सुरक्षित गर्भपात, प्रशिक्षित चिकित्सको से 12 सप्ताह तक करा सकते हैं

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सुरक्षित गर्भपात सुविधा की जानकारी के लिए की गई समीक्षा बैठक:
सभी अस्पतालों में उपलब्ध है गर्भपात की सुविधा:
कम उम्र में गर्भधारण करना महिला व बच्चे के लिए नुकसानदायक:

श्रीनारद मीडिया, किशनगंज,(बिहार):


सुरक्षित गर्भपात के लिए लोगों को सही समय एवं योग्य चिकित्सक की जानकारी का होना आवश्यक है। इसकी जानकारी लोगों को आशा द्वारा आसानी से मिल सकती है। अनचाहा गर्भ किसी भी दम्पति को मानसिक तनाव एवं परेशानी में डाल देता है। ऐसे में दंपत्तियों द्वारा अचानक से गर्भपात का जोखिम भरा फैसला लिया जाता है और आनन-फानन में किसी भी चिकित्सक से जल्द ही गर्भपात करा दी जाती है जो भविष्य में महिला के स्वास्थ्य में परेशानी का सबब बनती है। इसे दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष तैयारी की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी अस्पतालों में योग्य चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है जिसके द्वारा सुरक्षित गर्भपात कराया जा सकता है। जिससे सम्बंधित महिला को भविष्य में किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। लोगों तक इसी स्वास्थ्य सुविधा की जानकारी पहुँचाने के लिए जिले के सदर अस्पताल में सदर अस्पताल उपधिक डॉ अनवर हुसैन की अध्यक्षता में समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। आई-पास डेवलपमेन्ट फाउंडेशन की ओर से विकास कुमार द्वारा सभी ओ टी एवं प्रसव कक्ष की सभी नर्स को सुरक्षित गर्भपात के लिए अस्पतालों में उपलब्ध योग्य चिकित्सक एवं गर्भपात के लिए सही समय की जानकारी दी गई। बैठक में महिला चिकित्सक डॉ शबनम यास्मिन, डी पी सी विश्वजीत कुमार, अस्पताल कर्मी उपस्थित रहीं।

कम उम्र में गर्भधारण करना महिला व बच्चे के लिए नुकसानदायक:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी परिवार नियोजन गाइडलाइन में इस बात की चर्चा भी की गयी है कि कम उम्र में गर्भधारण करना नुकसानदायक होता है। मातृ मृत्यु के 50 प्रतिशत मामलों में मृत्यु का कारण कम उम्र में मां बनना होता है। बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र की तुलना में बीस वर्ष से कम उम्र की किशोरियों या महिलाओं में प्रसव आमतौर पर अधिक जटिल होता है। साथ ही कम उम्र की माताओं के शिशुओं की प्रथम वर्ष में ही मृत्यु की संभावना भी बनी रहती है। आशा कर्मियों को अपने क्षेत्रों में लोगों को गर्भपात की जानकारी देने के साथ ही अनचाहे गर्भ से सुरक्षित रहने के लिए परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के उपयोग की भी जानकारी देने का निर्देश दिया गया।

गर्भपात की सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों में हैं उपलब्ध:
बैठक में आई-पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के प्रशिक्षक विकास कुमार ने बताया किसी भी दम्पति को गर्भपात प्रशिक्षित चिकित्सक से ही कराना चाहिए। जिले के सभी प्राथमिक अस्पताल में गर्भपात के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक उपलब्ध हैं। कोई भी गर्भवती महिला प्रथम तिमाही यानी 12 सप्ताह में अपना गर्भपात करवा सकती है। अगर किसी कारणवश दम्पति प्रथम तिमाही में गर्भपात नहीं करा पाए तो उन्हें परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। भारतीय कानून के एमटीपी एक्ट के अनुसार कोई भी दम्पति गर्भधारण के दूसरी तिमाही यानी 20 सप्ताह तक में गर्भपात करवा सकते हैं। लेकिन दूसरी तिमाही में गर्भपात थोड़ा कठिन होता है इसलिए इसके लिए अतिरिक्त चिकित्सकों की आवश्यकता होती है। जिले में यह सुविधा सदर अस्पताल में उपलब्ध है।

बेहतर गर्भपात के लिए कैक सुविधा सदर अस्पताल में उपलब्ध:
बैठक में महिला चिकित्सक डॉ शबनम यास्मिन ने बताया कि सदर अस्पताल में कैक सर्विस (कॉम्प्रीहेंशिव अबॉर्शन केयर) की उपलब्धता का साधन उपलब्ध है जिस कारण यदि कोई महिला कोविड-19 के कारण सुरक्षित गर्भपात नहीं करा सकी है और वह द्वितीय तिमाही में चली गई है तो उन्हें सदर अस्पताल में भेजा जा सकता है। जहां प्रशिक्षित चिकित्सक के द्वारा सुरक्षित गर्भपात संभव है। इसके साथ ही सभी अस्पतालों में गर्भपात के बाद स्वस्थ रहने के लिए जरूरी दवाइयां भी उपलब्ध हैं।

12 सप्ताह से 20 सप्ताह तक कानूनन वैध है गर्भपात की सुविधा:
सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने कहा 12 से 20 सप्ताह तक सुरक्षित गर्भपात की सुविधा कानूनन वैध है। इसके लिए लोगों को किसी भी अप्रशिक्षित चिकित्सक से गर्भपात कराने की जरूरत नहीं है। अप्रशिक्षित चिकित्सक से कराए गए गर्भपात भविष्य में महिला के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर दिखा सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के कारण बहुत से ऐसे दम्पति हैं जो अनचाहे गर्भ से मुक्त होना चाहते हैं। ऐसे लोगों को सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध गर्भपात की सुविधा की जानकारी होना आवश्यक है जो आशा कर्मियों द्वारा सम्भव है। आशा को अपने क्षेत्र के लोगों को जागरूक करना चाहिए जिससे लोग सरकारी अस्पतालों में योग्य चिकित्सकों से ही गर्भपात करा सके।

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