सीवान पुलिस चोरी की घटनाओं की प्राथमिकी दर्ज कर जाती है सो
महादेवा ओपी से चोरी हुई बाइक आंदर थाना में हुई जब्त लेकिन महादेवा पुलिस को नहीं हुई जानकारी
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
सीवान नगर के महादेवा ओपी थाना क्षेत्र के मालवीय नगर छठ घाट पोखरा नई बस्ती निवासी जितेन्द्र सिंह के मकान में रह रहे मेडिकल रिप्रजेंटेटिव की अपाची बाइक BR29y-5970 घर के सामने से विगत 24 जनवरी 2019 की रात्रि साढ़े आठ बजे चोरी हो गई। गाड़ी मालिक मेडिकल रिप्रजेंटेटिव रघुनाथपुर थाना के भांटी निवासी सत्यदेव पांडेय के पुत्र मंतोष पांडेय ने इस संबंध में महादेवा ओपी में अज्ञात आपराधियों पर 41/2019 मेंं प्राथमिकी दर्ज करायी। पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर कागजी कार्रवाई पूरा ली। पीडि़त कई बार घटना के अनुसंधानकर्ता हरिशंकर राय से संपर्क किया तो जांच चलने की बात कह पाला झाड़ दिया करते थे। बताते चले कि बाइक चोरी की घटना के दस दिन के अंदर शहर के विभिन्न स्थानों से दर्जन भर से अधिक बाइक चोरी हुई लेकिन पुलिस किसी को बरामद नहीं की।
गौरतलब हो कि गाड़ी मालिक को इस संबंध में विगत 2 जुलाई को उत्पाद कोर्ट से नोटिश गया कि आपकी गाड़ी शराब के साथ आंदर थाना में 534/19-20 में जब्त हुई है। गाड़ी मालिक थोड़ा़ समय के लिए परेशान हो गये कि मेरा गाड़ी चोरी हो गई है फिर शराब के साथ कैसे जब्त हुई। इस संबंध में जांच पड़ताल हुआ तो मालूम चला कि गाड़ी चोरी होने के 11 माह बाद 30 दिसंबर 2019 को आंदर थाना ने उस बाइक को शराब तस्करी के मामले में जब्त किया। जब बाइक जब्त हुई तो उस पर BR29y-5970 के नंबर प्लेट के जगह दूसरा नंबर प्लेट था। बाइक जब्ती के अठारह माह बाद भी महादेवा पुलिस को इसकी जानकारी नहीं होना पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न खड़ा कर रहा है।
सवाल उठता है कि जब आंदर थाना बाइक जब्त किया तो इसकी सूचना जिले के संबंधित थाना में दी गयी कि नहीं। या जानकारी होने के बावजूद भी पुलिस गाड़ी बरामद करने की जहमत उठानी नहीं चाही।
बकौल मंतोष पांडेय ने बताया कि उन्होंने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के निदेशक के उत्पाद कोर्ट में जाकर उन्होंने बाइक शराब के जब्त होने के ग्यारह माह पहले चोरी होने की बात रख संबंधित कागजात प्रस्तुत किया। वहीं उनके अधिवक्ता पिंंटू त्रिपाठी आंदर थाना में जब्त गाड़ी के छुड़ाने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल किया है।
चोरी की गाडियाेंं से हो रही है शराब की ढुलाई
जिले में आये दिन चोरी हो रही दुपहिया वाहनों को चोर शराब तस्करों को औने पौने दाम में बेंच दे रहे हैं और उन्हीं बाइकों का नंबर प्लेट बदल कर धड़ल्ले से शराब एक जगह से दूसरे जगह पहुंचा रहे हैं। बताते चले कि दो हजार से लेकर पांच हजार में शराब के तस्कर चोरी की बाइक खरीद कर धंधा कर रहे हैं और पुलिस को देखने पर गाड़ी छोड फरार हो जाते है। पुलिस गाड़ी के नंबर देख दूसरे पर प्राथमिकी दर्ज करती हैा
पुलिस की निष्क्रियता से शराब तस्करों के मनोबल है बढ़े
आये दिन बाइक व चार पहिया वाहनों की चोरी हो रही है, पुलिस द्वारा ईमानदारी से बरामदगी को लेकर कार्रवाई नहीं किये जाने से बाइक चोर सस्ते दामों में शराब तस्करों से बेंच देते हैं जिससे उनका धंधा चल रहा है। अगर पुलिस बाइक चोरी वाहन चोरी पर अंकुश लगा देती तो शायद शराब तस्करी पर भी अंकुश लग सकता था। बहरहाल जो भी इस तरह की घटनाओं से पुलिस का चेहरा कहीं न कहीं संदिग्ध दिखना लाजमी हो जता हैा
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