सिधवलिया की खबरें : सेवानिवृत्तअंचलाधिकारी उमेश नारायण पर्वत को दी गयी विदाई
श्रीनारद मीडिया, सिधवलिया, गोपालगंज (बिहार):
गोपालगंज जिले के सिधवलिया के अंचलाधिकारी उमेश नारायण पर्वत के सेवानिवृत्त के बाद प्रखंड कार्यालय के सभागार में उन्हें विदाई दी गई । कार्यक्रम में सेवानिवृत्त अंचलाधिकारी उमेश नारायण पर्वत के कार्यकाल की सराहना करते हुए उनके कार्यकाल में हुए कार्यो की चर्चा की गई । प्रखंड विकास पदाधिकारी अभ्युदय ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान इन्होंने हमेशा अपने कर्तव्य का सही ढंग से पालन करते हुए कार्यो का निष्पादन ससमय किया।इनकी सराहना अंचल निरीक्षक कृष्णकांत सहित दर्जनों कर्मियों ने किया । कार्यक्रम में धर्मेंद्र मिश्रा, मुखिया शैलेश साह,बिनय सिंह,बिजेंद्र सिंह,नितिन राय सहित सभी प्रखंड के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे । वंही सी ओ उमेश नारायण पर्वत के सेवानिवृत्त के बाद बिभाग द्वारा थावे के सी ओ गंगेश झा को सिधवलिया सी ओ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। गंगेश झा थावे के वर्तमान सी ओ के पद पर कार्यरत हैं ।
भाजपा नेता ने सीएम को पत्र लिखकर बाढ़ की समस्या और प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की समस्याओं से कराया अवगत
श्रीनारद मीडिया, सिधवलिया, गोपालगंज (बिहार):
सिधवलिया—तरुण विकास (समाजिक संगठन) मंच के प्रदेश संयोजक सह प्रदेश उपाध्यक्ष व भाजपा(कला संस्कृति प्रकोष्ठ बिहार)मनीष ऋषि ने मुख्यमंत्री बिहार सरकार, पटना को पत्र लिखकर बाढ़ की समस्या या स्थाई निदान एवं बाढ़ त्रासदी झेल रहे बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की समस्याओं के संबंध में अवगत कराया है । उन्होंने कहा है कि पिछले 20 वर्षो से बाढ़ की त्रासदी को बिहार झेल रहा है।बिहार की बड़ी आबादी लगभग प्रतिवर्ष इस आपदा की शिकार बन जाती हैं।जान माल,घर गृहस्थी,खेत खलिहान सब बदहाल और तबाह हो जाता है।इसके साथ ही प्रतिवर्ष लाखों करोड़ों रुपये इस बाढ़ त्रासदी के पूर्व एवं त्रासदी के समय व्यय होते आ रहे हैं।इस बाढ़ नियंत्रण/बाढ़ राहत/बचाव कार्य इत्यादि कार्यक्रमों में बड़े पैमाने पर लूट खसोट होती आई है।इस बात से बिहार की पूरी आबादी सहमत हैं कि बाढ़ की समस्या का स्थायी निदान निकालने हेतु कोई ठोस पहल अभी तक धरातल पर नहीं दिख रहा है।और प्रतिवर्ष के इस प्रक्रिया में जो राज्य का खजाना पर अधिक बोझ बन रहा है वो देश के अन्य राज्यों के समक्ष हमें पिछड़ा राज्य के श्रेणी में डाले जा रहा है।जो बिहार एवं बिहार के भविष्य के कदाचित उचित नहीं हैं। इसी संदर्भ में गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ का विध्वंसक रुप मैं पिछले कई सालों छले क्ई वर्षों से देखते आ रहा हूं।।हमारे क्षेत्र नारायणी नदी के तट पर स्थित हैं।2000-2001 से कई दफा हमारा क्षेत्र भीषण बाढ़ त्रासदी का गवाह बनते आ रहा है और हर वर्ष बाढ़ नियंत्रण के नाम पर खनापूर्ती हो रही हैं । लेकिन बाढ़ उन्मूलन पर कार्य नहीं हो रहा है।नारायणी नदी की कई सहयोगी नदियां पहले बरसात के समय में जब जलस्तर बढ़ने लगता था तो विभाग द्वारा जगह-जगह बनें सलुईस गेट जिनके माध्यम से नारायणी नदी की पानी को सहयोगी नदियों के माध्यम से बहा कर बाढ़ की त्रासदी को बहुत हद तक रोक लिया जाता था।लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं हो रहा है जिसके चलते दिनानुदिनस्थिति भयावह होती जा रही है। पत्र में मांग की गई है कि सरकार द्वारा बाढ़ का स्थायी निदान कर भयानक त्रासदी से हमेशा-हमेशा के लिए निजात मिल सके, इसके लिए ठोस व कारगर कदम उठाने की आवश्यकता है।
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