उर्वरक घोटाला में RJD सांसद एडी सिंह 10 दिन के लिए ED की हिरासत में भेजे गए.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
राजद के राज्यसभा सांसद अमरेंद्रधारी सिंह (एडी सिंह) को दिल्ली की अदालत ने दस दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है। उर्वरक घोटाले में आरोपी एडी सिंह पर मनी लांड्रिंग का आरोप ईडी ने लगाया है। इसी मामले में पूछताछ के लिए हिरासत मांगी गई थी। ईडी की टीम ने नई दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास से एडी सिंह को गुरुवार की सुबह गिरफ्तार किया था। सिंह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबी माने जाते हैं। उनकी गिरफ्तारी की खबर से दिल्ली से बिहार तक राजनैतिक हलचल तेज हो गई।
राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश दिग्विनय सिंह की अदालत ने ईडी के वकील की दलील सुनने के बाद ईडी को रिमांड पर देने का फैसला सुनाया। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान ईडी विशेष लोक अभियोजक अमित महाजन ने राज्यसभा सांसद को 14 दिन की रिमांड पर देने की मांग की। अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपी सांसद से बहुत जरूरी सवाल-जवाब करने हैं, ताकि इस अनसुलझी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके। वहीं ईडी की तरफ से पेश दूसरे विशेष लोक अभियोजक नीतेश राणा ने अदालत से कहा कि आरोपी का बहुत सारे दस्तावेजों से सामना कराना है। ताकि इन दस्तावेजों से साक्ष्य एकत्रित किए जा सकें।
सांसद को ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। यह मामला आईएफएफसीओ और इंडिया पोटस लिमिटेड(आईपीएल) में कथित तौर पर उर्वरक घोटाले से जुड़ा है। इस मामले में सीबीआई ने पिछले महीने भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया था। राज्यसभा सांसद धारी ज्योति ट्रेडिंग कार्पोरेशन फर्म में कथित तौर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर आसीन बताए जा रहे हैं। इसी को लेकर सीबीआई ने पहले सांसद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और फिर ईडी ने भी इस मामले में अलग से मुकदमा दर्ज करते हुए सांसद को गिरफ्तार किया। इसके बाद अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया है। गिरफ्तारी के बाद एडी सिंह से दिल्ली स्थित ईडी दफ्तर में पूछताछ की गई। सूत्रों के मुताबिक यूएस अवस्थी और अमरेंद्रधारी सिंह के करीबी और कारोबारी संबंध रहे हैं, जिसे लेकर जांच एजेंसी पूछताछ कर रही है।
क्या है पूरा मामला
सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कहा है कि इफको और आईपीएल (इंडियन पोटाश लिमिटेड) ने मिलकर कई विदेशी सप्लायरों से महंगे दामों पर हजारों मीट्रिक टन फर्टिलाइजर और अन्य कच्चे माल का आयात किया। इसमें सब्सिडी के नाम पर सरकार को चूना लगा दिया था। सीबीआई ने इस मामले में 685 करोड़ के अवैध कमीशन की बात कही है। इनमें से 481 करोड़ रुपए दुबई की फर्म रेअर अर्थ ग्रुप के जरिए आने की बात कही गई है। इस मामले में सीबीआई के साथ अब ईडी की टीम भी तेजी से जांच में जुट गई है। ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
एडी ही नहीं अन्य राजद सांसदों पर भी दर्ज हुए हैं मुकदमे
राजद के राज्यसभा सांसद अमरेंद्रधारी सिंह को ईडी द्वारा फर्टिलाइजर घोटाले में गिरफ्तारी कर लिया गया। मगर एडी सिंह अकेले ऐसे राजद नेता नहीं हैं, जिनके दामन पर यह छींटे आए हों। राजद के कई अन्य सांसदों के दामन भी दागदार रहे हैं। फिलवक्त पार्टी का लोकसभा में कोई सांसद नहीं है। जबकि राज्यसभा में पांच सांसद हैं। राजद सुप्रीमो की बेटी और पार्टी की राज्यसभा सांसद मीसा भारती मनी लॉन्ड्रिंग के केस का सामना कर रही हैँ।
ईडी द्वारा दिल्ली में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। राजद के दूसरे राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता पर भी ईडी और सीबीआई द्वारा केस दर्ज किया जा चुका है। श्री गुप्ता ने बीते साल मार्च में राज्यसभा के लिए दाखिल अपने नामांकन पत्र के साथ दिए हलफनामे में ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग व अन्य केस का हवाला दिया गया है। इसके अलावा राजद के एक अन्य राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम भी वर्ष 2013 में उस वक्त खासे चर्चा में आए थे जब पटना पुलिस ने उनके आशियाना मोड़ स्थित आवास पर छापेमारी की थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार तब ढाई करोड़ रुपए नकद और एक डायरी मिली थी, जिसमें कटिहार मेडिकल कॉलेज में एडमीशन के नाम पर लेनदेन का जिक्र था। इस मामले में पुलिस ने श्री करीम व एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी।
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