फूलो की नगरी सिकन्दरपुर हुई उदासीनता की शिकार चारों ओर गन्दगी का अंबार
श्रीनारद मीडिया, बलिया (यूपी):
यूपी के बलिया जनपद के ऐतिहासिक नगरी सिकन्दरपुर जो अपने अतीत के सुनहरे अध्यायों के लिए प्रचलित थी, जहाँ के इत्र की खुशबू दूर दराज के वातावरण को महकाती थी तो गुलाबजल भी लोगों की सुंदरता को निखार इतराती थी।
आज वही फूलों की नगरी सिकन्दरपुर राजनैतिक उदासीनता की शिकार हो कर अपने गौरव को खोती जा रही है।
कहने को आदर्श नगर पंचायत लेकिन कार्य आदर्श शब्द को भी शर्मसार कर रहा है।हर जगह गंदगी का अंबार लगा है तो सभी गालियां कूड़ों से भरी पड़ी हैं।मुख्य चौराहा हो या हृदय चौक जल्पा स्थान या बाजार से जानी वाली गली जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तरफ जाती है हर जगह केवल अतिक्रमण ही अतिक्रमण।
उदासीनता का आलम यह है कि लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी हल्की बारिश में नालियां बजबजाने लगती है तो मोहल्लेवासी जलजमाव से पीड़ित हो जाते है।जहाँ डेंगू संक्रमण फैल रहा है वहीं दवाइयों का छिड़काव न होना भी प्रश्न चिन्ह लगाता है।
फरियादी जब नगर पंचायत में अपनी फरियाद लेकर जाता है तो आश्वाशन का पिटारा लेकर वापस आता है।शुकरों के आतंक से लगभग सभी गालियां परेशान है।विकास का नारा देने वाली पार्टी से बने चेयरमैन के कार्यकाल में सिकन्दरपुर के विकास का पहिया पंक्चर हो चुका है।
अब देखना यह है कि अब भी नगर पंचायत प्रशासन नींद से जागता है या कुम्भकर्ण नींद में हमेशा की तरह सोया रहता है।जनप्रतिनिधियों के आकर्षण कम होने के वजह से सिकन्दरपुर उदासीनता का दंश झेल रहा है।
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