सीवान न्यायालय ने लड़की की हत्या आरोपी को सुनाया आजीवन कारावास की सजा
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
सीवान कोर्ट के एडीजे वन अखिलेश झा की अदालत ने मंगलवार को सेशन ट्रायल संख्या 239/ 2016 के हत्या के केस के नामजद अभियुक्त रवि कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाया । आजीवन कारावास के सजा पाने वाला अभियुक्त गोपालगंज जिले के थावे थाना क्षेत्र के उदन्त राय के बंगरा गांव निवासी रामाधार पंडित के पुत्र रवि कुमार है ।
सुचिका सिवान जिले के गोरेयाकोठी थाना क्षेत्र के गोरेयाकोठी गांव निवासी पर्स महतो की पत्नी सुशील देवी है । सुचिका के वकील राजेश कुमार सिंह और वकील वैजयन्ती माला ने बहस किये । जबकि बचाव पक्ष के वकील रामजी सिंह ने बहस किया ।
सुचिका सुशील देवी ने बताया कि मेरे मृत लड़की मनीषा कुमारी के हत्यारे को न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा मिलने से आत्मा को शांति मिलेगी । घटना 10 दिसम्बर 2015 की है ।
सुचिका सुशील देवी के बयान पर गोरेयाकोठी थाना कांड संख्या 177 , 2015 प्राथमिकी हत्या की दर्ज की गई थी । दर्ज प्राथमिकी में सुचिका के द्वारा कहा गया है कि घटना की तिथि 10 दिसम्बर 2015 के रात में खाना खा कर अलग अलग कमरे में सो रहे थे । मेरी बेटी मनीष कुमारी और मेरी तीन अन्य छोटी बेटी मेरे कमरे के बगल वाले कमरे में सो रही थी । रात के करीब 1 बजे के लगभग मेरे बेटी के कमरे से चिल्लाने की आवाज आई तो मैं दौड़ कर गयी तो देखी की हमारे पड़ोसी हरेंद्र पंडित के सबंधी रवि कुमार पिता रामाधार पंडित ग्राम उदन्त राय के बंगरा थाना थावे जिला गोपालगंज मेरे घर के बांस की सीडी से भाग रहा था जिसे मैं पकड़ने गयी तो मेरे ऊपर तबातोड़ चाकू से प्रहार कर भाग गया ।
मैं घयाल अवस्था मे जब अपने बेटी के घर के तरफ गयी तो देखा कि मेरी बेटी मनीष कुमारी मृत पड़ी हुई है । सुचिका के आवेदन में लिखा गया है कि घटना के दो माह पहले अभियुक्त रवि कुमार ने सुचिका को धमकी दिया था कि मनीष की शादी मुझसे नही हुई और दूसरे लड़के से मनीषा की शादी होगी तो मैं मनीषा के पति की हत्या कर दूगा । मेरे लड़की मनीषा की शादी महारजगंज में तय हो चुकी थी । इसी बीच रवि कुमार ने मेरी लड़की की हत्या चाकू मार कर दिया गया ।
सुचिका के वकील राजेश कुमार और वैजयन्ती माला ने बताया कि हत्याकांड के दोषी सजा पाने वाला अभियुक्त रवि कुमार को दफा 302 में आजीवन कारावास और 5 हजार रुपया का अर्थदण्ड दिया गया । अर्थदण्ड नही देने पर 6 माह का कारावास बढ़ जायेगा । साथ ही दफा 324 में 1 साल की सजा और अर्थदण्ड 200 सौ रुपया लगाया गया है और अर्थदण्ड नही देने पर 1 माह का अतिरिक्त सजा सुनाए गया है ।
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