सोनपुर मेला में रूस के कलाकारों ने लोक नृत्य से बांधा समा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में ऐतिहासिक व विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले का शुभारंभ हो चुका है. इसके बाद देश सहित विदेश से लोग यहां मेला देखने के लिए आ रहे हैं. इसी बीच रशिया के कलाकारों ने यहां प्रस्तुति दी है और लोक नृत्य का प्रदर्शन करके समां बांध दिया. सोनपुर मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें रूसी कलाकारों की ओर से टाउन हॉल में नृत्य कला की प्रस्तुति की गई.
इनके द्वारा किए गए नृत्य ने दर्शकों का दिल जीत लिया. सभी को इनकी कला खूब पसंद आई. इनका अंदाज भी थोड़ा अलग था. सोनपुर मेले में दूर दराज से लोग पहुंच रहे हैं. इसमें विदेशी कलाकारों को भी कला की प्रस्तुति देने के लिए बुलाया गया था. स्थानीय जिलों में भी विदेशी कला की प्रस्तुति हो रही है.
कलाकारों ने भारत देश की तारीफ की
कलाकारों का लोक नृत्य देखकर दर्शक काफी खुश हुए. दूसरी ओर रशिया के कलाकारों को भी भारत आकर काफी अच्छा लगा. इन्होंने भारत की जमकर तारीफ की है. इन्होंने कहा कि भारत परफेक्ट देश है. यह देश इन्हें खूब पसंद है. यहां के लोग भी काफी अच्छे है. कलाकारों ने सोनपुर के मेले की भी तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि यहां का दृश्य काफी अच्छा है. यहां के लोगों का व्यवहार भी काफी अच्छा है. कार्यक्रम का मुख्य मकसद दो देशों के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान करना होता है.
सोनपुर मेले में कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन
कलाकारों का नृत्य लोगों को खूब पसंद आया. इससे दोनों देशों के बीच के रिश्ते भी मजबूत होंगे. ऐसी प्रस्तुति का मकसद ही यही होता है. रशिया से आए 15 कलाकारों ने यहां प्रस्तुति दी है. इनकी कला की लोगों ने खूब सराहना की है. एक घंटे के कार्यक्रम में उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया. लोगों को रशिया के लोक नृत्य की झलक देखने को मिली है. एक घंटे तक उन्होंने कार्यक्रम में रंग जमा दिया. कार्यक्रम के बाद रशिया से आए सभी कलाकार काफी खुश थे. इन्हें भारत बहुत पसंद भी आया. मालूम हो कि सोनपुर मेले में कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इसी बीच रशिया से आए कलाकारों ने भी अपनी कला का जादू बिखेरा है.
दूर- दूर से मेले में पहुंचते है लोग
सोनपुर मेले में कई तरह की चीजों को देखने के लिए लोग आते हैं. इस ऐतिहासिक मेले में दूर- दूर से लोग आकर खरीददारी करते हैं. 26 दिसंबर तक सोनपुर मेला चलने वाला है. 32 दिनों के लिए इस मेले का आयोजन किया गया है. यहां नक्शा भी उपलब्ध है. साथ ही फूलों के बाजार को भी सजाया गया है. यहां लोगों के लिए गाइड का भी खास इंतजाम किया गया है. मालूम हो कि इसे एशिया का सबसे बड़ा मेला कहा जाता है. मेले में विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 20 स्विस कॉटेज को बनाया गया है. इसमें रहने का खर्च दो हजार के आसपास का है. टूरिस्ट गाइड के लिए भी रहने, खाने, ठहरने की खास व्यवस्था की गई है. पटना से सोनपुर के लिए स्पेशल टूट पैकेज भी है.