देश के बड़े व्यापारी नेता चार बार सांसद रहे श्याम बिहारी मिश्र का कोरोना संक्रमण से निधन
श्याम बिहारी मिश्र के भतीजे हनुमान मिश्र ने लखनऊ में दम तोड़ा
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
भारतीय जनता पार्टी से चार बार सांसद रहे भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम बिहारी मिश्रा का मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण से निधन हो गया। श्याम बिहारी मिश्र को सोमवार तड़के कानपुर के मधुराज नॄसग होम में भर्ती कराया गया था। सुबह उनके भतीजे राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त हनुमान मिश्र का लखनऊ के संजय गांधी पीजीआइ में कोविड संक्रमण के कारण निधन हो गया था।
भारतीय जनता पार्टी के चार बार सांसद श्याम बिहारी मिश्रा का मंगलवार को निधन हो गया। दो दिन पहले ही उन्हें हार्ट अटैक पड़ा था। वह कोरोना संक्रमित भी थे। मधुराज नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था वहीं मंगलवार शाम को उनका निधन हो गया। वह भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष के साथ कानपुर गल्ला आढ़तिया संघ के भी अध्यक्ष भी थे। इससे पहले आज सुबह ही उनके भतीजे भाजपा नेता हनुमान मिश्रा का लखनऊ के पीजीआइ में निधन हुआ था।
व्यापारी नेता के रूप में पूरे देश में अपनी छाप छोड़ने वाले श्याम बिहारी मिश्रा 1991 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बिल्हौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने थे। इसके बाद 1996, 1998, 1999 में लगातार वह सांसद रहे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में संचालित तमाम व्यापार मंडल उनके व्यापार मंडल से ही टूटकर अलग हुए हैं। कुछ दिन पहले कोरोना संक्रमण की वजह से उन्हें इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया था। वहां से लौटने के बाद गुरुवार को उनकी कोविड जांच एक निजी पैथोलॉजी में कराई गई थी। इसके बाद रविवार को उनका चेकअप कराया गया तो पता चला कि दो दिन पहले उन्हें माइनर अटैक पड़ा था। कार्डियोलॉजी में हुई जांच में भी उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हें सोमवार को मधुराज नर्सिंग होम में भर्ती किया गया था। हालांकि सोमवार शाम को निजी पैथोलॉजी में कराई गई उनकी कोरोना जांच निगेटिव आ गई थी। मंगलवार शाम को उनका निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी जयंती मिश्रा, बेटे किशन स्वरूप मिश्रा, गोपाल मिश्रा, मुकुंद मिश्रा, बेटी नंदिनी मिश्रा हैं।
पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्र को भर्ती कराने में स्वजनों को रविवार पूरी रात मशक्कत करनी पड़ी। सोमवार सुबह उन्हेंं भर्ती कराया गया। पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्र को हृदय संबंधी समस्या होने पर हृदय रोग संस्थान में भर्ती कराया गया था। रविवार को वह कोरोना संक्रमित मिले तो अस्पताल प्रबंधन ने उन्हेंं कोविड अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कहा। परिजन रात भर भटकते रहे, लेकिन बात नहीं बनी। सोमवार सुबह जब नगर निगम कंट्रोल रूम से भर्ती कराने के लिए पत्र मिला तब जाकर दोपहर करीब एक बजे उन्हेंं भर्ती कराया जा सका। हालांकि इसमें डीएम ने मदद की तब यह सबकुछ संभव हो सका।
हनुमान मिश्र ने लखनऊ में दम तोड़ा:
श्याम बिहारी मिश्र के भतीजे उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन की प्रबंध समिति के सभापति हनुमान मिश्र का मंगलवार को ही सुबह निधन हो गया। वह लखनऊ के संजय गांधी पीजीआइ में भर्ती थे। वह नौ दिसंबर को ही उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन की प्रबंध समिति का चुनाव जीते थे। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हेंं इस पद के लिए प्रत्याशी बनाया था। 55 वर्षीय हनुमान मिश्रा का आवास आचार्य नगर में है। वह कैंसर से भी पीडि़त थे। योगी आदित्यनात सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हनुमान मिश्रा का कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार होगा। हनुमान मिश्रा लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। स्वजन का कहना है कि उनके कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण थे। हनुमान मिश्रा के भाई किशन ने बताया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
हनुमान मिश्रा भाजपा के कद्दावर थे। दिसंबर में ही हनुमान मिश्रा प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन की प्रबंध समिति के चुनाव में सभापति चुने गए थे। इस चुनाव के साथ शीर्ष सहकारी संस्थाओं में से एक और पर समाजवादी पार्टी का कब्जा समाप्त हो गया था। प्रबंध समिति के सभापति हनुमान स्वरूप मिश्रा कानपुर मंडल से संचालक चुनकर आए थे। हनुमान मिश्रा का परिवार लगभग पांच दशकों से भाजपा संगठन से जुड़ा रहा है। हनुमान मिश्रा उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता और चार बार के सांसद रह चुके व्यापारी नेता श्याम बिहारी मिश्रा के भतीजे थे। उनका घर कानपुर के आचार्य नगर में है। हनुमान मिश्रा विद्यार्थी परिषद भारतीय जनता पार्टी के कई पदों पर पदाधिकारी भी रह चुके थे। उन्होंने बजरंग दल के संयोजक के रूप में भी कई वर्षों तक कार्य किया। डीएवी कॉलेज के छात्र संघ चुनाव से लेकर विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण मंच, हिंदू कल्याण समिति ऐसे तमाम संगठनों से जुड़े रहे। कुछ माह पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम विभाग से संबंधित उन्हेंं दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री के पद से नवाजा गया था।
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