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केरल में जीका वायरस के खतरे को देख अलर्ट हुई केंद्र सरकार. - श्रीनारद मीडिया

केरल में जीका वायरस के खतरे को देख अलर्ट हुई केंद्र सरकार.

केरल में जीका वायरस के खतरे को देख अलर्ट हुई केंद्र सरकार.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

केरल में गर्भवती महिला समेत 14 लोगों में जीका वायरस की पुष्टि राज्य सरकार ने की है. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने गुरुवार को कहा था कि केरल में एक गर्भवती महिला में जीका वायरस की रिपोर्ट सकारात्मक आयी थी.जानकारी के मुताबिक, केरल में शुक्रवार को जीका वायरस के मामले बढ़ कर 14 हो गये हैं. गुरुवार को एक 24 वर्षीया गर्भवती महिला में जीका वायरस की पुष्टि स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने की थी. साथ ही बताया था कि 13 संदिग्धों के नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है.

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने शुक्रवार को भेजे गये नमूनों में 13 लोगों में सकारात्मकता की पुष्टि की है. इसके बाद राज्य को अलर्ट पर रखा गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने सभी गर्भवती महिलाओं को बुखार होने पर परीक्षण कराने की सलाह दी है.

जीका वायरस से संक्रमित होने पर लक्षण डेंगू के समान ही मिलते हैं. पीड़ित में बुखार, चकत्ते, जोड़ों का दर्द, आंखों का लाल होना, मांसपेशियों में दर्द आदि शामिल हैं. ये लक्षण कुछ दिनों से लेकर सप्ताह तक रह सकते हैं. इसमें ऐसा नहीं लगता कि अस्पताल जाने की जरूरत है.

इसके अलावा एक बार जब कोई व्यक्ति जीका वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो उसके भविष्य में होनेवाले संक्रमण से बचने की संभावना होती है. जीका वायरस से मौत की संख्या भी काफी कम होती हैं.

जीका वायरस का संक्रमण मच्छर के काटने से, गर्भवती महिला से उसके भ्रूण तक, रक्त आधान के जरिये और स्त्री-पुरुष संबंध स्थापित करने से फैल सकता है. इनमें से रक्त आधान के जरिये संक्रमण फैलने की बहुत संभावना है. हालांकि, अभी तक पुष्टि नहीं हुई है.

कोरोना संकट के बीच केरल में जीका वायरस (Zika Virus) की दस्‍तक से केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक जीका वायरस (Zika Virus) के 14 मामलों की पुष्टि के बाद केरल में अलर्ट जारी हो गया है। खतरे की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने हालात पर नजर रखने के लिए विशेषज्ञों की छह सदस्यीय केंद्रीय टीम को केरल भेजा है। यह टीम बीमारी से निपटने में राज्‍य सरकार की मदद करेगी। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जीका वायरस के कुछ मामले केरल से सामने आए हैं। स्थिति की निगरानी और राज्य सरकार की मदद करने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों की छह सदस्यीय टीम को केरल भेजने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसमें एम्स के वेक्टर जनित रोग विशेषज्ञ भी शामिल हैं। राज्य सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने शुक्रवार को जीका वायरस के 13 और मामलों की पुष्टि की।

जीका के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते हैं। इनमें बुखार, रैशेज यानी शरीर पर चकत्ते पड़ना और जोड़ों का दर्द शामिल है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा है कि जीका के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है। केरल में जीका वायरस का पहला केस 28 जून को सामने आया था। मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी से 24 साल की एक गर्भवती महिला संक्रमित मिली थी। इस संक्रमित महिला की कोई ट्रेवल हिस्‍ट्री नहीं है लेकिन उनका घर तमिलनाडु सीमा पर है।

जीका वायरस के कारण संक्रमित व्यक्ति सात से आठ दिन तक प्रभावित रहता है। वायरस गर्भवती महिला को ज्यादा प्रभावित करता है। इस संक्रमण की वजह से जन्म लेने वाला बच्चा अविकसित दिमाग के साथ पैदा होता है। ब्राजील में साल 2015 में जीका वायरस बड़े पैमाने पर फैल गया था। उस समय इस वायरस के कारण 1600 से अधिक बच्चे विकृति के साथ पैदा हुए थे। भारत में पहली बार जनवरी 2017 में जीका वायरस का मामला सामने आया था। यह वायरस असुरक्षित शारीरिक संबंध और संक्रमित खून से भी फैल सकता है।

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