सर्वजन दवा सेवन अभियान- एमडीए कार्यक्रम का सदर अस्पताल सहित जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयों से हुआ शुभारंभ
जिलाधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दवा खाकर किया एमडीए अभियान का विधिवत उद्घाटन:
दवा सेवन के बाद साइड इफेक्ट्स की संभावना, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं: जिलाधिकारी
एमडीए अभियान में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1696 टीम का किया गया गठन: सिविल सर्जन
उम्र के हिसाब से तीन दिनों तक चिह्नित स्थलों व 14 दिनों तक गृह भ्रमण कर खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा: डॉ एमआर रंजन
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम शनिवार से शुरू हो गया। इसके तहत पंचायत व स्कूल स्तर पर वृहत पैमाने पर फाइलेरिया रोधी दवा सेवन कार्यक्रम का संचालन किया गया है। जहां नगर परिषद और नगर पंचायत सहित ग्रामीण क्षेत्रों के पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों की अगुआई में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान संचालित किया गया है।
वहीं सदर अस्पताल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार भट्ट और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मणिराज रंजन के द्वारा संयुक्त रूप से फीता काट कर विधिवत उद्घाटन करने के बाद फाइलेरिया रोधी दवा खुद खाकर शुभारंभ किया गया।इस अवसर पर डीआईओ डॉ अमित चंद्र मिश्रा, एनसीडीओ डॉ अनिल कुमार, डीपीएम विशाल कुमार सिंह, डीएमएनइ सह डीसीएम रवि शेखर, डीपीसी इमामुल होदा, वीबीडीसीओ राजेश कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के डीएल कुंदन कुमार, सिफार के डीसी जमाल अख्तर, पीसीआई के डीएमसी फिरोज आलम सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
दवा सेवन के बाद साइड इफेक्ट्स की संभावना, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं: जिलाधिकारी
एमडीए अभियान के शुभारंभ के बाद उपस्थित समूह को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने कहा कि जिले के 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं सहित गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों को दवा नहीं खानी है। जबकि शेष सभी जिलेवासियों को एमडीए अभियान के तहत दवा खिलाई जाएगी। सबसे अहम बात यह है कि दवा खाने से किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी।
लेकिन खाली पेट दवा नहीं खानी है। दवा सेवन के बाद साइड इफेक्ट्स हो सकता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अगर आपके शरीर के अंदर फाइलेरिया की बैक्टीरिया है तो उल्टी, दस्त या चक्कर जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं और ना ही किसी के बहकावे में आने की आवश्यकता है।
एमडीए अभियान में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1696 टीम का किया गया गठन: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार भट्ट ने फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शत प्रतिशत सफ़लता को लेकर स्वयं फाइलेरियारोधी डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली खाने के बाद कहा कि सरकार द्वारा फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए 10 फरवरी से सर्वजन दवा कार्यक्रम का आयोजन हो हुआ है। जिसके तहत जिले के सभी व्यक्तियों को दो दवाएं (डीईसी और अल्बेंडाजोल) खिलाई जाएंगी।
जिसके लिए जिले के 39, 13, 485 जनसंख्या में से 34, 44, 184 लक्षित लाभुकों को दवा खिलाने के लक्ष्य रखा गया है। जिले के 1721 गांव और 62 वार्डों में अभियान चलाया जाना है। जिसके लिए 1696 टीम का गठन किया गया है। जिसमें 2929 आशा कार्यकर्ताएं, 202 आंगनबाड़ी केंद्र और 260 स्वास्थ्य कार्यकर्ता को प्रतिनियुक्त किया गया है। वहीं, अभियान के अनुश्रवण के लिए 167 पर्यवेक्षकों को लगाया गया है। इसके अलावा जिले में एमडीए के सफल संचालन के लिए अल्बेंडाजोल की 39 लाख 13 हजार 485 टैबलेट्स और डीईसी की 97 लाख 84 हजार 613 टैबलेट्स मंगाई गई है।
उम्र के हिसाब से तीन दिनों तक चिह्नित स्थलों व 14 दिनों तक गृह भ्रमण कर खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा: डॉ एमआर रंजन
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मणिराज रंजन ने कहा कि 10 फरवरी से (तीन दिन) तक जिले के सरकारी कार्यालयों, स्कूल, कॉलेज, सिविल कोर्ट, जेल, वृद्धाश्रम, पुलिस लाइन, बैंक, अस्पताल, सामुदायिक भवन और सार्वजनिक स्थलों में आशा कार्यकर्ता या स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा दवा खिलाई जाएगी।
वहीं उसके बाद प्रत्येक कार्य दिवस से 14 दिनों तक जिले में दो आशा कार्यकर्ता जबकि शहरी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी सेविकाओं की टीम बनाकर लक्षित घरों में गृह भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में 02 वर्ष से 05 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 06 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो गोली तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी।
दवा खाने में बरतनी होगी सावधानियां:
एमडीए की गोली स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने ही खानी है।
खाली पेट दवा नहीं खानी है।
गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खानी है।
दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दवा नहीं खिलानी है।
गंभीर रूप से ग्रसित व्यक्तियों को दवा नही खिलाई जाएगी।
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