बिहार में हुआ संघ कार्य का व्यापक विस्तार – डॉ मोहन सिंह

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श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार):

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में व्यापक विस्तार हुआ है। देश में 95,948 स्थानों पर 1,27,367 संघ कार्य चल रहा है। उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार में जहां पहले 1100 के आसपास दैनिक शाखाएं थीं वहीं अब कुल 2308 दैनिक शाखाएं लग रही हैं। इसी प्रकार साप्ताहिक मिलन की संख्या भी बढ़कर 850 और संघ मंडली 272 हो गई है। यह जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र कार्यवाह डॉ. मोहन सिंह ने विश्व संवाद केंद्र, पटना में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी।

डॉ. मोहन सिंह ने बेंगलुरु में संपन्न अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विगत 100 वर्षों से राष्ट्र को एकजुट रखने हेतु निरंतर कार्य कर रहा है। प्रतिवर्ष प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ कार्य की समीक्षा तथा देश की वर्तमान स्थिति पर सघन चर्चा होती है। बैठक में राष्ट्रीय महत्व से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए जाते हैं।

 

इस वर्ष प्रतिनिधि सभा में बांग्लादेश में हिंदू समाज पर हो रहे सुनियोजित हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। प्रतिनिधि सभा का मानना है कि वहां हिंदू और अल्पसंख्यक समुदायों पर इस्लामी कट्टरपंथी तत्वों द्वारा सुनियोजित हमले मानवाधिकार हनन का गंभीर विषय है। सभा ने प्रस्ताव के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों से इस संबंध में गंभीरता से संज्ञान लेने का आग्रह किया गया ताकि बांग्लादेश सरकार पर इन हिंसक गतिविधियों को रोकने का दबाव बन सके। प्रतिनिधि सभा ने बांग्लादेश के हिंदू समाज के साथ एकजुटता से खड़े रहने का आह्वान भी किया।

प्रतिनिधि सभा में भारत की अप्रतिम महिला स्वतंत्रता सेनानी महारानी अबक्का के 500 वें जयंती के अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। महारानी अबक्का ने दक्षिण कर्नाटक पर सफलतापूर्वक शासन किया था। उन्होंने पुर्तगाली आक्रमणकारियों को बार-बार परास्त किया तथा अपने राज्य की स्वतंत्रता बनाए रखी। अपनी कूटनीतिक निपुणता तथा उत्तर केरल के राजा जमोरिन जैसे शासको से किए गए सामरिक संधि के चलते उन्हें यह सफलता संभव हुई। इसीलिए उन्हें अभयारानी की संज्ञा भी दी गई थी।

प्रतिनिधि सभा में मणिपुर के वर्तमान स्थिति पर भी व्यापक चर्चा हुई। मणिपुर विगत 20 महीने से अशांत है। वहां दो समुदायों के बीच व्यापक प्रमाण में हुई हिंसा के वारदातों के कारण परस्पर अविश्वास एवं वे वैमनस्य उत्पन्न हो गया है। जिसके कारण वहां सामान्य जनता को प्रतिदिन जिंदगी के कई मामलों में अनेक प्रकार के कष्ट भुगतने पर रहे हैं। संघ एवं संघ प्रेरित सामाजिक संगठन वहां एक ओर हिंसक घटनाओं से प्रभावित लोगों की राहत के लिए कार्य कर रहा है, वहीं दूसरी ओर विविध समुदायों से निरंतर संपर्क कर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयत्न भी कर रहा है। संघ ने मणिपुर के सभी समुदायों से आग्रह किया कि वह मनस्ताप और अविश्वास छोड़कर परस्पर भाईचारे से सामाजिक एकात्मता के लिए मन बनाकर प्रयास करें।

प्रयागराज में संपन्न महाकुंभ में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा की गई अप्रतिम सहयोग की भी चर्चा हुई। दिव्यांगों के लिए समर्पित संगठन सक्षम ने पिछली बार जैसे इस वर्ष भी नेत्र कुंभ का आयोजन किया था। इसमें 2,37,964 लाभार्थियों के बीच 1,63,652 निशुल्क चश्मा वितरित किया गया तथा वहां 17,069 मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए गए। कुल 53 दिन चले इस सेवा कार्य में 300 से अधिक नेत्र चिकित्सकों और 2800 कार्यकर्ताओं ने सतत कार्य किया। इसी प्रकार पर्यावरण गतिविधि की योजना के तहत ‘एक थाली-एक थैला’ अभियान चलाया गया। यह अभियान अत्यंत सफल रहा। इसमें कुल 2241 संस्था संगठनों ने 7258 केंद्रों से कुल 14 लाख 17 हजार 64 थालियां तथा 13 लाख 46 हजार 128 थैलों का संग्रह किया। इसे कुंभ में विभिन्न पंडालों में वितरित किया गया। यह अभियान अपने आप में एक अनोखा प्रयोग था। जिसके कारण पर्यावरण जागृति लाने में और स्वच्छ कुंभ की कल्पना को जन-जन तक पहुंचने में उत्साहवर्धक सफलता मिली।

डॉ.मोहन सिंह ने कहा कि विजयादशमी 2025 के दिन संघ स्थापना का 100 वर्ष पूरा हो रहा है। संघ कार्य के विस्तार तथा सुढृढ़ीकरण को लेकर आने वाले वर्ष में विस्तृत कार्य योजना भी तय की गई है।

शताब्दी वर्ष में आयोजित होनेवाले कार्यक्रम तथा अभियान

1. शताब्दी वर्ष की शुरूआत विजयादशमी 2025 के अवसर पर होगी। इस अवसर पर संघ गणवेश में स्वयंसेवकांे के मंडल, खंड/नगर स्तर के कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।
2. नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक तीन सप्ताह तक बड़े पैमाने पर घर-घर संपर्क अभियान की योजना बनाई गई है, जिसका विषय श्हर गॉव-हर बस्ती-हर घरश् होगा। इस संपर्क अभियान के दौरान संघ साहित्य वितरित किया जाएगा और स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
3. सभी मंडलों और बस्तियों में हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एकता और सद्भाव, राष्ट्र के विकास में सभी का योगदान और पंच परिवर्तन में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी का संदेश दिया जाएगा।
4. खंड/नगर स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकें आयोजित की जाएंगी जिसका मुख्य उद्देश्य संगठित व समरसता समाज निर्माण होगा।
5. जिला स्तर पर प्रमुख नागरिक संवाद आयोजित होंगे। राष्ट्रीय विषयों पर सही विमर्श स्थापित करने और वर्तमान प्रचलित गलत विमर्श को दूर करने को लेकर व्यापक संवाद कार्यक्रम होंगे।
6. युवाओं के लिए विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 15 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण, सेवा गतिविधियों और पंच परिवर्तन पर केन्द्रित कार्यक्रम किए जाऐंगे।
7. प्रत्येक बस्ती तथा मंडल स्तर तक शाखा का विस्तार किया जायेगा।

आगामी वर्ष संघ का शताब्दी वर्ष है। इस निमित्त प्रतिनिधि सभा में यह भी चर्चा हुई कि संघ कार्य का नगरीय क्षेत्रों में प्रत्येक बस्ती स्तर तक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक मंडल स्तर तक विस्तार किया जाएगा। उत्तर बिहार में 759 बस्तियां हैं इसमें 336 बस्ती शाखायुक्त है। इसी प्रकार उत्तर बिहार के ग्रामीण जिलों में 1672 मंडल हैं जिसमें 726 मंडल शाखायुक्त हैं। दक्षिण बिहार में बस्तियों की कुल संख्या 1390 हैं। इसमें 415 बस्तियां शाखायुक्त है। दक्षिण बिहार में कुल मंडल 4374 है, जिसमें 1302 मंडल शाखायुक्त है। इस प्रकार बिहार में कुल मंडल 2702 हैं, जिसमें 576 मंडल शाखायुक्त हैं। बिहार के नगरीय क्षेत्रों में कुल 2149 बस्तियां हैं, जिसमें 751 बस्तियां शाखायुक्त हैं। संघ का लक्ष्य है कि बिहार की सभी बस्तियां और सभी मंडल संघ कार्य युक्त हो जाए।

 

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