क्या बिहार में गुजरात मॉडल लागू हो,परमिट पर मिले शराब?

क्या बिहार में गुजरात मॉडल लागू हो,परमिट पर मिले शराब?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

मिलकर समझाएंगे उनको; ज्यादातर लोग शराबबंदी के पक्ष में-CM नीतीश

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शराबबंदी को लेकर हर बार सवाल उठाते नजर आए हैं। इस बार भी जीतन राम मांझी ने बिहार सरकार के शराबबंदी पर एक बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि बिहार सरकार को गुजरात के तर्ज पर शराबबंदी करनी चाहिए, लोगों को यहां पर शराब पीने का परमिट देना चाहिए।

जीतनराम मांझी के इस बयान के बाद भाजपा के नेता काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं वह नीतीश कुमार को आइना दिखा रहे हैं और कह रहे हैं कि शराबबंदी में नीतीश कुमार को गुजरात मॉडल अपनाना चाहिए।

इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के गुजरात मॉडल के तर्ज पर शराबबंदी लागू करने की बात पर एतराज जताया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमें पता नहीं है, जब वे हमसे मिलने आएंगे तो हम उन्हें सारी बात बता देंगे। बिहार में शराबबंदी सर्वसम्मति से लागू हुआ था। शराब की लत को छोड़ने को लेकर हमने लोगों की ट्रेनिंग भी करवाई थी। शराब पीने से लोगों को नुकसान होता है। इन सब चीजों की उनको जानकारी नहीं होगी। हम उनसे पूछ लेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार सरकार से मांग की है कि नए साल में बिहार में शराबबंदी कानून में बदलाव होना चाहिए। शराबबंदी कानून गुजरात की तरह बिहार में होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस कानून के कारण पुलिस गरीबों को पकड़ रही है बड़े व्यवसायियों पर ज्यादा कार्रवाई नहीं हो रही है। जीतन राम मांझी ने कहा कि परमिट के साथ बिहार में शराब गुजरात के तरह मिलनी चाहिए। जिस तरह से गुजरात मे होता है उसी तरह से बिहार में भी होनी चाहिए।

जीतनराम मांझी के इस बयान के बाद बीजेपी के नेता काफी उत्साहित हैं। शराबबंदी पर लगातार विरोध कर रहे है। बीजेपी नेता को जीतन राम मांझी का यह बयान डूबते को तिनके का सहारा जैसा लग रहा है।

बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि जीतन राम मांझी अनुभवी नेता हैं। उन्हें इस बात का ज्ञान है कि शराबबंदी को कैसे लागू किया जाए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जीतनराम मांझी से सीख लेनी चाहिए।

अरविंद सिंह ने जोर देकर कहा कि नीतीश कुमार को पुनः समीक्षा करके शराबबंदी को गुजरात के तर्ज पर लागू करना चाहिए। शराब पीने वाले को परमिट देना चाहिए। शराबबंदी में गुजरात मॉडल लागू करना चाहिए।

शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने शुक्रवार को मुजफ्फरपुर में कहा कि बिहार में शराबबंदी के लिए गुजरात मॉडल लागू होना चाहिए। जिस तरह वहां पर लोग स्लिप लेकर जाते हैं और सीमित मात्रा में शराब मिलती है। उसी तरह बिहार में भी शराब मिले। इससे कभी कोई गरीब जहरीली शराब के सेवन से नहीं मरेगा।

शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का बयान अब नासूर बनता जा रहा है। जीतनराम मांझी ने 2 दिन पहले अपने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह कहा था कि जो 250ml शराब पी लेते हैं और पकड़े जाते हैं, उन्हें छोड़ देना चाहिए। इसके बाद लगातार उनके सहयोगी दल ही उन पर हमलावर हो गए हैं। इस बार कांग्रेस की दलित विधायक प्रतिमा दास ने जीतनराम मांझी पर हमला किया है। प्रतिमा दास ने कहा है कि जीतन राम मांझी दलित समाज से आते हैं। उनकी बात दलित समाज के लोग सुनते हैं। ऐसे में उनको इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए।

मिलकर समझाएंगे उनको; ज्यादातर लोग शराबबंदी के पक्ष में-CM नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के गुजरात मॉडल के तर्ज पर शराबबंदी लागू करने की बात पर एतराज जताया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमें पता नहीं है, जब वे हमसे मिलने आएंगे तो हम उन्हें सारी बात बता देंगे। बिहार में शराबबंदी सर्वसम्मति से लागू हुआ था। शराब की लत को छोड़ने को लेकर हमने लोगों की ट्रेनिंग भी करवायी थी। शराब पीने से लोगों को नुकसान होता है। इन सब चीजों की उनको जानकारी नहीं होगी। हम उनसे पूछ लेंगे।

दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल शाम पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आवास पर लिट्टी-चोखा के भोज पर गए थे। तब यह बात नहीं हुई थी।

कल शाम मांझी से मिले थे CM नीतीश।

जहरीली शराबकांड में जो हुआ, उसको लेकर सरकार गंभीर

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहरीली शराबकांड के अभियुक्त की हुई गिरफ्तारी को लेकर कहा कि जो कुछ भी हुआ उसको लेकर सरकार गंभीर है। दोनों विभाग के अधिकारी इसको देख रहे हैं। एक-एक चीज की जांच हो रही है कि यह कैसे हुआ? यह बात जैसे ही हमारे सामने आयी, हमने अधिकारियों से कहा कि यह क्या हुआ है, कैसे हुआ है इसकी जांच करें। हमने अधिकारियों से इसे तत्काल देखने का निर्देश दिया। हमने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि एक-एक चीज पर नजर रखिए।

ज्यादातर लोग शराबबंदी के पक्ष में, कुछ लोग गड़बड़…

मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादातर लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं। कुछ लोग गड़बड़ करने वाले होते हैं। उन पर कार्रवाई की जाती है। कई बार जिनको इसको रोकने की जिम्मेवारी होती है वो भी ठीक ढंग से काम नहीं करते तो उन पर भी कार्रवाई होती है। आजकल शराब की सप्लाई करने वाले बाहरी एवं यहां के लोग रोज पकड़ा रहे हैं। हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि शराब के असली धंधेबाजों को खोजकर पकड़िए।

यात्रा पर जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हमेशा यात्रा पर जाते रहे हैं। पहले से चल रहे कार्यों को देखेंगे और कहां-क्या कमी है, उसे जानेंगे। हम एक-एक चीज को देखने और समझने के लिए यात्रा पर जाते हैं। इलाके में विकास का काम कितना हुआ और कहां पर क्या कमी है, उसे हम स्पॉट पर देखने जाते हैं। यात्रा के दौरान हम लोगों से मिलकर उनकी बातों को भी सुनेंगे।

Leave a Reply

error: Content is protected !!