विदाई की बेला में भावविह्वल हुए संत और श्रद्धालु
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड क्षेत्र के दीनदयालपुर बाजार स्थित रामजानकी मंदिर के प्रांगण में राधा-कृष्ण प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ की पूर्णाहुति हवन,पूजनादि के साथ की गयी। यज्ञ समिति के सदस्य और बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित होकर हवन एवं पूर्णाहुति की। इसके पूर्व यज्ञाचार्य शुभम मिश्र और उनकी मंडली के आचार्यों ने रामजानकी मंदिर में राधा कृष्ण की मूर्तियों की प्राणप्रतिष्ठा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच विधि-विधान से करायी।
मौके पर यज्ञाचार्य शुभम मिश्र और पुरोहितों द्वारा संतोष सोनी,धनंजय गुप्ता, ईश्वरदयाल सिंह,राजेश चौधरी, राकेश सिंह, मुन्ना सिंह आदि को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन कराया। मंडप में बने हवन कुंडके पास श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। इसके बाद यज्ञ समिति के सदस्य पप्पू सहित अन्य सदस्यों की देखरेख में विशाल भंडारे का आयोजन किया।
जिसमें हजारों श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया। वहीं अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक मनीष परासर जी के सान्निध्य में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का समापन हो गया। समापन के कथावाचक मनीष परासर और श्रीमद्भागवत कथा मण्डली की विदाई हुई। इस अवसर पर सभी आयोजक, श्रद्धालु और भक्त भावुक हो गए। समापन के बाद जब महायज्ञ के संयोजक सदगुरू दयानंद स्वामी, कथावाचक मनीष परासर,यज्ञाचार्य शुभम मिश्र और कथामण्डली के सदस्य श्रीअयोध्या धाम के लिए प्रस्थान करने वाले थे, उस वक्त रामजानकी मंदिर परिसर में श्रद्धालु भारी संख्या में उपस्थित हो गए।
विदाई की बेला में सभी लोगो की आँखों से आँसूओं से भर आयीं। ये पल ऐसा लगा कि जैसे जब राम अयोध्या से 14 वर्ष वनवास बीता कर लौट रहे हों। विदा होकर कथामंडली के पीछे-पीछे समस्त ग्रामीण भी चलने लगे।मनीष परासर महाराज अपनी आंसुओं को रोक न सके और श्रद्धालुओं की ओर देखकर वे फफक कर रो पड़े।यज्ञ पूर्णाहुति के मौके पर मठाधीश दिनेश्वर भारत, सरपंच पुत्र पप्पू सिंह,अजय मांझी,मुन्ना गिरि,राजेश चौधरी,पंकज गिरि,सरोज पाठक,गोविंद रजक, आरविंद सोनी, कमलेश प्रसाद, अजय गिरि आदि श्रद्धालु उपस्थित थे।
यह भी पढ़े
दिल्ली से मुजफ्फरपुर जा रही सप्तक्रांति एक्सप्रेस हादसे का शिकार होते होते बच गई
किशनगंज जिला खनन पदाधिकारी बीना कुमारी पर बिहार सरकार की गिरी गाज
भ्रष्टाचार पर राजनीति से कमजोर होता लोकतंत्र