Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
बीमार नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ के लिए हमेशा तैयार है मेडिकल कॉलेज का एसएनसीयू - श्रीनारद मीडिया

बीमार नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ के लिए हमेशा तैयार है मेडिकल कॉलेज का एसएनसीयू

बीमार नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ के लिए हमेशा तैयार है मेडिकल कॉलेज का एसएनसीयू

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

पैसा नहीं होने के कारण प्राइवेट अस्पताल से मेडिकल कॉलेज में आई, अब मेरी बच्ची बहुत अच्छी है : हादो खातून
नवजात बच्चों की हर तरह की बीमारी के लिए इलाज की है सुविधा:
एसएनसीयू में वार्मर सहित अन्य सभी आवश्यक सुविधा उपलब्ध : अस्पताल प्रबंधक

श्रीनारद मीडिया‚ पूर्णिया,  (बिहार):

गर्भावस्था में महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार की सावधानी नहीं बरतने से नवजात शिशुओं के जन्म में समस्या होती है। ऐसे शिशु जन्म के साथ बहुत तरह की बीमारियों से घिरे आते हैं। इससे तत्काल जांच व इलाज की आवश्यकता होती है। उन शिशुओं को समय पर हर प्रकार के इलाज के लिए राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) संचालित है। एसएनसीयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बच्चों का पर्याप्त इलाज किया जाता है। एसएनसीयू में बच्चों के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में वार्मर (बच्चों का वेंटिलेटर), फोटोथेरेपी डिवाइस, सी-पैप जैसी सभी तरह की व्यवस्था है। जिसे 24 घंटे चिकित्सक, प्रशिक्षित एएनएम/जीएनएम की निगरानी में संचालित किया जाता है।

पैसा नहीं होने के कारण प्राइवेट अस्पताल से मेडिकल कॉलेज में आई, अब मेरी बच्ची बहुत अच्छी है : हादो खातून
एसएनसीयू में पिछले 15 दिन से अपनी पोती की इलाज करा रही के.नगर प्रखंड की हादो खातून ने बताया कि प्रसव पीड़ा के बाद मैं अपनी बहू को के.नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लायी थी। 12 घण्टे से अधिक हो जाने और प्रसव में समस्या होने पर उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया लेकिन घर वालों के सुझाव के बाद इसे पूर्णिया के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां महिला डॉक्टर ने रात 08:30 बजे ऑपरेशन के द्वारा इसका प्रसव कराया। प्रसव के बाद बच्ची एक बार रोई लेकिन उसके बाद बिल्कुल शांत हो गई। डॉक्टर ने इसे शीशा में डालने और उसमें बहुत ज्यादा खर्च होने की बात कही। हम बहुत गरीब और कमजोर लोग हैं जिससे उतना खर्चा हमलोग नहीं दे सकते थे। इसलिए हम बच्ची के जन्म के 02 घण्टे बाद रात के 10:30 बजे सरकारी अस्पताल में ले आये। यहां लाते ही तुरंत इसे शीशा में रखवा दिया गया। पहले कुछ दिन डॉक्टरों ने दवाइयों से इलाज किया। 07 दिन बाद बच्ची पहले से ठीक हुई तो उसे इलाज के साथ मां का दूध पिलाया गया। लगभग 15 दिन से मेरी बच्ची शीशे में है। अब वह पहले से बहुत अच्छी है और बहुत जल्दी हमें यहां से छुट्टी मिल जाएगी। हम खुदा के शुक्रगुजार हैं कि इसे समय पर यहाँ ला सके। यहां डॉक्टरों द्वारा पूरा ध्यान रखा जाता है। अब मैं आगे से सभी को इसी सरकारी अस्पताल में इलाज कराने का सुझाव दूंगी।

बर्थ एस्फीसिया की शिकार थी बच्ची :
एसएनसीयू में बच्चों का इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ. प्रेम प्रकाश ने बताया कि हादो खातून की पोती बर्थ एस्फीसिया की शिकार थी। जन्म के बाद उसका वजन सिर्फ 02 किलो 320 ग्राम था और ऑक्सीजन लेवल 78 था जबकि सामान्य बच्चों का ऑक्सीजन लेवल 90 से अधिक होता है। बच्ची के शरीर में भी बहुत थरथराहट की समस्या थी। लाते ही बच्ची को तुरंत वार्मर में रखा गया और उसे ऑक्सीजन लगाया गया। सात दिन तक उसे दवाइयों के सहारे रखा गया। सात दिन बाद उसकी हालत पहले से बेहतर हुई तो उसे ट्यूब के माध्यम से फीडिंग करायी जा रही है। अब वह पहले से बहुत अच्छी है और जल्द ही उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

नवजात बच्चों के हर तरह की बीमारी के लिए इलाज की है सुविधा :
एसएनसीयू में कार्यरत प्रशिक्षित जीएनएम सुनीता कुमारी ने बताया कि एसएनसीयू में नवजात शिशु के हर तरह के गंभीर बीमारी का इलाज किया जा सकता है। यहां जन्म के समय बहुत कम वजन, सांस लेने में समस्या, जन्म के बाद न रोने वाले (बर्थ एस्फीसिया के शिकार), रेस्पिटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (आरडीएस) से ग्रसित, जन्म के बाद से ही पेट में समस्या से ग्रसित, रुक-रुक कर सांस लेने वाले (एपेनिया के शिकार), निमोनिया जैसे अनेक तरह की बीमारी से ग्रसित बच्चों का इलाज किया जाता है। यहां 24 घंटे निगरानी में रखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों से उनका इलाज किया जाता है जिससे उसे स्वस्थ्य किया जा सके।

एसएनसीयू में वार्मर सहित अन्य सभी आवश्यक सुविधा उपलब्ध : अस्पताल प्रबंधक
मेडिकल कॉलेज की अस्पताल प्रबंधक सिंपी चौधरी ने बताया कि अस्पताल में संचालित एसएनसीयू में हर तरह की आवश्यक सुविधा उपलब्ध है। यहां 24 वार्मर, 14 फोटोथेरेपी और 02 सी-पैप की व्यवस्था है जो नवजात शिशुओं के इलाज के लिए जरूरी है। एसएनसीयू में 24 घंटे शिशु विशेषज्ञ चिकित्सक, प्रशिक्षित जीएनएम, वार्ड अटेंडर उपस्थित रहते हैं जिससे कि बच्चों की पूरी तरह देखभाल की जा सके। अस्पताल में कंगारू मदर केयर (केएमसी) सुविधा भी उपलब्ध है। जहां आवश्यकता होने पर नवजात शिशुओं को उनकी माताओं द्वारा माँ का दूध आसानी से दिया जा सकता है। अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि हर साल जून-जुलाई में एसएनसीयू में इलाजरत बच्चों की संख्या 350 से 400 तक भी हो जाती है। जनवरी 2022 में एसएनसीयू में 236 बच्चों का इलाज किया गया था। इलाज के बाद डिस्चार्ज हुए बच्चों का एसएनसीयू द्वारा फॉलोअप भी किया जाता है जिससे उसके स्वास्थ्य की जानकारी ली जा सके।

यह भी पढ़े

एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होंगे लोकसभा सहित सभी सदन– ओम बिरला.

बिहार के लोग बेरोजगारी हत्या बलात्कार लूट से त्रस्त है,जनता बदलाव चाहती है,बिहार विधान परिषद के सभी सीटों से राजद प्रत्यासी होंगे विजयी-राजद जिला अध्यक्ष सुनील राय

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना: लाभ दिलाने के लिए हर शनिवार को आंगनबाड़ी केन्द्र पर विशेष कैंप का होगा आयोजन

वार्ड सभा में भी कोविड वैक्सीनेशन को लेकर लोगों को किया जा रहा जागरूक और योग्य लाभार्थियों को दी जा रही है वैक्सीन

Leave a Reply

error: Content is protected !!