वाराणसी में बिहार की सीमा पांडेय बनी महिला साशक्ती करण की सीमा
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी / “यत्र नर्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता:।यत्रेतास्तु न पूज्यंते सर्वास्तत्रफ्ला क्रिया:।
सीमा पांडेय सिर्फ़ एक सामान्य महिला का नहीं बल्की एक ऐसी फायर ब्रिगेड का नाम है जो न सिर्फ अपने लिए जीती हैं अपितु समाज की सोशित, दलित, पिछड़ी तथा अपने पति के दुर्व्यसनो के चलते प्रताड़ित महिलाओं के जीवन में न सिर्फ सहयोग करती हैं बल्की ऐसे लोगों के लिए एक चट्टान की भांति खड़ी होकर उन्हें आत्मनिर्भर बना कर समाज में उन्हें भी सिर उठा कर जीने की प्रेरणा देती हैं। आजकल के मॉर्डन युग में में भला कौन एक एसिड अटैक कि लड़की अथवा महिला से शादी करना चाहेगा या उनके हाथ का बना कोई खाद्य पदार्थ खाना चाहेगा.? ऐसे में ये उन महिलाओं के लिए भी अपनी सीमा के बाहर जाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का एक सफ़ल प्रयास करती हैं।
इस पुरुष प्रधान समाज में महिलाएं और ख़ास कर लड़कियां ज्यादा प्रताड़ित होती हैं ख़ास तौर पर आज के समय में जहां लिव इन रिलेशनशिप का जमाना हो ऐसे लोगों के लिए भी एक सीमा बन कर नवयुवतियों को जागरूक करने का सफ़ल प्रयास भी करती हैं। शायद इसी वजह से इन्हें बिहार से लेकर वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल में इन्हें फायर फाईटर लेडी के नाम जाना जाता है।स्वर्गीय पंडित गिरीश नारायण मिश्र के परिवार में जन्मी सीमा पांडेय जी झारखंड के जमशेद पुर से लेकर वाराणसी तथा पूरे पूर्वांचल में सीमा जी नारी सशक्ती, तथा महिला स्वलंबन अभियान के तहत कई मिशन पर आप सक्रिय रहीं हैं।