सैगोंग फॉल्ट ने म्यांमार व थाईलैंड में मचाई तबाही
भूकंप से 1000 की हुई मौत, 2400 से ज्यादा घायल
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल है म्यांमार
सैगोंग शहर के पास से गुजरती है दरार
म्यांमार में धरती की सतह के नीचे की चट्टानों में एक बहुत बड़ी दरार मौजूद है, जो देश के कई हिस्सों से होकर गुजरती है। यह दरार म्यांमार के सैगोंग शहर के पास से गुजरती है इसलिए इसका नाम सैगोंग फॉल्ट पड़ा। यह म्यांमार में उत्तर से दक्षिण की तरफ 1200 किमी तक फैली हुई है।
तेजी से खिसक रही हैं चट्टानें लाती हैं शक्तिशाली भूकंप
इसे ‘स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट’ कहते हैं। इसका मतलब है कि इसके दोनों तरफ की चट्टानें एक-दूसरे के बगल से हॉरिजॉन्टल दिशा में खिसकती हैं, ऊपर-नीचे नहीं। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे दो किताबें टेबल पर रखी हों और उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ स्लाइड किया जाए। सैगोंग फॉल्ट में चट्टानों के खिसकने की अनुमानित रफ्तार 11 मिलीमीटर से 18 मिलीमीटर सालाना है।
चट्टानों के लगातार खिसकने से ऊर्जा का दबाव बनता है और यह समय-समय पर भूकंप के रूप में ऊर्जा बाहर निकलती है। सालाना 18 मिलीमीटर तक जमीन खिसकने का मतलब है कि यहां जमीन के नीचे काफी अधिक हलचल है। इसकी वजह से बड़े पैमाने पर ऊर्जा इकठ्ठा हो रही है, जो शक्तिशाली भूकंप ला सकती है।
इन देशों तक लगे भूकंप के झटके
म्यांमार में आए भूकंप से बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान हुआ है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 से अधिक थी और इसके झटके म्यांमार के अलावा थाईलैंड, बांग्लादेश, भारत, वियतनाम और चीन तक महसूस किए गए।
अगले हफ्ते थाईलैंड जाएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी अगले हफ्ते तीन व चार अप्रैल को बैंकाक की यात्रा पर जाने वाले हैं। वहां चार अप्रैल 2025 को छठा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन होने वाला है जिसमें भारत, थाईलैंड, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, भूटान और बांग्लादेश के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी थाईलैंड यात्रा की तैयारियां चल ही रही थीं कि ठीक एक हफ्ते पहले वहां भूकंप आ गया है। भूकंप से शिखर सम्मेलन पर होने वाले असर को लेकर जब सवाल पूछा गया तो विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, ‘हम थाईलैंड के साथ संपर्क में हैं। अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं है कि हम कुछ कह सकें।
म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अभी तक मरने वालों की संख्या 1000 से ज़्यादा हो गई है।शुक्रवार को दोपहर के समय आए भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के ठीक पश्चिम में था। इसका असर राजधानी नेपीताव सहित कई प्रमुख शहरी केंद्रों में महसूस किया गया है। इससे पहले शुरुआती रिपोर्ट्स में बताया गया था कि, म्यांमार में आए भूकंप की वजह से 694 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए।
भूकंप का केंद्र मांडले के पास था और इसने म्यांमार सहित थाईलैंड के बैंकॉक में भी नुकसान पहुंचाया। बैंकॉक में एक निर्माणाधीन इमारत गिरने से छह लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं।

भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई और इसके बाद कई आफ्टरशॉक्स आए, जिनमें से एक की तीव्रता 6.4 थी। म्यांमार के सैन्य शासन ने आधिकारिक तौर पर 694 मौतें और 730 घायलों की पुष्टि की। म्यांमार में भारत के अलावा चीन और रूस ने भी मदद भेजी है।
थाईलैंड में निर्माणाधीन इमारत गिरने से तबाही
थाईलैंड के बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 33 मंजिला इमारत भूकंप के कारण ढह गई। इमारत गिरने से आसपास के इलाके में भारी धूल और मलबा फैल गया। बैंकॉक में लोग भागते हुए दिखाई दिए और राहत कार्य जारी है।
सहायता और राहत प्रयासों की शुरुआत
म्यांमार सरकार ने राहत प्रयासों के लिए रक्तदान की अपील की और विदेशी मदद स्वीकार करने की बात की। चीन और रूस ने बचाव दल भेजे, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने आपात राहत कार्यों के लिए 5 मिलियन डॉलर आवंटित किए हैं।
चीन में भी महसूस हुआ भूकंप युनान और सिचुआन प्रांतों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। चीन के रुइली शहर में भूकंप के कारण कुछ इमारतों को नुकसान पहुंचा और वहां के निवासी भी इसकी तीव्रता से प्रभावित हुए।
अफगानिस्तान में डोली धरती
म्यांमार और थाईलैंड के अलावा शनिवार की सुबह अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। अफगानिस्तान में आए भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4.7 मापी गई। हालांकि, अभी तक किसी तरह के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है।
भारत ने भेजी राहत सामग्री
भारत ने म्यांमार की मदद के लिए 15 टन राहत सामग्री भेजी है। भारतीय वायुसेना का सी-130J सुपर हरक्यूलिस विमान हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से राहत सामग्री लेकर म्यांमार के लिए रवाना हुआ।
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