पंचायत भवनों में RTPS सेंटर खुले हो गये तीन वर्ष, नहीं बना एक भी प्रमाण पत्र, नाराज विभाग ने सभी डीएम को लिखा पत्र 

 पंचायत भवनों में RTPS सेंटर खुले हो गये तीन वर्ष, नहीं बना एक भी प्रमाण पत्र,

नाराज विभाग ने सभी डीएम को लिखा पत्र

 

15 अगस्त 2021 तक सभी बने हुए पंचायत भवन में आरटीपीएस काउंटर खोलने की तैयारी,

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RTPS काउंटर नहीं खुलता है और कुछ गड़बड़ी होती है तो वैसे अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

किसी भी कीमत पर 15 अगस्त से यह सुविधा हो जाएगी शुरू : मंत्री सम्राट चौधरी

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

बिहार   के लगभग 5 हज़ार पंचायतों में बने आरटीपीएस काउंटर (RTPS Counter) से पिछले 3 वर्षों में एक भी प्रमाण पत्र नहीं बना. सरकार ने तीन साल पहले ही इस योजना की शुरुआत की थी. जिसके तहत लोगों को जाति प्रमाण पत्र, आवासीय सहित अन्य प्रमाण पत्र बनाने के लिए कहीं और जाने की जरूरत होगी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस योजना की शुरुआत अभी तक नहीं हो सकी है. BJP विधायक नारायण प्रसाद (Narayan Prasad) ने इस संबंध में मुख्यमंत्री से शिकायत की थी. जिसके बाद अब पंचायती राज विभाग ने सभी DM को पत्र लिखा है. साथ ही लापरवाह पदाधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी में है. 15 अगस्त 2021 तक सभी बने हुए पंचायत भवन में आरटीपीएस काउंटर खोलने की तैयारी की जा रही है.

विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी का कहना है कि किसी भी कीमत पर 15 अगस्त से यह सुविधा शुरू हो जाएगी. यदि RTPS काउंटर नहीं खुलता है और कुछ गड़बड़ी होती है तो वैसे अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है. आरटीपीएस काउंटर खोलने के लिए सभी पंचायतों में कर्मचारियों की नियुक्ति भी कर दी गई है.

  विभाग ने लिखा अधिकारियों को पत्र

सभी पंचायतों में आरटीपीएस काउंटर खोलने के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद भी काम शुरू नहीं होने पर पंचायती राज विभाग ने नाराजगी जाहिर की. बिहार के सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है. पंचायती राज विभाग द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि इस संबंध में विधायक नारायण प्रसाद द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था, जिसमे कहा गया कि आज तक एक भी पंचायत भवन से लोगों को यह सुविधा नहीं मिल रही. जबकि वहां कार्यपालक सहायकों की तैनाती भी हो चुकी है. इतना समय बीत जाने के बाद भी पूरे बिहार में एक भी प्रमाण-पत्र निर्गत क्यों नहीं किया गया. जबकि आरटीपीएस केंद्र के संचालन में लाखों रुपए हर महीने खर्च किए जा रहे हैं. पूरे मामले में DM से कहा गया है कि जल्द इस व्यवस्था को शुरू की जाए

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