चुपचाप अंतिम संस्कार कर दो। कोई पूछे तो ठंड से मौत बता देना।
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
शराबबंदी वाले बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब ने कहर मचाया है। सीवान जिले में पिछले 24 घंटों में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत हो गई है। एक मौत गोपालगंज में भी हुई है। 14 से ज्यादा लोगों की हालत गंभीर है। इनमें 6 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई।
ऐसा कहा जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। सोमवार की शाम मामले में कार्रवाई करते हुए सीवान एसपी ने लकड़ी नवीगंज OP थानाध्यक्ष सूरज प्रसाद और चौकीदार मोहम्मद शामिल को निलंबित कर दिया है। इससे पहले आज ADG जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा है कि सैनिटाइजर बनाने के लिए कोलकाता से स्प्रिट मंगाई गई थी, उसी से शराब बनी थी।
पुलिस ने मामले में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। पटना से फोरेंसिक टीम भी बाला गांव पहुंची है।टीम ने खेत में फेंके गए शराब के सैंपल लिए हैं।
सोमवार सुबह से 5 की जान गई, शाम को सड़क जाम किया
जहरीली शराब के अधिकतर मामले जिले के लकड़ी नवीगंज OP थाना क्षेत्र के बाला और भोपतपुर गांव में हैं। रविवार शाम को अचानक एक-एक करके मरीज सदर अस्पताल आने लगे। देर शाम अस्पताल पहुंचते वक्त एक व्यक्ति की मौत हो गई। रात में दो और लोगों ने दम तोड़ दिया। सोमवार सुबह से अब तक 5 लोगों की जान चली गई। सोशल मीडिया और गांव के लोगों का कहना है कि मरने वालों की संख्या 8 से ज्यादा है। 41 दिन पहले छपरा में 70 से ज्यादा मौतें हो गई थीं।
फिलहाल, जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की हालत गंभीर है। सीवान में 2 लोगों का इलाज चल रहा है। बाकी 12 लोगों को रेफर किया गया है। 3 लोगों को इलाज के लिए गोरखपुर और 9 लोगों को पटना लाया गया है।
इधर आज शाम को पीड़ित परिजनों ने सड़क पर शव रखकर सीवान-पटना मेन रोड को जाम कर दिया। आगजनी भी की गई। आक्रोशित लोग मुआवजे की मांग करते रहे। हालांकि बाद में पंचायत के मुखिया के समझाने पर लोगों ने जाम खत्म कर दिया। जाम करीब आधा घंटा रहा। इससे थोड़ी देर के लिए पटना से सीवान व गोपालगंज के बीच आवागमन प्रभावित रहा।
प्रशासन ने कुछ भी कहने से इनकार किया
स्थानीय लोगों ने जहरीली शराब पीने की बात कही है। प्रशासन ने अभी कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है। परिजन को मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी गई है। पूरे गांव में अफरातफरी का माहौल है।
सीवान के DM अमित कुमार पांडे का कहना है कि अभी कुछ नहीं कह सकते हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। आखिर इतने लोगों की मौत क्यों हो रही है और तबीयत क्यों खराब है, यह जांच का विषय है। घटना के बाद सीवान सदर अस्पताल और बाला और भोतपुर गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
अब तक 16 गिरफ्तार, DIG जांच करने पहुंचे
इधर, सीवान मामले पर ADG जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शराब बनाने के लिए कोलकाता से सैनिटाइजर बनाने के नाम पर स्प्रिट मंगाई गई थी। यह 18 जनवरी को मुजफ्फरपुर के ट्रांसपोर्टर के माध्यम से लाई गई थी। अब तक कुल 4 लोगों की मौत हुई है। 7 का इलाज चल रहा है। सारण के DIG मौके पर जांच करने पहुंच गए हैं।
पत्नी बोली- शराब पीकर आए, आंखों की रोशनी गई और मौत
सोहेला देवी ने बताया कि पति धुरेधर मांझी रविवार की रात शराब पीकर घर लौटे थे। इसी दौरान उनकी तबीयत खराब होने लगी। आंखें लाल होने लगीं। उनको दिखाई नहीं दे रहा था। इसके बाद उन्हें लकड़ी नबीगंज अस्पताल ले गए। वहां से उन्हें सीवान अस्पताल भेज दिया गया। जिसके बाद देर रात करीब 12 बजे पटना ले जाने के दौरान अमनौर में उनकी मौत हो गई है। धुरेधर के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं।
जहरीली शराब से मरने वाले
- सुरेंद्र रावत (30)
- नरेश रावत (42)
- घुरेधर मांझी (37)
- जनकदेव रावत (30)
- राजेश रावत (25)
- जितेंद्र मांझी (18)
- राजू मांझी (35)
- नारायण साह(55), जिला-गोपालगंज
छपरा में 70 से ज्यादा मौतें हुई थीं, सरकार ने 42 मानीं
41 दिन पहले 14 से 18 दिसंबर के बीच छपरा जिले के मशरख और इसुआपुर इलाके में जहरीली शराब पीने से 70 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। मौतों की वजह देरी से अस्पताल पहुंचना भी था। हालांकि सरकार ने सिर्फ 42 मौतें ही जहरीली शराब से मानी थी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मामले का संज्ञान लिया है और जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच कर रहा है। इसी दौरान सीवान जिले में भी 4 लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई थीं। ये मौतें भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के ब्रह्मस्थान गांव में हुई थीं।
जिनके परिजन शराब से मरे, उन्हें अफसर धमका रहे:शराब से मौत बताई तो केस करेंगे, कहो- ठंड से जान गई तो 4 लाख मुआवजा
पोस्टमॉर्टम की क्या जरूरत है? अगर शराब से मौत निकली तब तो और फंसोगी ही न। चुपचाप अंतिम संस्कार कर दो। कोई पूछे तो ठंड से मौत बता देना। 4 लाख मुआवजा भी मिल जाएगा। शराब से मौत में तो न मुआवजा मिलेगा, न कोई मदद। उल्टा केस अलग हो जाएगा।
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