सारण जिला भूमिहार नेतृत्व से मुक्त हो गया है–राजेश्वर चौहान.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

एक जमाना था जब बनियापुर और मढौरा विधानसभा सीट सारण जिले में भूमिहार जाति के लिए सुरक्षित समझी जाती थी. बनियापुर से कभी पंडित विश्वनाथ मिश्र उमा पाण्डेय रामाकान्त पाण्डेय फिर धूमल सिंह विधायक हुए. मढौरा विधानसभा से सूरज बाबा तो कभी सुरेन्द्र शर्मा विधायक हुए. धूमल सिंह एकमा विधानसभा से भी विधायक रहे.

चोकर बाबा अमनौर विधानसभा से विधायक रहे बैद्यनाथ पाण्डेय महाराजगंज से विधायक रहे. महाचन्द्र प्रसाद सिंह और रामकुमार सिंह सच्चिदानंद राय विधान परिषद के सदस्य रहे. रामदेव बाबू गिरिजा देबी महाराजगंज लोकसभा से सांसद रहे. कृष्णकांत बाबू तो बिहार की राजनीति की दिशा तय करते थे. सारण की राजनीति ने करवट खाई और सारण की धरती से राजनीति की सुझबुझ रखने वाली भूमिहार जाति सारण की राजनीतिक परिदृश्य से गायब हो गई अथवा कर दी गई.

जब बनियापुर विधानसभा से वीरेन्द्र ओझा जी लड़ाई में मज़बूत स्थित में थे जदयू का टिकट था तो सच्चिदानंद राय ने निर्दलीय चुनाव लडकर सारा खेल खराब कर दिया और बनियापुर जैसे क्षेत्र से भूमिहारों का नेतृत्व सदा के लिए अस्त हो गया. मढौरा को भी भूमिहार समाज नेतृत्व नहीं दे सका और राजनीति के खिलाडियों ने ऐसा होने में भरपूर खाद पानी डाला.

अमनौर विधानसभा से चोकर बाबा ने अपनी सेवा और मेहनत के बल पर लोकप्रियता हासिल की और भाजपा का टिकट लेकर विधानसभा में पहुंचे. उन्हें भी राजनीति के खिलाडियों ने ऐन वक्त पर बेटिकट कर दिया. बाबा को बेटिकट करने के लिए रातोंरात दूसरे दल से नेता बुलाकर भाजपा का कुर्ता पहना दिया गया. विधान परिषद के चुनाव हो रहे हैं और निवर्तमान पार्षद सच्चिदानंद राय को भी सारण के राजनीति के खिलाडियों ने बेटिकट बना दिया.

सारण जिला भूमिहार नेतृत्व से पूर्णतः मुक्त हो गया है. किसी भी राजनीतिक दल के जिला नेतृत्व में भूमिहारों की भूमिका लगभग शून्य है. मैं हिन्दू हूँ और भूमिहार कूल में मेरा जन्म हुआ है तथा यह मेरे लिए अत्यंत गर्व का विषय है. इसलिए मैं किसी राजनीति के खिलाडियों को आरोपित नहीं करते हुए भूमिहारों से निवेदन करना चाहता हूँ कि आप स्वयं आत्मचिंतन करें कि सारण में ऐसी स्थिति के लिए दोषी कौन है और भविष्य की राजनीति में अपना वजूद बनाये रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए. वे कौन सी शक्तियां हैं जिन्होंने एक मजबूत राजनीतिक समझ रखने वाली जाति को नेतृत्व विहीन बना दिया अगर हमने ऐसा नहीं किया तो आने वाली पीढियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी.

ये मेरे नितांत नीजी विचार हैं. नमस्कार.

 

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