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स्टार ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने मंगलवार को अपनी फिटनेस को लेकर चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) में ऑलराउंडरों की भरमार के कारण इंडियन प्रीमियर लीग में उनकी गेंदबाजी की जरूरत नहीं पड़ रही। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के लिए भारतीय टीम में शामिल शार्दुल ने कहा कि उनके साथ कोई चोट की कोई समस्या नहीं है और ऑलराउंडरों से भरी उनकी टीम को उनकी गेंदबाजी की ‘जरूरत’ नहीं है।
शार्दुल ने कहा, ”हमारी टीम में (आंद्रे) रसेल, सुनील (नारायण) के साथ ऑलराउंडर भरे पड़े हैं… हमारे पास अधिकतम आठ गेंदबाजी विकल्प हैं जिसमें नितीश (राणा) भी शामिल हैं जो आजकल एक या दो ओवर फेंकते हैं।” मौजूदा सत्र में हल्की चोट के कारण इस सत्र में तीन मैच नहीं खेलने वाले शार्दुल ने छह मैच में सिर्फ 89 गेंदें (14.5 ओवर) फेंकी और चार विकेट लिए। उन्होंने आठ में से दो मैच में गेंदबाजी नहीं की और बल्लेबाजी में भी उनका इस्तेमाल संयम के साथ किया गया जिससे स्पष्ट होता है कि टीम अगले महीने ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले उनके काम के बोझ का प्रबंधन करती नजर आ रही है।
सोमवार को यहां पंजाब किंग्स के खिलाफ नाइट राइडर्स ने गेंदबाजी में सात विकल्पों का इस्तेमाल किया और तेज गेंदबाजी विभाग में अनुभवहीनता के बावजूद ठाकुर ने गेंदबाजी नहीं की। शार्दुल को लक्ष्य का पीछा करते हुए आखिरी गेंद पर गेंदबाजी छोर पर खड़े होने का मौका मिला जब रिंकू सिंह ने चौका जड़कर टीम को जीत दिलाई। उन्होंने कहा, ”यह खेल की स्थिति पर भी निर्भर करता है, कप्तान को क्या लगता है कि मुझे गेंदबाजी करने की जरूरत है या नहीं, यह पूरी तरह से उस पर निर्भर करता है। जहां तक टीम की रणनीति के फैसले की बात है, तो मैं इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दूंगा।”
शार्दुल ने कहा, ”मुझे हल्की चोट थी इसलिए मैंने कुछ मैच नहीं खेले, जब मैं वापस आया तो मैंने गेंदबाजी नहीं की क्योंकि मैं गेंदबाजी करने के लिए फिट नहीं था। लेकिन हां, अब मैं गेंदबाजी करने के लिए वापस आ गया हूं और उम्मीद है कि जब भी मुझे मौका मिलेगा मैं गेंद से अच्छा करूंगा।”