मरीजों के लिए संजीवनी बन रहा श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय
रोजाना 500 से ज्यादा मरीजों की ओपीडी, नई आशा की किरण बनी आयुर्वेदिक चिकित्सा
श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, हरियाणा
जहां मरीज दवाओं और उनके साइड इफेक्ट्स से परेशान हो चुके हैं। वहीं, श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय का आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान (आयुर्वेदिक अस्पताल) मरीजों के लिए संजीवनी बना है। कुरुक्षेत्र के सेक्टर-8 स्थित यह संस्थान पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भरोसे का प्रतीक बनता जा रहा है।
यहां प्रतिदिन 500 से 700 मरीज विभिन्न आयुर्वेदिक सेवाओं का लाभ उठाने पहुंच रहे हैं। अस्पताल में इनफर्टिलिटी, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, गर्भसंस्कार, क्षारसूत्र चिकित्सा, मधुमेह, त्वचा रोग और यहां तक कि मानसिक विकारों जैसी जटिल बीमारियों का भी सफलतापूर्वक उपचार किया जा रहा है।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि विशेष बात ये है कि यहां आयुर्वेद की शुद्ध पद्धतियों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ अपनाया गया है। मरीजों को 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं, विशेष क्लीनिक, पंचकर्म, शल्य चिकित्सा, स्त्री रोग, बाल रोग, मर्म चिकित्सा और नाड़ी परीक्षण जैसी विस्तृत सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
विशेषज्ञों की समर्पित टीम, श्री कृष्ण आयुष विवि के कुलसचिव प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अस्पताल में अनुभवी वैद्य व प्रोफेसर नियमित रूप से ओपीडी सेवाएं दे रहे हैं। पंचकर्म विभाग, शल्य चिकित्सा, काया चिकित्सा, प्रसूति एवं स्त्री रोग,नेत्र रोग और बाल रोग विभागों में अलग-अलग दिन विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा त्वचा रोग, मधुमेह, मानसिक रोग और रसायन चिकित्सा का विशेष क्लीनिक भी संचालित किया जा रहा है।
आयुर्वेद है जीवन जीने की कला:प्रो.धीमान
श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने कहा कि आयुर्वेद केवल उपचार पद्धति नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक समग्र कला है। यहां आने वाला हर मरीज केवल इलाज नहीं, बल्कि एक नई जीवनशैली भी लेकर लौटता है। विश्वविद्यालय का प्रयास है कि शुद्ध और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण आयुर्वेदिक सेवाएं हर जरूरतमंद तक पहुंचें। अस्पताल में पंचकर्म, औषधोपचार, परामर्श सेवाएं और योग चिकित्सा जैसी व्यवस्था मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। यहां कार्यरत अनुभवी वैद्यों की टीम न केवल सटीक निदान करती है,बल्कि उपचार के साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी फैला रही है।
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