आकांक्षी प्रखंड आंदर के कस्तूरबा विद्यालय में छात्राओं के बीच सेनेटरी नेपकिन वितरण सह एनीमिया जांच शिविर आयोजित 

आकांक्षी प्रखंड आंदर के कस्तूरबा विद्यालय में छात्राओं के बीच सेनेटरी नेपकिन वितरण सह एनीमिया जांच शिविर आयोजित

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मासिक धर्म एक प्राकृतिक रूप से शारीरिक प्रक्रिया, लेकिन अनिवार्य रूप से स्वच्छता जरूरी: एमओआईसी

बगैर किसी हिचक के अपने परिजनों से समस्या साझा कर अनिवार्य रूप से चिकित्सकीय सहायता लेना चाहिए:

स्वच्छ माहवारी के लिए लोगों के स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देने की जरूरत: जिला प्रतिनिधि

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):


पूरे विश्व में जागरूकता बढ़ाना तथा मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन की उचित प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आकांक्षी प्रखंड आंदर के बरवां गांव स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की छात्राओं के बीच सेनेटरी नेपकिन का वितरण किया गया। वहीं 62 स्कूली बच्चियों का एनीमिया जांच किया गया। इस अवसर पर एमओआईसी डॉ दीपक कुमार, बीईओ बीरेंद्र कुमार केसरी, उक्त विद्यालय की प्राचार्य सीमा पाठक, वार्डन अनामिका और बिंदु कुमारी, जीएनएम प्रीतम कुमार, एएनएम पूजा कुमारी, कुमारी अंजू, पीरामल स्वास्थ्य के कार्यक्रम प्रमुख आनंद सिन्हा और राजेश तिवारी सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।

मासिक धर्म एक प्राकृतिक रूप से शारीरिक प्रक्रिया, लेकिन अनिवार्य रूप से स्वच्छता जरूरी: एमओआईसी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आंदर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दीपक कुमार ने कहा कि मासिक धर्म एक प्राकृतिक रूप से शारीरिक प्रक्रिया है। जो सभी महिलाओं में प्रत्येक महीने होने वाली यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मासिक धर्म के दौरान, महिला के गर्भाशय से रक्त और अन्य तरल पदार्थ स्रावित होती है। प्रत्येक महीने 3 से 5 दिन तक अनवरत रहने वाली यह प्रक्रिया (10 से 15 वर्ष) से शुरू होकर रजोनिवृत्ति (40 से 50 वर्ष) तक चलती है। शिक्षा और शिक्षित होने के बाद ही स्वास्थ्य से संबंधित जागरूकता आएगी। क्योंकि लड़कियों को कम से कम यह तो पता चले कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। शिक्षा से ही अंधेरा दूर होगा तो जनसंपर्क या सूचनाओं के आदान प्रदान से ही जागरूकता आएगी।

बगैर किसी हिचक के अपने परिजनों से समस्या साझा कर अनिवार्य रूप से चिकित्सकीय सहायता लेना चाहिए:
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी बीरेंद्र कुमार केसरी ने कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की छात्राओं और उपस्थित समूह से कहा कि माहवारी के दर्द और खोए हुए रक्त को पाने के लिए सभी महिलाओं को आयरन युक्त भोजन और पर्याप्त जल का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा उन्हें माहवारी के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखने के लिए नहाने, व्यायाम करने और पर्याप्त मात्रा में आराम करना अतिआवश्यक है। जिन लड़कियों को माहवारी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव, दर्द या योनि संक्रमण होता है, उन्हें बिना किसी हिचक के अपने परिजनों से समस्या साझा कर चिकित्सकीय सहायता लेना चाहिए।

 

स्वच्छ माहवारी के लिए लोगों के स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देने की जरूरत: जिला प्रतिनिधि
पीरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि कुंदन कुमार ने बताया कि माहवारी मानव अस्तित्व के लिए अतिआवश्यक है। स्वच्छ माहवारी के लिए लोगों के स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देने की जरूरत है। इसके लिए लोगों को जागरूक करने से मासिक धर्म के दौरान युवतियों को चिकित्सकीय सहायता लेने और आवश्यक सुविधाओं का लाभ लेने के लिए संकोच नहीं करना चाहिए। क्योंकि माहवारी के दौरान महिलाओं और युवतियों को बेहतर स्वास्थ के लिए आवश्यक पोषण के साथ- साथ शारीरिक गतिविधियों में इजाफा करने की जरूरत है। वहीं जिले के बड़हरिया प्रखंड अंतर्गत कैलगढ़ स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में पीरामल स्वास्थ्य के कार्यक्रम प्रमुख मिथिलेश कुमार के नेतृत्व में स्कूली छात्राओं के बीच पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित कर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाली छात्राओं को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया गया है।

 

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