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25 जुलाई से शुरू होगा सावन महीना, जानिए भगवान भोलेनाथ को पूजा के दौरान क्या चढ़ाएं और क्या नहीं ?

25 जुलाई से शुरू होगा सावन महीना, जानिए भगवान भोलेनाथ को पूजा के दौरान क्या चढ़ाएं और क्या नहीं ?

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

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सावन का महीना इस साल 25 जुलाई से शुरू हो रहा है। सावन महीने को श्रावण मास भी कहा जाता है। सावन मास भगवान शिव को समर्पित है। सोमवार भी भोलेनाथ का दिन माना जाता है। ऐसे में हिंदू धर्म में सावन मास और उसके सोमवार का विशेष महत्व होता है। सावन मास के सोमवार को भगवान शंकर के जलाभिषेक का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि सावन मास और सावन सोमवार को विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं।

सावन मास में भगवान शंकर को अर्पित करें ये चीजें-

1. भगवान शंकर को दूध बेहद प्रिय है। इसलिए भगवान शंकर की पूजा में दूध का इस्तेमाल करना शुभ फलदायी माना जाता है। सावन महीने में शिव पूजा के समय शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। सावन में भगवान शंकर का दूध से रूद्राभिषेक करने से मनोकामना पूरी होने की मान्यता है।
2. सावन मास में भगवान शंकर को धतूरा, बेलपत्र, चंदन, केसर, भांग, इत्र, अक्षत, शक्कर, दही, घी, गंगाजल, शहद, गन्ने का रस और फूल आदि अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है।
3. भगवान शंकर को आक का लाल और सफेद पुष्प अर्पित करना बेहद शुभ होता है। मान्यता है कि इन फूलों को चढ़ाने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं।

भगवान शंकर को ना चढ़ाएं ये चीजें-

1. भगवान शंकर को केतकी और केवड़े का फूल चढ़ाना वर्जित है।
2. महादेव की पूजा में शंख वर्जित माना जाता है।
3. शास्त्रों के अनुसार, भोलेनाथ की पूजा में तुलसी दल भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
4. शिव जी की पूजा करते समय नारियल या नारियल का पानी नहीं इस्तेमाल करना चाहिए।
5. भगवान शिव को रोली या कुमकुम नहीं लगाना चाहिए। भोलेनाथ को सिर्फ चंदन लगाना चाहिए।

किस सोमवार को भगवान शिव को क्या चढ़ाएं-

प्रथम सोमवार : 26 जुलाई, धनिष्ठा  नक्षत्र। शक्कर युक्त दूध से प्रात:काल शिव जी का अभिषेक करें। सायंकाल शिव-पार्वती का पूजन करें।
द्वितीय सोमवार : 2 अगस्त, कृत्तिका नक्षत्र। अनार के रस से शिव जी का अभिषेक करें।
तृतीय सोमवार : 9 अगस्त, आश्लेषा नक्षत्र। शिवजी का दूध से अभिषेक कर चंदन का लेप करें और शेष चंदन को माथे पर लगाएं।
चतुर्थ सोमवार : 16 अगस्त , अनुराधा नक्षत्र। दूध में शहद मिला कर पीपल के पत्ते का चम्मच बना कर उससे शहद मिश्रित दूध का अभिषेक करें।

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