ट्रेन से उतरी गर्भवती को ऑटो से भेजा RIMS, रास्ते में प्रसव के दौरान नवजात की मौत.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
रेल यात्रियों की सुरक्षा का दंभ भरनेवाले रांची रेल मंडल की बदइंतजामी ने शनिवार को एक नवजात की जान ले ली. एलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस से (03352) सफर कर रही गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर रांची रेलवे स्टेशन पर उतारा गया, लेकिन यहां न तो डॉक्टर मिले न ही एंबुलेंस मिली. बाद में उसे आरपीएफ जवानों के साथ ऑटो में डालकर रिम्स भेज दिया गया. रास्ते में ही बच्चे का शरीर गर्भ से बाहर आ गया, जबकि सिर अंदर फंसा रह गया. जब महिला रिम्स पहुंची, तो वहां के डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. हालांकि, महिला खतरे से बाहर बतायी जा रही है. इधर, रेलवे प्रशासन मामले की लीपापोती में जुट गया है.
बिहार के नवादा जिले के मोरमा गांव निवासी रंजन कुमार अपनी गर्भवती पत्नी काजल और तीन साल के बच्चे के साथ चेन्नई से धनबाद जा रहे थे. ये लोग ट्रेन के कोच नंबर-एस 11 बर्थ नंबर के 58 व 64 पर सफर कर रहे थे. शनिवार तड़के 4:00 बजे ट्रेन में ही उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी. हालांकि, इन्होंने किसी सहयात्री या रेलवे कर्मचारी को इसकी सूचना नहीं दी. ट्रेन के रांची पहुंचने से पहले महिला की हालत ज्यादा खराब होने लगी, तो पति ने यहीं उतरने का फैसला किया.
ट्रेन सुबह 5:20 बजे रांची स्टेशन पर पहुंची. यहां कोच के एक यात्री ने आरपीएफ के शिफ्ट अफसर एसआइ धीरेंद्र कुमार को गर्भवती को प्रसव पीड़ा होने की जानकारी दी. इस पर ‘मेरी सहेली’ की टीम ने महिला को ट्रेन से नीचे उतारा और रेल अधिकारियों को मेडिकल सुविधा व एंबुलेस उपलब्ध कराने के लिए सूचित किया लेकिन न तो एंबुलेंस पहुंची न ही मेडिकल टीम. इसके बाद आरपीएफ के अधिकारियों ने गर्भवती को ऑटो से रिम्स भेज दिया. उसके साथ ‘मेरी सहेली’ की मंजू कुजूर, इंस्पेक्टर सुनीता पन्ना और प्रियंका कुमारी भी थी.