इस कारण अब निकासी मार्ग को फिर से बदलने की तैयारी की जा रही है। श्रद्धालु रामजन्मभूमि पथ से राम मंदिर में भेजे जाएंगे और अंगद टीले की ओर बने गेट से निकाले जाएंगे। रामजन्मभूमि परिसर के गेट नंबर-तीन को पुन: बंद कर दिया जाएगा।
अभी इसी गेट से ही श्रद्धालुओं की वापसी कराई जा रही है। डेढ़ माह पूर्व श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी होने के बाद दर्शन व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों से विचार-विमर्श के उपरांत निकासी मार्ग परिवर्तित करा दिया था। 

गेट नंबर तीन से होगी न‍िकासी की व्‍यवस्‍था

दर्शन के लिए राम मंदिर में जाने वाले दर्शनार्थियों को रामपथ से गुजारते हुए रामजन्मभूमि पथ से प्रवेश कराया जा रहा था और दर्शनोपरांत यात्री सुविधा केंद्र के सामने और वैकल्पिक गर्भगृह के पीछे से रामजन्मभूमि परिसर के गेट नंबर तीन से निकाला जा रहा था। 

 

श्रद्धालुओं की संख्‍या में आई कमी 

प्रवेश व निकासी मार्ग में दूरी बढ़ जाने से रामपथ पर दबाव कम हो गया था और राम मंदिर में भी दिनभर में बड़ी संख्या में दर्शनार्थी दर्शन कर पा रहे थे। अब जबकि प्रयागराज में महाकुंभ समाप्त हो गया है तो पूरे अयोध्या धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आ गई है। 

पुरानी दर्शन व्‍यवस्‍था दोबारा लागू करने की तैयारी 

इस कारण फिर से पुरानी दर्शन व्यवस्था लागू करने की तैयारी की जा रही है। रामलला के दर्शनार्थी रामजन्मभूमि पथ से प्रवेश पाकर दर्शनाेपरांत अंगद टीले की ओर से निकाले जाएंगे। एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे ने बताया कि दर्शनार्थियों की संख्या काफी कम हो जाने के कारण निकासी मार्ग को बदलने पर विचार किया जा रहा है। 

दो लाख से ज्‍यादा भक्‍तों ने क‍िया दर्शन पूजन 

शनिवार को शाम तक लगभग दो लाख से अधिक दर्शनार्थियों ने दर्शन किया है। यदि रविवार के बाद भी भक्तों की संख्या सामान्य स्तर पर बनी रही तो ट्रस्ट पदाधिकारियों से वार्ता कर सोमवार से भक्तों की निकासी अंगद टीले की ओर से ही कराई जाएगी।