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जिला-जवार के स्वाभिमान मनोज भावुक - श्रीनारद मीडिया

जिला-जवार के स्वाभिमान मनोज भावुक

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श्रीनारद मीडिया, प्रकाश चन्द्र द्विवेदी, रघुनाथपुर, सीवान (बिहार)

जब केहू भोजपुरी भाषा के प्रचार-प्रसार, मान-सम्मान, ओहदा-ऊंचाई, पर प्रभाव आ शान-समृद्दि खातिर आपन पूरा जीवन झोंक देवे त ओकरा खातिर भोजपुरी भाषी लोग का ओर से एगो सैल्यूट त बनते बा।

सैल्यूट बा छोट भाई जइसन प्रिय मनोज भावुक के जे भोजपुरी खातिर इंग्लैंड-अफ्रीका के शानदार करियर के छोड़ के, परिवार आ समाज के विरोध झेलत, ताना सहत, तमाम तरह के आर्थिक परेशानी झेलत भोजपुरी के ना खाली गाँव-जवार, बिहार-पूर्वाञ्चल बल्कि विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित करे में आपन योगदान दे रहल बाड़ें। मनोज हमरा जिला सिवान के आन-बान-शान बाड़ें। हमार घर पंजवार ह।

मनोज के गाँव कौसड़ हमरा पड़ोस में बा, दक्षिण में ..घाघरा (सरयू) नदी के किनारे। मनोज के पूरा नाम मनोज कुमार सिंह ह। भावुक त ऊ कविता-कहानी लिखे में हो गइलें। भावुक उनकर उपनाम ह, तखल्लुस ह। शायर लोग लगावेला। मनोज भावुक भोजपुरी के नामी शायर हउवें। उनका गजल के किताब ‘तस्वीर जिंदगी के’ खातिर सिनेहस्ती गुलजार आ ठुमरी साम्राज्ञी गिरिजा देवी जइसन शख्सियत सम्मान दे चुकल बा। मनोज के भारतीय भाषा परिषद सम्मान मिलल 2006 में।

पिछला साल भोजपुरी साहित्य आ सिनेमा पर योगदान खातिर फिल्मफेयर आ फेमिना जइसन स्थापित ब्रांड के द्वारा मनोज भावुक के सम्मानित कइल गइल त दिल्ली में हमनी के अपना संस्था नवचेतना समिति, पंजवार द्वारा मनोज के भव्य अभिनंदन कइनी जा। एह अभिनंदन समारोह के भी मीडिया में खूब चर्चा भइल।

हाल ही में मनोज मॉरीशस से लौट के आइल बाड़ें। मॉरिशस में तीन दिवसीय ”अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी महोत्सव” रहल ह। ओह में मनोज के दुनिया के चुनिंदा दर्जन भर लोग में मॉरिशस सरकार द्वारा भारत से बतौर रिसोर्स पर्सन आ पैनलिस्ट बोलवाल गइल रहल ह। उहां ऊ भोजपुरी सिनेमा के सफर पर व्याख्यान देलें आ आपन बनावल डॉक्यूमेंट्री भी देखवलें।

मनोज एकरा पहिलहूँ मॉरीशस जा चुकल बाड़न। वर्ष 2014 में भोजपुरी भाषा आ साहित्य के प्रचार-प्रसार विश्व स्तर पर करे खातिर मॉरिशस के पूर्व राष्ट्रपति आ पूर्व प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ मनोज भावुक के अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी गौरव सम्मान, मॉरिशस 2014 से सम्मानित कइलें रहलन आ मॉरीशस के राष्ट्रपति कैलाश पुरयाग मनोज के भोजपुरी ग़ज़ल-संग्रह ”तस्वीर जिंदगी के” के विमोचन कइलें रहलन।

मनोज भोजपुरी भाषा के प्रचार-प्रसार खातिर अफ्रीका-यूरोप के कई गो देश के यात्रा कर चुकल बाड़न आ सउंसे दुनिया में भोजपुरी के परचम लहरा चुकल बाड़न। भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ युगांडा आ भोजपुरी समाज लंदन के संस्थापक बाड़न मनोज भावुक। विश्व भोजपुरी सम्मेलन के दिल्ली आ ग्रेट ब्रिटेन इकाई के अध्यक्ष भी रह चुकल बाड़न।

मनोज भावुक के बाबूजी स्वर्गीय रामदेव सिंह हिंडाल्को, रेनुकूट के पहिला मजदूर नेता रहनी। बड़का बाबूजी जंग बहादुर सिंह भोजपुरी के प्रख्यात लोक गायक आ बड़का मामा स्वर्गीय प्रोफेसर राजगृह सिंह हिन्दी-भोजपुरी के साहित्यकार। मतलब कर्मयोगी मनोज के बहुत कुछ विरासत में भी मिलल बा।

मनोज के मॉरीशस यात्रा के खबर देख के हमनी के उनका के बधाई देवे से ना रोक सकनी ह। आपन कवनों जवारी भाई जिला-जवार के नाम पूरा विश्व में करीं त छाती उतान होइबे नू करी। मॉरीशस से लौटला पर मनोज भावुक के नवचेतना समिति के अधिकारी अरविन्द कुमार द्विवेदी, मनोज कुमार सिंह ‘मुन्ना’, सूरज सिंह (भोपाल), मनोज कुमार गुप्ता, मृत्युंजय कुमार सिंह, अमित कुमार सिंह ‘पिंटू’ आ कुमकुम आदि बधाई दिहल लोग।

रघुनाथपुर के वरिष्ठ चिकित्सक आ समाजसेवी बृजनन्दन यादव जी त एतना उत्साहित बानी कि मनोज भावुक के सम्मान में एगो बड़का कार्यक्रम रघुनाथपुर, सिवान में प्लान कर रहल बानी ई कहत कि का बाबुआन मॉरीशस, दुबई आ लंदने में प्रोग्राम होई, जिला-जवार में ना। एह पर मनोज आपन सहमति देत कहलन कि ‘’हम त जेने प्रेम मिलेला ओने ढरक जानी। राउर नेवता आदेश बा, हम आइब।

असहूँ हमरा गाँव से बहुत लगाव ह। पता ना रउरा मालूम बा कि ना .. हम आज से तीस साल पहिले अपना गाँव के बायोग्राफी लिखनी “कौसड़ का दर्पण”। हम देश-दुनिया में जहाँ जाइले, अपना गाँव के माटी आ बोली लेके जाइले।‘’

सिवान के एह सपूत के बधाई। तेवर बनल रहे।

आलेख: ब्रजेश कुमार सिंह

 

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