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भारतीय सेना के सेवानिवृत कैप्टन ज्ञानेंद्र सिंह ने ऐतिहासिक नेयामतपुर आश्रम से किया सामाजिक कर्तव्य बोध यात्रा का शुभारंभ। - श्रीनारद मीडिया

भारतीय सेना के सेवानिवृत कैप्टन ज्ञानेंद्र सिंह ने ऐतिहासिक नेयामतपुर आश्रम से किया सामाजिक कर्तव्य बोध यात्रा का शुभारंभ।

श्रीनारद मीडिया, प्रभात कुमार मिश्रा, गया (बिहार)

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भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कैप्टन ज्ञानेंद्र सिंह के नेतृत्व में सामाजिक कर्तव्य बोध यात्रा का शुभारंभ मंगलवार को बेलागंज के ऐतिहासिक नेयामतपुर आश्रम से किया गया। सामाजिक कर्तव्य बोध यात्रा पर निकलने से पूर्व कैप्टन ज्ञानेंद्र सिंह ने ऐतिहासिक नेयामतपुर आश्रम में स्थापित किसान नेता एवं महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित यदुनंदन शर्मा के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान मौके पर उपस्थित पंडित यदुनंदन शर्मा सेवा आश्रम ट्रस्ट के सदस्यों ने कैप्टन को फूलों का माला और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया।

अपने सामाजिक कर्तव्य बोध यात्रा के शुभारंभ के दौरान नेयामतपुर आश्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कैप्टन ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि देश और प्रदेश में भारी मात्रा में विलुप्त होने के कगार पर रहे ऐतिहासिक धरोहरों, पौराणिक स्थानों और गुमनाम महापुरुषों का संरक्षण देश के सरकार और समाज दोनों की अहम जिम्मेदारी है। लेकिन अफसोस यह है कि ऐसे महापुरूषों और ऐतिहासिक धरोहरों को सरकार तो नजरअंदाज कर हीं रही है। समाज भी इनसे विमुख होने लगा है, जो चिंता के साथ साथ शर्मींदगी का सवाल है।

अबतक इस दिशा सरकार और समाज दोनो ओर काफी शिथिलता बरती जा रही है। जिसके कारण ऐसे पवित्र स्थलों और महान शख्शियतों को उपेक्षित रखा गया है। उन्होंने कहा कि देश की सेवा से निवृत होने के बाद अब समाज सेवा भी एक बड़ी जिम्मेदारी है। हमें इस मिट्टी से लगाव है और उसका कर्ज उतारकर की जीवन को सफल बनाया जा सकता है। हमारा लक्ष्य है कि देश के ऐतिहासिक, पौराणिक स्थानों का विकास और गुमनाम महापुरुषों को सम्मान दिलाया जाए। उन्होंने नेयामतपुर आश्रम की पवित्र मिट्टी को नमन करते हुए कहा कि जिस स्थल से हम अपनी यात्रा का आरंभ कर रहे हैं। वो स्थल देश में अपना योगदान और स्थान रखता है। देश के आजादी और जमींदारी उन्मूलन आंदोलन के क्रांतिकारी नेता पंडित यदुनंदन शर्मा का योगदान अतुलनीय है।

उनका देश प्रदेश के किसानों के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देना उनकी महानता का जीता जगता प्रतिबिंब है। बाबजूद यहां की हालत और इस पवित्र स्थल की उपेक्षा सरकार के कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया गया इनकी उपेक्षा के लिए सरकार और समाज दोनों बराबर के दोषी हैं। दोनों को इसके लिए आगे आकर काम करने की आवश्यकता है। यात्रा के शुभारंभ के दौरान मौके पर पंडित यदुनंदन ट्रस्ट के संरक्षक सरोज सिंह, अध्यक्ष रविशंकर कुमार, रामप्रवेश सिंह, कुनाल कश्यप आदि लोग उपस्थित थे।

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