भगवानपुर हाट के पूर्व बीईओ के निधन पर माध्यमिक शिक्षक संघ ने शोक जताया

भगवानपुर हाट के पूर्व बीईओ के निधन पर माध्यमिक शिक्षक संघ ने शोक जताया

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
0
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
0
previous arrow
next arrow

# मोनाका दास शिक्षक के मार्गदर्शक थे

श्रीनारद मीडिया, मनोज तिवारी, छपरा (बिहार):


सारण जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के परीक्षा सचिव विद्यासागर विद्यार्थी ने शोक व्यक्त करते हुए बताया कि माध्यमिक शिक्षक संघ के जुझारू शिक्षक डॉ रजनीश कुमार के पिता मोनाका दास का निधन कोरोना के कारण हो गया। मोनाका दास सभी को अपना बना लेने वाले और सदैव ईश्वर में विश्वास करने वाले सेवानिवृत्त प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी थे।बताते चलें कि मोनाका दास भगवानपुर हाट ,सिवान में पूरी ईमानदारी से अपने पद को सुशोभित किये।दुःखद है कि उनका अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने इलाज के लिए पटना तक लेकर गये परन्तु एक अप्रैल को रात्रि 02:10 बजे ईश्वर को प्यारे हो गये ।इनके जाने से शिक्षक समाज एक कुशल मार्गदर्शक और हितैषी खो दिया है । सारण जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के तमाम पदाधिकारियों ने ईश्वर से कामना की है कि इनके आत्मा को शांति प्रदान करें।

# माध्यमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष व विधान पार्षद ने भी शोक जताया

माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष व बिहार विधान पार्षद माननीय श्री केदारनाथ पांडेय ने मोनाका दास के मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है।उन्होंने अपने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ये एक कुशल व सक्षम शिक्षा विभाग के अधिकारी थे। इनके मृत्यु से शिक्षक समुदाय में अपूर्णीय क्षति हुई है। वही पुत्र डॉ रजनीश कुमार को सांत्वना दी है। शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में सदर अनुमंडल सचिव सुजीत कुमार मरोड़ा अनुमंडल सचिव अवधेश यादव प्रखंड सचिव सुनील कुमार जितेंद्र राम दीनबंधु माझी मनोज कुमार शर्मा मनोज कुमार रत्नेश रत्ना अनवारूल हक अवधेश यादव मणि भूषण कुमार अर्न ज प्रकाश सिंह राजीव शर्मा सत्येंद्र पांडे सतीश कुमार प्रभु बैठा इत्यादि उपस्थित थे

 

यह भी पढ़े

करीब 76 करोड़ में बेची गई दुनिया की दूसरी सबसे महंगी नंबर प्लेट 

शिक्षक नेता व वरिष्ठ पत्रकार के सेवानिवृत्त शिक्षक पिता का निधन

परिस्थितियों ने बनाया था शहाबुद्दीन को पहली बार विधायक, सत्ता का संरक्षण पाते ही बन गये डान

बेहाल,बेरोजगार और हालात से मजबूर है मजदूर.

खुद हंसें और दूसरों को हंसाएं, हंसते रहना है बहुत कारगर.

आखिर राज्यों में स्वास्थ्य व्यवस्था क्यों धराशायी हो गई?

दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं और दर्शकों पर सत्यजित राय ने छोड़ा अमिट प्रभाव.

Leave a Reply

error: Content is protected !!