आग से झुलसी साध्वी ने इलाज के दौरान नाश्वर शरीर का किया त्याग
श्रीनारद मीडिया, एम सावर्ण, भगवानपुर हाट, सीवान (बिहार):
सिद्ध संत स्वामी रौनक दास महा प्रभु की समाधि प्रखंड के सारी पट्टी रौनक नगर स्थित समाधि
स्थल की पुजारण साध्वी पागल माता ने 80 वर्ष की आयु में गुरुवार की रात अपने नाश्वर तन का त्याग कर परलोक गमण कर गई । साध्वी पागल माता ( सुलोचना दास ) 20 दिसंबर को आग से बुरी तरह झुलस गई थी । जिनका उपचार पटना स्थित पी एम सी एच में चल रहा था । उन्होंने अपना नाश्वर तन गुरुवार की मध्य रात के बाद त्यागा है । इससे पहले पागल माता पिकप से धक्का लगने के कारण बुरी तरह जख्मी हो गई थी । जिनका उपचार चल रहा था । इसी बीच वह आग के अलाव से झुलस गई थी । पागल माता के परलोक गमन। कि खबर पर भक्तो एवं ग्रामीणों में उदासी छाई हुई है ।
ग्रामीण पंचानंद सिंह , विद्या जी उपाध्याय , बिलास सिंह आदि ने बताया कि पागल माता लगभग 50 वर्षों से अधिक से स्वामी जी के समाधि की सेवा टहल कर रही थी । उन्हें सभी लोग
पागल माता ही कहा करते थे ।
कौन होगा समाधि का पुजारी .... पागल माता का परलोक गमन के बाद प्रश्न यह उठने लगा है कि कौन होगा इस पावन धाम संत शिरोमणि स्वामी रौनक दास महा प्रभु के समाधि का पुजारी ।
कौन करेगा समाधि एवं उसके संपति की देख रेख ।
अब तक बखरी मठ करता रहा है पुजारी तय …. स्वामी रौनक दास महा प्रभु के शिष्य स्वामी जगरनाथ स्वामी के समाधि स्थल सिसवन प्रखंड के बखरी मठ द्वारा अब तक इस केन्द्र बिन्दु
रौनक दास महा प्रभु के समाधि का पुजारी तय किया जाता रहा है लेकिन प्रश्न यह उठने लगा
है कि अब बखरी मठ भी इस स्थित में नहीं है कि यहां पुजारी तय करें । देखना है कि समाधि का पुजारी कौन होता है ।
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