शाहरुख के बेटे आर्यन 7 अक्टूबर तक रिमांड पर.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
ड्रग्स मामले में गिरफ्तार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को 7 अक्टूबर तक NCB की कस्टडी में रहना होगा। सोमवार को मुंबई की किला कोर्ट में सुनवाई के दौरान NCB ने 11 अक्टूबर तक रिमांड मांगी थी। हालांकि कोर्ट ने आर्यन और उसके साथ गिरफ्तार अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमीजा को 7 अक्टूबर तक का ही रिमांड मंजूर किया। अन्य 5 आरोपियों विक्रांत छोकर, इश्मीत सिंह, नुपुर सारिका, गोमित चोपड़ा और मोहक जसवाल को भी 7 अक्टूबर तक NCB की रिमांड पर भेज दिया है।
सुनवाई के दौरान NCB ने आरोपियों से बरामद ड्रग्स की जानकारी दी। पार्टी ऑर्गनाइजर्स और पैडलर्स का भी जिक्र हुआ। सवाल उठा कि क्रूज पर तो 1300 लोग थे, फिर चंद लोगों पर ही कार्रवाई क्यों हो रही है? इस पर आर्यन के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा- खान (आर्यन) वहां ड्रग्स बेचने के लिए नहीं गए थे, अगर वो चाहते तो पूरा शिप भी खरीद सकते थे। अगर जांच ही करनी है तो शिप पर एक हजार लोग थे, उनकी भी जांच कीजिए।
मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में NCB ने 10वीं गिरफ्तारी की
मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में NCB ने 10वीं गिरफ्तारी की है। NCB ने जोगेश्वरी से सप्लायर को गिरफ्तार किया है। इसके पास से 5 लाख की MD बरामद की गई है। आज ही एक अन्य 9वें आरोपी की गिरफ्तारी हुई थी। NCB दोनों पेडलर्स को कल कोर्ट में पेश कर सकती है। इसके साथ ही आज क्रूज से जिन लोगों को डिटेन किया गया है उन्हें भी मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जा सकता है।
जमानत देने या न देने का तो सवाल ही नहीं उठता
सोमवार को सुनवाई के बाद किला कोर्ट ने आदेश में कहा- NDPS एक्ट के तहत तमाम अपराध गैर-जमानती हैं। इसलिए जमानत देने या न देने का तो सवाल ही नहीं उठता। जरूरी बात यह है कि आरोपियों को कस्टडी में भेजा जाए या नहीं।
आरोपियों के सहयोगियों के बयान विरोधाभासी हैं। आरोपी भी उनके साथ थे। इस मामले में जांच बेहद जरूरी है। आरोपियों को खुद को बेकसूर साबित करना होगा। इस आदेश के साथ ही कोर्ट ने आरोपियों को 7 अक्टूबर तक NCB की कस्टडी में रिमांड पर सौंप दिया।
पूछताछ से पहले एक बार फिर से होगा मेडिकल टेस्ट
नियमों के तहत आगे की पूछताछ से पहले जांच एजेंसी सभी आरोपियों का एक बार फिर मेडिकल टेस्ट कराएगी। इसके बाद एनसीबी दफ्तर में पूछताछ होगी। जरूरी होने पर स्पॉट इन्वेस्टिगेशन और रिकवरी प्रोसेस भी होगी।
इससे पहले NCB ने बताया कि आर्यन के फोन से आपत्तिजनक कंटेंट बरामद हुआ है। उनके चैट से पता चला है कि वे ड्रग्स खरीदने-बेचने की प्लानिंग कर रहे थे। साथ ही इंटरनेशनल ड्रग तस्करी के भी सबूत मिले हैं। इससे पहले NCB अधिकारी आर्यन के साथ गिरफ्तार हुए अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमीजा को जेजे अस्पताल ले गए थे, जहां उनका RT-PCR टेस्ट कराया गया।
कोर्ट की बहस…..
वकील सतीश मानशिंदे ने आर्यन की ओर से कहा…
- मैं अधिकार के तौर पर जमानत नहीं मांग रहा हूं। सच्चाई ये है कि मुझे (मुवक्किल यानी आर्यन) क्रूज पर हिरासत में नहीं लिया गया। मुझे वहां स्पेशल गेस्ट के तौर पर इनवाइट किया गया था। मैं एक दोस्त के साथ वहां गया था। मैं तो ये भी नहीं जानता कि क्रूज पर मुझे कौनसा केबिन अलॉट किया गया था।
- मैंने क्रूज पर जाने के लिए एक भी पैसा नहीं दिया और न ही मैं किसी ऑर्गनाइजर को जानता हूं। जो पंचनामा तैयार किया गया है, उसमें मोबाइल के अलावा मुझसे किसी तरह की बरामदगी नहीं दिखाई गई है। दोस्त को इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि उसके पास 6 ग्राम चरस थी। इससे मेरा कोई ताल्लुक नहीं।
- रिमांड मांगने के लिए जो बरामदगी दिखाई गई है, वो हममें से किसी के पास से बरामद नहीं हुई। यह बरामदगी दूसरे आरोपियों से हुई है और मुझे इससे जोड़ा जा रहा है। पूछताछ के दौरान मेरे वॉट्सअप चैट्स डाउनलोड किए गए। अब ये दावा किया जा रहा है कि मैं इंटरनेशनल ड्रग ट्रैफिकिंग से जुड़ा हुआ हूं।
- यहां मैं साफ कर देना चाहता हूं कि जितना वक्त मैंने विदेश में गुजारा, मेरा किसी ड्रग ट्रैफिकिंग, सप्लाई या डिस्ट्रीब्यूशन से कोई ताल्लुक नहीं रहा। मेरे चैट्स, डाउनलोड्स, पिक्चर्स या किसी और चीज से यह कतई साबित नहीं होता कि मेरा इस मामले से कोई संबंध है।
- अगर ड्रग्स के बारे में कोई बातचीत हुई भी है तो इसका यह मतलब कतई नहीं है कि मैं ड्रग ट्रैफिकिंग से जुड़ा हुआ हूं। रिया चक्रवर्ती के मामले में भी धारा 27ए हटाई गई थी। इसलिए मुझे रिमांड पर भेजने के बजाए जमानत दी जाए। रिकवरी की भी अब कोई जरूरत नहीं है और न ही इसके लिए हिरासत में रखे जाने की कोई वजह बनती है।
ASG का जवाब
- हम कस्टडी की अर्जी लगा रहे हैं। इसके पहले जमानत कैसे मांगी जा सकती है। इस पर मजिस्ट्रेट ने कहा कि बहस से ऐसा लगता है कि वकील (मानशिंदे) पुलिस कस्टडी चाहते हैं और इसके साथ ही उन्हें अपने मुवक्किल के लिए जमानत भी चाहिए।
- इस पर मानशिंदे ने सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले का हवाला देते हुए कहा कि वॉट्सअप चैट्स के आधार पर किसी को आरोपी नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने इस मामले में रिया चक्रवर्ती केस का हवाला भी दिया।
- ASG ने कहा कि आरोपी आर्यन शिप पर बुलावे के बाद गया था। वह वहां उन लोगों के बीच मौजूद था, जिन्हें ड्रग्स के साथ पकड़ा गया है। उनके और दूसरे लोगों के बीच नशीली दवाओं के बारे में बातचीत हो रही थी। इन सभी बातों की गहन जांच होनी चाहिए।
- मैसेज में जिन बातों का जिक्र है वो रिमांड की सुनवाई के लिए प्रासंगिक नहीं हो सकता, लेकिन अज्ञात लोगों के साथ चैट है। थोक खरीदी का भी चैट में जिक्र है। इसकी जांच होनी चाहिए।
- इससे पता चलता है कि आर्यन और बाकी लोगों के बीच कुछ कनेक्शन था। सभी नियमित संपर्क में थें। इसमें सप्लायर को समझा जा सकता है। यह किसी को पूरी तरह से निर्दोष दिखा सकता है।
- आप उन व्यक्तियों की हिरासत में पाए गए जिनके पास यह प्रतिबंधित सामग्री पाई गई थी। ड्रग्स डीलर्स के साथ आपकी बातचीत होती है। ये सभी परिस्थितियां जांच की ओर ले जा रही हैं। हम जांच के प्रारंभिक चरण में हैं। इसलिए जमानत पर अभी विचार करने की जरूरत नहीं है। कोर्ट हिरासत के लिए समय बढ़ाने पर विचार करे।
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