खुद को हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बता डीजीपी पर दवाब बनाने के मामले का सनसनीखेज हुआ खुलासा
ईओयू ने कार्रवाई करते हुए मुख्य अभियुक्त अभिषेक भूपालका उर्फ अभिषेक अग्रवाल समेत साजिश में शामिल चार जालसाजों को गिरफ्तार किया
गया के तत्कालीन एसएसपी और वर्तमान में एआईजी (आई) आदित्य कुमार को भी ईओयू ने नामजद किया
श्रीनारद मीडिया, राकेश सिंह, स्टेट डेस्क:
दवाब बनाने के मामले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। ईओयू ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य अभियुक्त अभिषेक भूपालका उर्फ अभिषेक अग्रवाल समेत साजिश में शामिल चार जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से ढेरों फर्जी सिमकार्ड और 9 मोबाइल बरामद हुए हैं। गया के तत्कालीन एसएसपी और वर्तमान में एआईजी (आई) आदित्य कुमार को भी ईओयू ने नामजद किया है। वह फरार बताए जाते हैं, उनका मोबाइल भी बंद आ रहा है।
आदित्य कुमार जब गया के एसएसपी थे तब फतेहपुर के थानेदार द्वारा शराब की एक खेप पकड़ी गई थी। हालांकि थानेदार ने शराब और उसके साथ पकड़े गए तस्कर को छोड़ दिया था। तत्कालीन रेंज आईजी अमित लोढ़ा ने एसएसपी को थानेदार पर कार्रवाई का आदेश दिया। पर एसएसपी ने थानेदार को चेतावनी भर दी। बाद में इस मामले की जांच हुई तो शराब माफियों के साथ थानेदार की संलिप्तता और पूरे प्रकरण में अमित लोढ़ा भी भूमिका संदिग्ध पाई गई। जांच रिपोर्ट के बाद उनपर गया के फतेहपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई। जालसाज अभिषेक, डीजीपी एसके सिंघल को फोन कर इसी केस को रफादफा करने का दवाब बनाता था।
जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अभिषेक ने बड़े स्तर पर साजिश रची। राहुल कुमार के नाम पर उसने फर्जी सिमकार्ड और नया मोबाइल फोन लिया। डीजीपी पर दवाब बनाने के लिए उसी सिमकार्ड व फोन का इस्तेमाल करता था। उसने हर बार वाट्सएप पर कॉल किया। व्हाट्सएप पर मैसेज भी किए। वह खुद को हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बताता और डीजीपी को आदित्य कुमार पर दर्ज केस को रफादफा करने, विभागीय कार्यवाही समाप्त कराने और उनकी पोस्टिंग के लिए दवाब बनाता रहा।
जालसाजी का शक होने पर डीजीपी ने जांच के लिए ईओयू को आवेदन भिजवाया। शनिवार को मामले की प्राथमिकी दर्ज की गई और अभिषेक (निलियम अपार्टमेंट, नागेश्वर कॉलोनी) के साथ साजिश में शामिल गौरव राज, राहुल रंजन जायसवाल और शुभम कुमार को गिरफ्तार किया है। पटना सिटी के गौरव राज के यहां काम करनेवाले राहुल कुमार के नाम पर सिमकार्ड लिया गया था। अभिषेक को यह सिमकार्ड राहुल रंजन ने दिया। राहुल रंजन की बोरिंग रोड चौराहे के पास मिस्टर गैजेट के नाम से दुकान है। शुभम उसी दुकान का स्टॉफ है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अभिषेक पहले भी दिल्ली से पटना तक ऐसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। गृहमंत्री के नाम पर फोन कर वह आईपीएस अफसरों पर काम करने का दवाब बनाता था। इस मामले में वह लम्बे समय तक तिहाड़ जेल में कैद रहा। उसने बिहार कैडर के आईपीएस अफसर सौरभ साह के पिता से भी जालसाजी की है। इसको लेकर भागलपुर के कहलगांव में प्राथमिकी दर्ज है।
जांच के दौरान आईपीएस अफसर आदित्य कुमार के खिलाफ भी ईओयू को पुख्ता साक्ष्य हाथ लगे हैं। वह फोन पर लगातार अभिषेक के संपर्क में थे। अभिषेक से मिले मोबाइल फोन में इसका प्रमाण भी मिला है। पुख्ता सबूत हाथ लगने के बाद आदित्य कुमार को भी इस मामले में नामजद किया गया है। वह ईओयू के सामने नहीं आ रहे और मोबाइल फोन भी बंद है।
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