ऋषि सुनक बने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री

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भारत पर हुकूमत करने वाले मुल्‍क की कमान अब एक भारतवंशी के हाथ

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

दिवाली के मौके पर भारत को एक और बड़ा दिवाली गिफ्ट मिला है. ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने गए हैं. ऐसा पहली बार है जब कोई भारतीय मूल का नागरिक ब्रिटेन का प्रधानमंत्री चुना गया है. सुनक को आधे से भी ज्यादा ब्रिटिश सांसदों ने कंजर्वेटिव पार्टी का नेता चुना है. सुनक बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद से ही प्रधानमंत्री पद की रेस में थे, लेकिन लिज ट्रस के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. बाद में ट्रस को इस्तीफा देना पड़ा और इसके बाद फिर से सुनक ने पीएम पद पर दावेदारी पेश की थी.

पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में एक थे, लेकिन सांसदों ने उन्हें नकार दिया. जॉनसन ने बीती रात ही साफ कर दिया कि वह प्रधानमंत्री की रेस से बाहर हो रहे हैं. इसके बाद एक और ब्रिटिश सांसद पेनी मोर्डौंट भी पीएम पद की रेस में थीं लेकिन सांसदों ने उन्हें फोन कर स्टेप-डाउन करने को कहा था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें सिर्फ 26 सांसदों ने समर्थन दिया. हालांकि पहले उन्होंने 100 सांसदों के समर्थन का दावा किया था.

भारतीय मूल के सांसदों का समर्थन

ऋषि सुनक को भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसदों ने भी समर्थन दिया. बोरिस जॉनसन की वफादार रहीं एक सांसद प्रीति पटेल ने भी ऋषि सुनक को अपना समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि सुनक को लीड करने का मौका दिया जाना चाहिए. प्रीति पटेल जॉनसन सरकार में गृह सचिव थीं. उन्होंने पिछले महीने लिज़ ट्रस के प्रधान मंत्री चुने जाने पर कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा कि अपने देश के लिए इस कठिन समय में हमें जनता की सेवा को प्राथमिकता देते हुए एकजुट होकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुनक को नए नेता के रूप में सफल होने का सबसे अच्छा मौका देने के लिए टोरीज़ को राजनीतिक मतभेदों को अलग रखना चाहिए.

सुनक बोले दिन-रात करेंगे काम

लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद सुनक ने एक बार फिर अपना प्रचार अभियान तेज कर दिया था. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के एक महान देश है, जो एक गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है. सुनक ने ट्रस सरकार द्वारा पिछले सप्ताह घोषित कर कटौती की आलोचना की और कहा कि वह विनाशकारी कर कटौती वाले बजट का अनुपालन कर सफल नहीं हो सकते हैं. सुनक ने सरकार के स्तर पर ईमानदारी रखने, पेशेवर रवैया अपनाने और जवाबदेह रहने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए वह दिन-रात काम करेंगे.

इतिहास रचने को तैयार

वहीं समाचार एजेंसी पीटीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पेनी मोर्डंट के रेस से हटने के बाद दीवाली के मौके पर गवर्निंग कंजरवेटिव पार्टी के नए नेता के रूप में निर्विरोध चुने जाने के बाद ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री के रूप में इतिहास रचने को तैयार हैं।

आधे से अधिक टोरी सांसदों का मिला साथ

पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक 42 वर्षीय सुनक ने 357 टोरी सांसदों में आधे से अधिक का सार्वजनिक समर्थन हासिल किया। कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों की समिति के अध्यक्ष सर ग्राहम ब्रैडी ने संसद परिसर में घोषणा की कि उन्हें केवल एक नामांकन प्राप्त हुआ इसलिए सुनक ही यूके पीएम की रेस के विजेता हैं।

अर्थव्‍यवस्‍था को उबारने की चुनौती

सुनक का कहना है कि यूनाइटेड किंगडम एक महान देश है लेकिन मौजूदा वक्‍त में वह बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। इसलिए मैं अपनी पार्टी को एकजुट करते हुए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना चाहता हूं।सुनक ने पूर्व पीएम बोरिस जानसन की भी तारीफ की और कहा कि उन्‍होंने ब्रेक्जिट, कोरोना महामारी और यूक्रेन युद्ध समेत बड़ी चुनौतियों के बीच यूके का नेतृत्व किया।

सख्‍त फैसले लेने के दे चुके हैं संकेत

अब ऋषि सुनक बकिंघम पैलेस में महाराजा चार्ल्स तृतीय से मुलाकात करेंगे। महाराजा चार्ल्स तृतीय से मुलाकात के बाद वह प्रधानमंत्री के रूप में लंदन स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय यानी 10, डाउनिंग स्ट्रीट में कदम रखेंगे। ऐसा पहली बार है जब भारत पर वर्षों राज करने वाले ब्रिटेन की सत्‍ता एक भारत वंशी के हाथ में होगी। सुनक के सामने ब्रिटेन को आर्थिक मंदी से निकालने की बड़ी चुनौती होगी। ऋषि सुनक पूर्व में सख्‍त फैसले लेने के संकेत दे चुके हैं।

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