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देवघर में 44 घंटे बाद पूरा हुआ रेस्क्यू आपरेशन, 46 लोग बचाए गए, तीन की मौत. - श्रीनारद मीडिया

देवघर में 44 घंटे बाद पूरा हुआ रेस्क्यू आपरेशन, 46 लोग बचाए गए, तीन की मौत.

देवघर में 44 घंटे बाद पूरा हुआ रेस्क्यू आपरेशन, 46 लोग बचाए गए, तीन की मौत.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

झारखंड के देवघर में त्रिकुट पर्वत पर रोपवे पर फंसे 46 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। करीब 44 घंटे के बाद इन लोगों को सुरक्षित बचाया गया।

झारखंड के देवघर से एक बुरी सामने आई है। देवघर के त्रिकुट पर्वत पर रोपवे पर फंसे 46 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाल लिया गया है। त्रिकुट पर्वत पर रोपवे  पर फंसे लोगों को निकालने के लिए करीब 44 घंटे तक रेस्क्यू कर इन लोगों को सुरक्षित निकाला जा पाया है।  इस मामले में 26 अप्रैल को हाईकोर्ट भी सुनवाई करने जा रहा है।

भारतीय सेना ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन 

भारतीय सेना ने देवघर में रोपवे में फंसे आखिरी शख्स छठी लाल साह को सुरक्षित निकाल लिया है। दोपहर करीब 12 बजकर 55 मिनट पर अभियान समाप्ति की घोषणा की गई। दो दिन तक चले रेस्क्यू आपरेशन में 46 लोगों की जान बचाई गई ।

26 अप्रैल को हाईकोर्ट करेगी सुनवाई

देवघर रोप-वे की घटना पर झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। झारखंड हाईकोर्ट इस मामले में 26 अप्रैल को सुनवाई करेगी। इससे पहले राज्य को एक हलफनामे के जरिए विस्तृत जांच रिपोर्ट दाख़िल करने को कहा गया है। बता दें कि रोप-वे हादसे में फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए आज सुबह(मंगलवार) रेस्क्यू ऑपरेशन फिर से शुरू किया गया था।

झारखंड के देवघर में रोपवे हादसे के बाद फंसे लोगों को निकालने के लिए चला ऑपरेशन समाप्त हो गया है। 40 घंटे तक चले इस मुश्किल और लंबे ऑपरेशन के दौरान तीन लोगों की दर्दनाक मौत भी हो गई। यह हादसा ऐसा था, जिसके चलते लोगों की सांसें अटक गईं और वे जीवन और मौत के बीच फंसे हुए थे। इस अभियान के दौरान जिन तीन लोगों की मौत हुई है, उनमें से दो लोग तो रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ही करीब 1,500 फीट की ऊंचाई से आ गिरे थे। दरअसल रविवार को शाम 5 बजे देवघर के त्रिकूट में यह हादसा हुआ था, जब रोपवे पर दो केबल कार आपस में टकरा गई थीं। इसके चलते रोपवे का संचालन ही पूरी तरह से ठप हो गया और 70 लोग फंस गए।

हादसे के बाद से ही लोगों को निकालने की कोशिशें की जाने लगीं और अंत में भारतीय वायुसेना के विमानों को भी इस बचाव अभियान में तैनात किया गया था। यह अभियान मंगलवार को दोपहर तक चला। आज भी करीब 12 लोग इस अभियान के तहत बचाए गए। इस हादसे की भयावहता को इस बता से समझा जा सकता है कि पहाड़ी पर फंसे हुए लोगों को ड्रोन के जरिए खाने-पीने की चीजें दी गई थीं। इसके अलावा सोमवार रात को बचाव अभियान को रोकना पड़ गया था। पूरे अभियानके दौरान ही करीब तीन लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें से एक शख्स बंगाल का था, जो हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू के दौरान नीचे गिर पड़ा था।

रेस्क्यू के दौरान 1,500 फीट नीचे गिरी महिला, मौत

इसके अलावा मंगलवार को भी एक महिला रेस्क्यू के दौरान नीचे आ गिरी। उसे हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा था, लेकिन संतुलन बिगड़ा और वह 1,500 फीट नीचे आ गिरी। इस घटना में कई लोग घायल भी हुए हैं। देवघर के जिला कलेक्टर मंजूनाथ ने कहा कि घायलों को देवघर सदर अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है। इस बीच देवघर रोपवे हादसे का झारखंड हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। अदालत ने इस मामले की जांच का भी आदेश दिया है और 26 अप्रैल तक रिपोर्ट जमा कराने को कहा है।

पीएम मोदी भी ले रहे थे बचाव अभियान का अपडेट

बता दें कि इस हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी भी नजर बनाए हुए थे। उन्होंने होम मिनिस्टर अमित शाह से भी इस मामले की जानकारी ली थी। रोपवे हादसे के बाद फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए सरकार ने आईटीबीपी के जवानों और इंडियन एयर फोर्स को लगाया था। इसके अलावा नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स को भी इसमें तैनात किया गया था।

हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान

रोप वे हादसा मामले पर झारखंड हाइकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट ने पूरी घटना पर राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए मामले की सुनवाई के लिए 26 अप्रैल की तारीख तय की है.

जवान को भी बचाया गया

आपको बता दें कि सैलानियों को रेस्क्यू करने के दौरान एयरफोर्स का एक जवान जो ट्रॉली में फंस गया था उसे भी बचा लिया गया है. बता दें कि सोमवार की शाम को जब रेस्क्यू ऑपरेशन रोका गया तब 20 नंबर ट्रॉली में 5 लोगों के साथ एक बच्चा, 19 नंबर ट्रॉली में 2 लोग, 7 नंबर ट्रॉली में भी 2 लोग और 6 नंबर ट्रॉली में 5 लोग फंसे थे.

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