचाने के के लिए विशेष तरह के सेंसर लगे हैं।
नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल
इस मिसाइल का निर्माण डीआरडीओ ने किया है। इसकी खासियत है कि ये मिसाइल बड़े टैंक्स को भी किसी भी मौसम में निशाना बना सकती है। इसमें इंफ्रारेड भी है, जो लॉन्च से पहले टारगेट को लॉक करता है और फिर हमला बोल देता है। लक्ष्य भेदने की इसकी क्षमता काफी सटीक है।
लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड
हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर (Light Combat Helicopter, LCH) प्रचंड भी गणतंत्र दिवस पर मार्च का हिस्सा बना। स्वदेशी प्रचंड हेलीकॉप्टरों को जोधपुर में भारतीय वायुसेना में हाल ही में शामिल किया गया था। प्रचंड दुश्मन को चकमा देने, कई तरह के गोला-बारूद ले जाने और उसे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने में सक्षम है।
देश आज अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। हर बार की तरह इस बार भी परेड और अलग-अलग राज्यों की झांकी निकाली गई, लेकिन यह पहली दफा था कि ये सब राजपथ की जगह कर्तव्य पथ पर हुआ। इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह में कई चीजें पहली दफा हुई।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पहली बार गणतंत्र दिवस पर देश का नेतृत्व किया। वे पहली बार देश के मुख्य अतिथि और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सिसी के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंची।
- परेड की शुरुआत पहली बार मिस्र के सैन्य दल द्वारा किया गया। इन सशस्त्र बलों का नेतृत्व कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल ने किया।
- गणतंत्र दिवस की परेड में पहली बार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की पूरी महिला टुकड़ी दिखीं। नौसेना सहित कई अन्य सैन्य टुकड़ियों में इस बार महिलाएं शामिल दिखीं। एक महिला अधिकारी के नेतृत्व में नौसेना की टुकड़ी में 3 सैनिक और 6 अग्निवीर दिखे।
- 74वें गणतंत्र दिवस पर देश ने दुनिया की एकमात्र सक्रिय घुड़सवार सेना ’61वीं कैवेलरी’ रेजिमेंट देखी। 61 कैवेलरी रेजिमेंट में सभी ‘स्टेट हॉर्स यूनिट्स’ समिलित हैं और इसका नारा ‘अश्व शक्ति यशोबल’ है।
- परेड में 75 आर्मर्ड रेजीमेंट के ‘अर्जुन’ टैंक भी देखा गया। इसका नेतृत्व कैप्टन अमनजीत सिंह ने किया। MBT अर्जुन भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित तीसरी पीढ़ी का मुख्य युद्धक टैंक है।
- गणतंत्र दिवस पर 17 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और 6 विभिन्न सरकारी मंत्रालयों से 23 झांकियों का प्रदर्शन किया गया। इन झांकियों के जरिए भारत की सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक प्रगति और राष्ट्रीय सुरक्षा को दिखाया गया।
- यूपी की झांकी में इस बार अयोध्या में मनाई जाने वाली दीपावली को दिखाया गया। वहीं, हरियाणा की झांकी में भगवद गीता पर आधारित प्रदर्शनी दिखाई गई। झांकी में भगवान कृष्ण को अर्जुन के सारथी के रूप में दर्शाया गया।
- परेड में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने एक शानदार फ्लाईपास्ट और एयर डिस्प्ले प्रस्तुत किया, जिसमें तीनों सेनाओं के 50 विमान और हेलीकॉप्टर शामिल थे। इसमें वायु सेना के 45 विमान, नौसेना का एक और थलसेना के चार हेलीकॉप्टर शामिल थे, जिन्होंने अपने करतब और पेशेवर कौशल का प्रदर्शन किया।
- इस बार सबसे खास बात यह रही की गणतंत्र दिवस के कार्यकर्म में सेंट्रल विस्टा, कर्तव्य पथ और नए संसद भवन के निर्माण से जुड़े श्रमिकों, दूध, सब्जी व रेहड़ी पटरी वालों को सबसे आगे की लाइन में बिठाया गया।
- गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रव्यापी ‘वंदे भारतम’ नृत्य प्रतियोगिता के माध्यम से चुने गए 479 कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।
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