“यास तूफान”की वजह से खुली सीवान नगर परिषद की पोल.
.शहर की सभी सड़कों पर दिख रहा कूड़े का अंबार,कई जगहों पर हुआ जलजमाव.
श्रीनारद मीडिया, मनीष कुमार, सीवान, बिहार
:बंगाल की खाड़ी से उठे यास तूफान का असर सीवान में भी विगत 2 दिनों से देखा जा रहा था।लेकिन मंगलवार की रात से शुरू होकर शुक्रवार की शाम तक लगातार हो रहे रिमझिम बारिश,तो कभी तेज हो रहे बारिश की वजह से सिवान के शहरी क्षेत्र समेत सभी प्रखंड मुख्यालयों एवं ग्रामीण बाजारों की हालत दयनीय हो गई है। सिवान की सड़कों पर हर तरफ कूड़े का अंबार,तो कई जगहों पर भारी जलजमाव देखने को मिल रहा है।सिवान के प्रमुख स्थानों जैसे स्टेशन रोड,हॉस्पिटल रोड, फतेहपुर बाईपास, मालवीय नगर, बबुनिया मोड़ ,तरवारा मोड़, मजहरूल हक बस स्टैंड, श्रीनगर,सब्जी मंडी,शहीद सराय मार्केट समेत पूरे सिवान में हर जगह कूड़े का ढेर देखा जा सकता हैं।
यह देखकर ऐसा लगता है कि पिछले 3 दिनों से साफ सफाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ है जो यह दर्शाने के लिए काफी है की नगर परिषद क्या कर रहा है। उसके कर्मी कहां है?सड़कों पर हुआ जलजमाव यह बता रहा है, की मानसून को लेकर पूर्व में हुई सारी बैठकों और निर्देशों का कितना अनुपालन हुआ है।अभी तो बंगाल की तरह यहां बारिश ही नहीं हुई,यह तो एक मात्र हल्की सांकेतिक बारिश थी और इसी बारिश में क्या शहर क्या गांव हर जगह जलजमाव हो गया। जो सिवान के विकास की गाथा का बयां खुद व खुद कर रहा है। हमारे जनप्रतिनिधि और हमारे प्रशासनिक पदाधिकारी कितने दुरुस्त हैं बार-बार अखबारों के माध्यम से यह बताने के बाद भी इस संबंध में कहीं कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
विगत दिनों भी हुई हल्की बारिश में पूरा सिवान जल मग्न और कूड़ामय हो गया था, जिसे सभी प्रमुख अखबारों ने प्रमुखता से उठाया था।उसके दो चार दिनों बाद ही एक बार फिर यास नामक तूफान आ गया, जिसने सभी प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोल दी।मुख्यमंत्री बार-बार यह निर्देश दे रहे हैं,स्वयं निरीक्षण की बात कर रहे हैं, पर इसका कितना असर सीवान के अधिकारियों पर हुआ है यह नहीं कहा जा सकता यह कहने के लिए तो ऊपर की तस्वीरें ही बहुत हैं कि हमारा जिला प्रशासन कितना काम कर रहा है।
अब इस पहलू के दूसरे सिक्के की तरफ भी रुख करेंगे सिवान की इस दुर्दशा के जिम्मेवार सिर्फ प्रशासनिक पदाधिकारी ही नहीं है बल्कि हम स्वयं आमजन भी हैं, हमारा भी पूरा योगदान इसमें है। हमने कभी अपने शहर को साफ रखने के बारे में सोचा ही नहीं,हम कल्पना तो करते हैं कि हमारा शहर भी बड़े शहरों की तरह साफ सफाई वाला दिखे,लेकिन हर बार हम अपने किए गलती को भी प्रशासनिक गलती बताकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।हमने कभी भी यह नहीं सोचा कि जो घरों में कूड़ा होता है उसे हम एक निश्चित जगह पर ही डालें,रास्ते पर नालियों में नहीं डालें।
आज शहर के सभी प्रमुख नालियां बंद है तो इसके पीछे प्रशासन के साथ-साथ हम स्वयं भी जिम्मेवार हैं,यह हमारी भी जिम्मेदारी बनती है की अपने घर के सामने मोहल्ले में, टोले में ,सड़कों और नालियों को साफ रखें हम अपना घर तो साफ करते हैं पर घर का कूड़ा सामने की नाली में डाल देते हैं जिसकी वजह से आज सभी नालियां बंद है,और जल निकासी बंद हो चुकी है। जिसकी जिम्मेवारी हम जिला परिषद,नगर पंचायत, नगर परिषद,पर डाल देते हैं ठीक भी है।
यह व्यवस्था उन्हें देखने भी चाहिए, लेकिन क्या हमारी जिम्मेवारी नहीं है,क्या हमारी कोई गलती नहीं है, हमें आगे बढ़कर अपनी जिम्मेवारी को समझना होगा, तभी जाकर हमारा शहर, हमारा कस्बा, हमारा गांव, हमारा मोहल्ला, साफ सुथरा दिखेगा। हमारे जनप्रतिनिधियों को भी इसके लिए अब आगे आना होगा और दोनों ही तरफ यानी प्रशासनिक और आमजन के बीच उनके कार्यों को ईमानदारी से निभाने के लिए प्रेरित करना होगा एक जनप्रतिनिधि बीच की कड़ी होता है जिसे दोनों तरफ देखना होता है। लेकिन आज के जनप्रतिनिधि सिर्फ और सिर्फ अपना फायदा देखते हैं ना कि जन सरोकार से जुड़ा कोई मुद्दा।
.बिजली है गुल,किसी को नही पता कब आएगी बिजली
कहने को तो अभी यास तूफान आया हुआ है विगत 3 दिनों से हल्की बारिश और हवा चल रही है लेकिन पूरे सिवान में पिछले 48 से 72 घंटों से बिजली गायब हो चुकी है।कोई भी जिम्मेदार पदाधिकारी इस संबंध में कुछ कहने को तैयार नहीं है,सभी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं,लेकिन क्या यही हमारी पूर्व तैयारी है कि हवा के हल्के झोंके से पूरा का पूरा विद्युत विभाग डगमगा गया है। बिजली की सप्लाई कब शुरू हो पाएगी,यह किसी को नहीं पता। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि तूफान की वजह से जगह जगह पर बिजली के तारों पर पेड़ों की टहनियां टूट कर गिर गई हैं तो कहीं विद्युत खंभे भी क्षतिग्रस्त हुए हैं वहीं कुछ जगहों पर बिजली के तार टूट गए हैं।
इस प्रकार कुछ त्रुटियां आई हुई हैं जिन्हें ठीक करने के लिए हमारी टीम लगी हुई है जैसे ही कमियों को दूर किया जाएगा विद्युत आपूर्ति चालू कर दी जाएगी। लॉकडाउन के इस समय में जब लोग अपने घरों में कैद हैं तो बिजली एक ऐसा जरिया था जिससे समय कट जाता था। लेकिन अब बिजली नहीं रहने से क्या युवा क्या बड़े बुजुर्ग क्या बच्चे क्या औरतें सभी का टाइम निकालना मुश्किल हो रहा है। लोगों के मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो चुके हैं किसी अति आवश्यकता पर भी लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है एक प्रकार से अघोषित नजरबंदी सा लग गया है
जिसमें कोई किसी से बात नहीं कर सकता मुलाकात नहीं कर सकता।यह तो तूफान का एक छोटा स्वरूप था यदि कभी कोई उड़ीसा या बंगाल की तरह बड़ा तूफान आ गया तब सिवान का क्या होगा हमारी तैयारियां कितनी है हम खुद कितने तैयार हैं यह बताने और दिखाने की जरूरत नहीं है सभी लोगों को यह खुद-ब-खुद दिख रहा है चाहे जनप्रतिनिधि हो प्रशासनिक पदाधिकारी हो आमजन हो हम सभी को मिलजुल कर आपसी सामंजस्य से अपने शहर का विकास करना होगा तभी हम समृद्ध सिवान विकसित सिवान के सपने को पूरा कर सकेंगे।
.किसानों के माथे पर चिंता की खींची लकीरें
इस तूफान की वजह से हुए बारिश से चारों तरफ खेतों में जलजमाव हो गया है जिसे लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।किसानों को इस बात की चिंता है कि, यह तो बगैर मानसून की बारिश है यदि मानसून भी समय से आ गया और भरपूर बारिश हुई तो धान के खेतों में भारी जलजमाव हो जाएगा और फसल का बुवाई भी नहीं हो पाएगा। खेतों में अभी से ही पानी लग जाने से खरपतवार की मात्रा काफी ज्यादा हो जाएगी जिसके साफ सफाई पर भी बहुत ज्यादा खर्च आएगा और खेती आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के बूते से बाहर की हो जाएगी।
.आमजन बेहाल,सड़को पर निकलना दूभर
यास तूफान की वजह से हुए बेमौसम बारिश से सड़कों पर भी भारी जल जमाव देखा जा रहा है। जिसकी वजह से आम जनों का घर से निकलना दूभर हो गया है।जिले के किसी भी संपर्क सड़क पर जाएं तो उस पर जलजमाव हो चुका है सड़कों पर बने गड्ढों में पानी लगने की वजह से बाइक चालकों,चार पहिया वाहन चालकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।कई जगहों पर तो बाइक सवार गिर पड़े उन्हें चोटें आई।जनादेश की टीम हुसैनगंज से पचरुखी जा रही थी तो रास्ते में बड़रम बाजार से पचरुखी जानेवाली सड़क का इतना बुरा हाल हुआ है की 3 किलोमीटर की दूरी 60 मिनट में तय हुई। वह सड़क नहीं बल्कि गड्ढे का अंबार दिख रहा था,ठीक इसी तरह जामो बाजार,बड़हरिया बाजार महाराजगंज शहर, सीवान के बबुनिया मोड़,अस्पताल मोड़,बस स्टैंड जैसी जगहों पर भारी जल जमाव देखा जा रहा है।अस्पताल परिसर के ठीक सामने भारी जलजमाव हुआ है जो कभी भी किसी संक्रमित बीमारी के फैलने में सहायक सिद्ध होगा।
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