Siwan: युवा जदयू के जिला मीडिया प्रभारी ने बढ़ती महंगाई पर चिन्ता व्यक्त की
गांवो को महंगाई से बचाने के लिए केन्द्र सरकार को ईंधन की महंगाई पर तत्काल रोक लगाने की है जरूरत: सुशील गुप्ता
श्रीनारद मीडिया, प्रकाश चन्द्र द्विवेदी, सीवान (बिहार)
युवा जनता दल यूनाइटेड के जिला मीडिया प्रभारी सुशील गुप्ता ने गांवों में बढ़ती महंगाई के आंकड़ों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि गांव ही खाद्य पदार्थों को उत्पादन करने वाले हब हैं। महंगाई के जो आंकड़े सामने आए हैं, उनमें शहरी भाग से अधिक गांवों पर प्रभाव पड़ा है। इसका मतलब साफ है कि गांव में जिन चीजों का उत्पादन हो रहा है, वह महंगे नहीं हुए। बाहर से जो चीजें गांव तक पहुंच रही हैं, उन पर महंगाई का असर सबसे अधिक है। इस सबके पीछे पेट्रोलियम पदार्थों की लगातार बढ़ती कीमत है। इससे ट्रांसपोर्टेशन काॅस्ट बढ़ रहा है, नतीजा महंगाई के रूप में सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि गांवों में गेहूं, चावल, सब्जी, दाल जैसी चीजों का उत्पादन होता है, इस पर अधिक महंगाई नहीं दिख रही है। हालांकि, अब इनको उपजाने में आने वाली लागत भी बढ़ जाएगी। ऐसे में महंगाई को काबू में करने के लिए एक विशेष रणनीति के तहत काम करने की जरूरत है।
गुप्ता ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों की लगातार बढ़ती कीमत से सभी चीजों पर प्रभाव पड़ रहा है। खेती के लिए ट्रैक्टर की जुताई की लागत बढ़ रही है। पटवन की दर बढ़ गई है। इसके अलावा खाद-बीज लाने का भाड़ा बढ़ गया है। लेकिन, उस हिसाब से उपज की कीमत नहीं बढ़ रही है। सांख्यिकी और कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़े बिहार में महंगाई दर 5.14 रहने की बात कर रहे हैं। अन्य राज्यों की तुलना में यह कम है, लेकिन शहरी क्षेत्र में 1.62 फीसदी और ग्रामीण इलाको में 8.21 फीसदी की महंगाई दर रहना चिंता खड़ी कर रहा है।
सुशील गुप्ता ने कहा कि केयर रेटिंग भी मान रही थी , मई में 4.9 फीसदी महंगाई दर रह सकती थी लेकिन असल में इससे ज्यादा 5.14 फीसदी रही। इसका कारण ईंधन की महंगाई ही है। केयर भी मान रहा है कि महंगाई पिछले नौ सालों में सबसे ऊंचे स्तर पर है। महंगाई की सबसे अधिक मार अंडे, तेल व वसा, फल, पेय-पदार्थ, ट्रांसपोर्ट, ईंधन व बिजली, पान तंबाकू और मांस-मछली जैसी वस्तुओं पर पड़ रही है। शहरों तक इन चीजों के पहुंचने के कई माध्यम है। वहां से गांव तक जाने में ट्रांसपोर्ट काॅस्ट अधिक हो जा रहा है। गांव को महंगाई से बचाने और वहां का जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए ईंधन की महंगाई पर तत्काल लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए।
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