सारण डीएम ने नीरा पेय स्‍टॉल का किया उदघाटन, स्वयं नीरा पीकर बताया स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभकारी 

सारण डीएम ने नीरा पेय स्‍टॉल का किया उदघाटन, स्वयं नीरा पीकर बताया स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभकारी

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

जिलेे में कुल 22 स्टॉल स्थापित किये जा चुके है

प्रतिदिन लगभग 850 लीटर नीरा का उत्पादन किया जा रहा है

श्रीनारद मीडिया, छपरा (बिहार):

सारण जिलाधिकारी   राजेश मीणा के द्वारा आज नीरा पौष्टिक पेय पदार्थ के व्यवसाय को बढ़ावा देने के उदेश्य से समाहरणालय परिसर में जिला अवर निबंधन कार्यालय के समीप जीविका दीदीयों के माध्यम से संचालित नीरा पेय के स्टॉल का उद्घाटन फीता काटकर किया गया। उद्घाटन के उपरांत जिलाधिकारी महोदय के द्वारा स्वयं नीरा का सेवन किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी के साथ उत्पाद अधीक्षक सारण  राजनीश, जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी सारण   कन्हैया कुमार, जिलाधिकारी के विशेष कार्य पदाधिकारी  रजनीश कुमार राय, जिला अवर निबंधन पदाधिकारी  नीष कुमार, जिला प्रोग्रोम पदाधिकारी जीविका   विनय कुमार एवं जीविका समूह की दीदीयॉ उपस्थित थी।


इस अवसर पर जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि बिहार सरकार की अति महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल नीरा का उत्पादन कार्य जीविका दीदीयॉ के माध्यम से किया जा रहा है। बिहार में लागू शराब बंदी कानून से प्रभावित शराब एवं ताड़ी का कारोबार करने वाले परिजनों के आर्थिकउपार्जन व जीविकोपार्जन को बढ़ावा देने एवं वैकल्पिक व्यवसाय सृजन हेतु सरकार के द्वारा लक्षित परिवारों को नीरा व्यवसाय से जोड़ने हेतु सराहनीय पहल की गयी है। ताड़ी एवं दारु व्यवसाय से जुड़े सभी चिन्हित परिवार को नीरा व्यवसाय से जोड़ने हेतु उनका क्षमतावर्द्धन कर उन्हें नीरा व्यवसाय से जोड़ने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है।
जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि नीरा पेय पदार्थ के बिक्री हेतु अब तक जिले के सभी बीस प्रखंडों में बीस नीरा स्टॉल खोला जा चुका है। आज समाहरणालय परिसर में दो स्टॉल प्रारंभ किया जा रहा है। इस प्रकार अब तक जिलेे में कुल 22 स्टॉल स्थापित किये जा चुके है। जहाँ लोगों को आसानी से नीरा उपलब्ध हो सकेगा।

 

सारण जिला में अभी तक 15850 लीटर नीरा का उत्पादन किया जा चुका है लगभग 850 लीटर नीरा का उत्पादन प्रतिदिन किया जा रहा है। जिला में 376 ट्रैपर को प्रशिक्षित किया गया था जिसमें 108 ट्रैपरों के द्वारा प्रतिदिन नीरा का उत्पादन एवं ब्रिक्री किया जा रहा है। सरकार के द्वारा इस व्यवसाय को बढ़ाने हेतु नीरा के बने अन्य उत्पाद जैसे पेड़ा, आईसक्रीम एवं बिस्किट बनाने हेतु भी क्षमतावर्द्धन किया गया है एवं संबंधित ट्रैपरों को इसके उत्पाद एवं बिक्री के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

जिलाधिकारी महोदय के द्वारा नीरा के संबंध में जानकारी देतेे हुए बताया कि नीरा पेय ताड़ व खजूर पेड़ से निकलने वाले प्रकृति प्रदत्त रस है। प्रकृति पदत्त रस का आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति से प्रसंस्करण कर पैकेजिंग किया जाता है। इसे ठंडा रखने हेतु फ्रीज का प्रयोग किया जाता है। इसमें खनिज लवण, कैल्शियम, फास्फोरस, लौह, विटामिन ए, बी एवं सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह पाचन शक्ति व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसके सेवन से पेट से संबंधित बीमारी दूर होता है तथा खून में हीमोग्लोबीन की कमी को पूरा करता है। इसलिए खून की कमी वालें व्यक्तियों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। नीरा के सेवन मात्र से ही कई बीमारी ठीक हो जाता है। सरकार द्वारा इस व्यवसाय को बढ़ावा देने का मकसद ताड़ी एवं दारु व्यवसाय से जुड़े परिवारों को आर्थिकपार्जन हेतु सही दिशा प्रदान करना भी है।

यह भी पढ़े

आवास सहायक पर पक्‍का घर वालों को आवास देने का लगा आरोप

टूटे बांध को बांधने के लिए सैकड़ो  किसानों ने की  बैठक

बेगूसराय में वेब पत्रकार की हत्या की डब्ल्यूजेएआई ने की तीखी भर्त्सना, सीएम को पत्र लिख त्वरित कार्रवाई का मांग किया

Leave a Reply

error: Content is protected !!