बिहार में सवा लाख शिक्षकों की बहाली 15 अगस्त तक, काउंसिलिंग की
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श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
बिहार सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने के वायदे पूरा करने के लिए कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। इसी कड़ी में शिक्षकों के सवा लाख पदों के लिए काउंसिलिंग का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। इन पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया 15 अगस्त तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है। इसके अलावा राज्य के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 37,440 पदों पर शिक्षकों की बहाली की तैयारी चल रही है। यह बहाली राज्य में छठे चरण के तहत सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति से अलग है। शिक्षा विभाग ने तय किया है कि अपग्रेड किए गए माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के जो नये पद सृजन किए गए हैं उन पदों पर शिक्षकों की बहाली प्राथमिकता में होगी ताकि विद्यार्थियों को आगे पढ़ाई में दिक्कत नहीं हो। शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने पिछले दिनों कहा था कि राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षक का कोई पद खाली नहीं रहने दिया जाएगा।
सवा लाख शिक्षकों की काउंसिलिंग पांच से, 15 अगस्त से पहले नियुक्ति
काउंसिलिंग की तिथि-नियोजन इकाई-स्थान
05 जुलाई : नगर निकाय नियोजन इकाई- जिला मुख्यालय
07 जुलाई : प्रखंड नियोजन इकाई-जिला मुख्यालय
12 जुलाई : पंचायत नियोजन इकाई-प्रखंड मुख्यालय
बिहार में सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति का इंतजार खत्म हो गया है। काउंसिलिंग की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए यह अच्छी खबर है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बुधवार को बताया कि पांच जुलाई से मेधा सूची के आधार पर शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग होगी और 15 अगस्त से पहले चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंप दिया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से काउंसिलिंग संबंधी शिड्यूल भी जारी कर दिया गया है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में करीब 94 हजार प्रारंभिक और 30 हजार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न कराई जा रही है। छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों को आवेदन के लिए एक और मौका दिया गया है। उनके आवेदन 11 जून से जमा लिए जा रहे और इसकी अंतिम तिथि 25 जून है। ऐसे दिव्यांग अभ्यर्थियों से प्राप्त हो रहे नए यानी ताजा आवेदनों की जब नियोजनवार समीक्षा की गई तो स्पष्ट हुआ कि 75 फीसद नियोजन इकाइयों में छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों के एक भी ताजा आवेदन आए ही नहीं।
इसलिए यह फैसला लिया गया कि ऐसी नियोजन इकाइयों में पहले से तैयार मेधा सूची के आधार पर अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग शुरू कराई जाए, ताकि 15 अगस्त से पहले सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित हो सके। उन्होंने बताया कि पांच जुलाई को नगर निकाय नियोजन इकाई के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग जिला मुख्यालय में होगी। सात जुलाई को प्रखंड नियोजन इकाई के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग भी जिला मुख्यालय में होगी। 12 जुलाई को पंचायत नियोजन इकाई के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग प्रखंड मुख्यालय में होगी। इस दौरान कोविड प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य होगा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि जिन नियोजन इकाइयों में छूटे हुए दिव्यांग अभ्यर्थियों के नए आवेदन आए हैं या आ रहे हैं, उनमें दो से नौ अगस्त के बीच काउंसिलिंग होगी। दो अगस्त को नगर निकाय नियोजन इकाई, चार अगस्त को प्रखंड नियोजन इकाई और नौ अगस्त को पंचायत नियोजन इकाई के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग होगी। इससे पहले नियोजन इकाइयों में दो जुलाई तक औपबंधिक मेधा सूची की तैयारी और प्रकाशन होगा। तीन से नौ जुलाई तक मेधा सूची पर आपत्तियां ली जाएंगी। 12 जुलाई तक आपत्तियों का निराकरण और 15 जुलाई तक मेधा सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। 24 जुलाई को जिला द्वारा मेधा सूची का अनुमोदन और 27 जुलाई को नियोजन इकाई द्वारा मेधा सूची का सार्वजनीकरण किया जाएगा।
चयनित अभ्यर्थियों की डिग्रियों की आनलाइन जांच कराई जाएगी। इसके लिए मैट्रिक का अंक पत्र व प्रमाण पत्र, इंटर का अंक पत्र तथा प्रमाण पत्र, स्नातक का अंक पत्र और प्रमाण पत्र, शिक्षक प्रशिक्षण का अंक पत्र व प्रमाण पत्र, शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्णता प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र एवं आवासीय प्रमाण पत्र काउंसिलिंग के दिन ही नियोजन इकाई को देने होंगे। इसके अगले दिन नियोजन इकाई को सभी प्रमाण पत्रों को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को सौंपना होगा, ताकि उन प्रमाण पत्रों को विभागीय वेबसाइट पर शीघ्र अपलोड किया जा सके।
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