बिहार के खगड़िया में स्कूल की दीवार गिरी, 6 मजदूरों की दबकर मौत.
किशनगंज में डंफर और बाइक की भिड़ंत में बच्ची सहित तीन बहनों की मौत.
नसबंदी के दो साल बाद गर्भवती हुई 4 बच्चों की मां.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के खगड़िया जिले में सोमवार को उच्चतर माध्यमिक स्कूल की एक दीवार गिर गई। इस हादसे में छह मजदूरों की मौत हो गई। गोगरी प्रखंड के चैधा बन्नी चंडी टोला की ये घटना है। इस हादसे की सूचना के बाद तुरंत मौके पर पुलिस पहुंच गई और राहत और बचाव के कार्य में स्थानीय लोगों की मदद से जुट गई। अभी तक पुलिस ने 6 शवों को बरामद कर लिया है। मलबे के नीचे कुछ और लोगों के फंसे की आशंका जताई जा रही है। जेसीबी से दीवार का मलबा हटाने का काम जारी है। स्कूल के बगल में नाले का निर्माण किया जा रहा था, उसी दौरान स्कूल की दीवार ढह गई।
बिहार के सीमावर्ती जिले किशनगंज में भयावह हादसे में तीन सगी बहनों की मौत हो गई। यह जानलेवा हादसा सोमवार की दोपहर ठाकुरगंज खारूढह मार्ग पर निचितपुर के समीप सुबह डंफर और बाइक की टक्कर होने से हुआ।
इस दर्दनाक हादसे में एक बाइक पर सवार एक बच्ची सहित तीन बहनों की मौत हो गई वहीं बाइक चालक भी गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों की मदद से बाइक चालक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। वहीं ग्रामीणों ने हादसे के बाद डम्फर वाहन समेत चालक को पकड़ लिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस कार्रवाई कर रही है। जानकारी के अनुसार तीनों बहनें रिश्तेदार के घर बाइक से जा रही थी।
बिहार के सरकारी अस्पताल में नसबंदी करवाने के दो साल बाद एक महिला के गर्भवती होने का मामला सामने आया है। यह मामला अब उपभोक्ता अदालत तक पहुंच गया है। महिला मुजफ्फरपुर जिले की रहने वाली है। उसने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव पर उपभोक्ता न्यायालय में मामला दर्ज कराया है। महिला ने विभाग से 11 लाख का जुर्माना मांगा है।
इस मामले की सुनवाई के लिए 16 मार्च की तारीख तय की गई है। फुलकुमारी नाम की महिला ने सरकारी अस्पताल में परिवार नियोजन का ऑपरेशन करवाया था। इसके बाद भी वह गर्भवती हो गई है। फुलकुमारी मोतीपुर के महना गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने 27 जुलाई 2019 को मोतीपुर पीएचसी में ऑपरेशन करवाया था।
फुलकुमारी के पहले से चार बच्चे हैं और वह पांचवां बच्चा नहीं चाहती थीं। हालांकि कुछ दिन पहले ही उसे पता चला कि वह फिर से गर्भवती हो गई है। वह इस बच्चे के भरण-पोषण के लिए बिलकुल तैयार नहीं हैं। उन्होंने बताया कि जब मैंने मोतीपुर पीएचसी में जाकर अपने गर्भवती होने की जानकारी दी तो मेरा अल्ट्रासाउंड करवाया गया।
रिपोर्ट में फुलकुमारी गर्भवती पाई गईं। उन्होंने पांचवे बच्चे के पालन-पोषण के लिए सरकार से 11 लाख रुपये हर्जाने के तौर पर मांगे हैं। इस मामले पर फुलकुमारी के अधिवक्ता डॉ. एसके झा ने कहा कि यह गंभीर मामला है, जिसके लिए स्वास्थ्य महकमे के सर्वोच्च पदाधिकारी भी जिम्मेदार हैं। मामले में प्रधान सचिव के अलावा स्वास्थ्य सचिव, परिवार नियोजन के उपनिदेशक और मोतीपुर पीएचसी के प्रभारी डॉक्टर को पक्षकार बनाया गया है।
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