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विद्वतापूर्ण शोध की परिचायक है शोध पत्रिकाएंः प्रो. सोमनाथ सचदेवा - श्रीनारद मीडिया

विद्वतापूर्ण शोध की परिचायक है शोध पत्रिकाएंः प्रो. सोमनाथ सचदेवा

विद्वतापूर्ण शोध की परिचायक है शोध पत्रिकाएंः प्रो. सोमनाथ सचदेवा

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कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने शोध पत्रिकाओं के नवीनतम अंक किए जारी

श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा और कुलसचिव डॉ. वीरेंद्र पाल ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शोध पत्रिका (केयूआरजे) और जर्नल ऑफ हरियाणा स्टडीज (जेएचएस) के एक-एक अंक का विमोचन किया। इस अवसर पर दोनों पत्रिकाओं के प्रधान संपादक प्रो. दिनेश के. गुप्ता और उनके संपादकीय बोर्ड के सदस्य भी मौजूद थे।

इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि शोध पत्रिकाएं विद्वतापूर्ण शोध की परिचायक हैं। शोध एवं अनुसंधान के आधार पर किसी भी राष्ट्र में नवाचार, उद्यमिता, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास के साथ-साथ समावेशी विकास के ढांचे को मजबूत किया जा सकता है। शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा देना कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्राथमिकता है। कुलपति प्रो. सोमनाथ ने पत्रिकाओं के माध्यम से किए गए विद्वत्तापूर्ण योगदान की सराहना की व उच्च प्रकाशन मानकों को बनाए रखने के लिए संपादकीय टीम को बधाई दी। कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने पत्रिकाओं की समीक्षा प्रक्रिया और बहु-विषयक दृष्टिकोण की भी सराहना की।

प्रो. दिनेश गुप्ता ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी के लिए प्रकाशित भगवद गीता पर जेएचएस का विशेष अंक और सीडीओई सम्मेलन के लिए जारी एनईपी 2020 के संदर्भ में दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा पर केयूआरजे का विशेष अंक पहले ही अच्छी प्रतिक्रिया पा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यूजीसी केयर लिस्ट ऑफ जर्नल्स को बंद करने के साथ, शोधकर्ता अब मानक अकादमिक पत्रिकाओं की पहचान करने के लिए आठ प्रमुख मापदंडों द्वारा निर्देशित होते हैं।

उन्होंने कहा कि केयूआरजे और जेएचएस दोनों ही लगभग सभी मानदंडों को पूरा करते हैं, जिससे अकादमिक हलकों में उनकी विश्वसनीयता और महत्व मजबूत होता है। संकाय सदस्यों और शोध विद्वानों को अपने काम में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, प्रो. गुप्ता ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये अर्धवार्षिक पत्रिकाएं सहकर्मी- समीक्षित, रेफरीड, बहु-विषयक, और बहुभाषी हैं। इस मौके पर कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल, सामाजिक विज्ञान के डीन प्रो. एस. के. चहल के साथ-साथ प्रो. अशोक चौहान, डॉ. पवन कुमार, डॉ. जितेंद्र भारद्वाज, डॉ. अर्चना, डॉ. जिम्मी शर्मा, राहुल वर्मा और संजय शर्मा मौजूद थे।

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