सीवान में अवैध खनन कर निकाल रहे रेत-मिट्टी,क्यों?
आग लगने से तीन घर जलकर हुई राख, 12 लाख की संपत्ति बर्बाद
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
नदियों में पानी खत्म होने के बाद लोग जहां जलसंकट से परेशान हैं, वहीं खनन माफिया इसको भुनाने नदियों में लग गए हैं। सूखी नदियों के रास्तों पर अवैध रूप से रेत और मिट्टी का उत्खनन शुरू हो गया है। जीवन दायिनी कही जानी वाली दाहा व सरयू नदी का सीना इन दिनों रेत माफिया छलनी करने में लगे हैं।
इन नदियों में रोजाना रेत का अवैध तरीके से खनन का खेल लगातार जारी है। नदियों में अवैध रूप से चल रहे रेत उत्खनन कार्य से जहां शासन को लाखों रुपए के रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। इसके साथ ही नदियों के अस्तित्व पर संकट भी गहराता जा रहा है। कई जगह नदियों में रेत की खदान इतने ज्यादा बढ़ गए है कि वहां जनजीवन पर भी इसका असर दिखने लगा है।
जानकारी के मुताबिक रेत के इस अवैध कारोबार में प्रखण्ड के दबंग लोगों का खेल चल रहा है, जो दिन और रात रेत का अवैध कारोबार चला रहे हैं। जिले के गुठनी,दरौली,रघुनाथपु र व सिसवन में यह खेल खूब चल रहा है। इसमें कई ईंट भट्ठे के संचालक शामिल हैं।
बरसात में बढ़ जाती है रेत की मांग
सिसवन प्रखंड के दक्षिण में स्थित सरयू नदी में रेत का अवैध खनन तेज हो गया है। रेत माफिया बारिश के दौरान ऊंचे दामों पर रेत बेचकर भारी मुनाफा कमाते हैं। इसके चलते मानसून के पहले ही रेत निकाल कर जगह-जगह स्टॉक करने में लगे हैं। वहीं बारिश में निर्माण कार्य भी न रुके, इसके लिए रेत का स्टाॅक करना शुरू कर दिया है। इसके चलते रेत की मांग अधिक बढ़ गई है। ऐसे में रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। इस अवैध कारोबार को प्रशासन नहीं रोक पा रहा।
प्रखंड के इन इलाकों में चल रहा है धंधा
प्रखंड के जई छपरा, शुभहाता,कचनार, भागर, सिसवन, ग्यासपुर के पास से बहने वाली सरयू नदी घाट से अवैध रेत उत्खनन का मुख्य अड्डा है। यहां से रोज सैकड़ों ट्रैक्टर रेत निकाली जा रही। प्रशासन की ओर से क्षेत्र में रेत उत्खनन के लिए कोई लीज जारी नहीं की गई है।
प्रशासन ने एक बार चलाया था अभियान
खनन विभाग ने अभियान चलाया था लेकिन यह अभियान एक बार में ही ठंडा पड़ गया। इसके बाद कुछ दिनों रेत का अवैध उत्खनन बंद रहा और अब फिर स्थिति जस की तस हो गई। मानसून से पहले अवैध रेत उत्खनन में काफी तेजी आ गई है। रेत माफिया अधिक मुनाफा कमाने के लिए अभी से रेत का स्टॉक करने में जुट गए हैं।
आग लगने से तीन घर जलकर हुई राख, 12 लाख की संपत्ति बर्बाद
गुठनी प्रखण्ड के यादव बहेलिया गांव में शुक्रवार की दोपहर लगी भीषण आग से तीन घर और झोपड़ी जलकर राख हो गया। शुक्रवार की दोपहर यादव बहेलिया गांव में करीब बारह लाख रुपए से अधिक की संपति जलकर राख हो गई।
पीड़ित यादव बहेलिया गांव निवासी जयराम यादव, धर्मनाथ यादव, पारस नाथ यादव, जगरनाथ यादव का कहना की सुबह सुबह सभी लोग घर के जरूरी काम में व्यस्त थे। लेकिन खाना बनाते वक्त चूल्हे से निकली चिंगारी ने आग का विकराल रूप धारण कर लिया जो देखते ही देखते ही देखते आसपास के घरों को भी अपने आगोश मे ले लिया। उनका आरोप था की इस अगलगी में उनका घर, झोपड़ी, अनाज, नकदी, मोटरसाइकिल, कपड़ा, कागज, गैस सिलेंडर, आभूषण, पशु, समेत आवश्यक समान जल गए। लोगो की चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के गांव के लोग मौके पर पहुंचे।
उनका कहना था कि आग की लपटें इतनी तेज थी कि उसके पास जाना मुनासिब नहीं था। बावजूद स्थानीय ग्रामीणों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर आग पर किसी तरह काबू पाया। आग पर बालू, मिट्टी, पानी, कीचड़, झाड़ू से तीन घण्टे बाद जाकर काबू पाया। वही सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे जिला पार्षद सदस्य छोटेलाल यादव, सीआई कृष्णा कुमार गुप्ता, राजस्व कर्मचारी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात किया और घटना स्थल का गहनता से निरीक्षण किया।
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