यूक्रेन से अब तक 18 हजार भारतीयों को वापस लाया गया.
आज 410 लोगों को वापस लाया गया.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
रूस यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए आपरेशन गंगा के तहत प्रयास जारी हैं। यह मिशन अब अंतिम चरण में है। इस बारे में जानकारी देते हुए नागरिक उड्यन मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए आपरेशन गंगा के तहत सुसेवा से 2 विशेष नागरिक उड़ानों द्वारा आज 410 भारतीयों को एयरलिफ्ट किया गया है। इसके साथ ही 22 फरवरी 2022 से शुरू हुई विशेष उड़ानों के माध्यम से लगभग 18,000 भारतीयों को वापस लाया गया है।
नागरिक उड़ानों में बुखारेस्ट से 21 उड़ानों द्वारा 4575 यात्रियों को, सुसेवा से 9 उड़ानों द्वारा 1820 को, बुडापेस्ट से 5571 को 28 उड़ानों द्वारा, कोसिसे से 909 यात्रियों को 5 उड़ानों द्वारा, रेजजों से 11 उड़ानों से 2404 भारतीयों को और कीव को एक उड़ान द्वारा 242 व्यक्तियों को लाया गया। 75 विशेष नागरिक उड़ानों द्वारा एयरलिफ्ट किए गए भारतीयों की संख्या 15,521 हो जाती है। भारतीय वायु सेना ने आपरेशन गंगा के हिस्से के रूप में 2467 यात्रियों को वापस लाने के लिए 12 मिशन भेजे थे और 32 टन से अधिक राहत सामग्री ले गए थे।
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र छात्राओं को लेकर एक विशेष विमान रोमानिया के रास्ते मंगलवार सुबह दिल्ली पहुंची। इसमें वतन वापस आई एक छात्रा ने बताया, ‘दूतावास की एडवाइजरी आने के बाद हम खारकीव से निकले और पिसोचिन तक 25 किलोमीटर का सफर पैदल तय किया।’ बता दें कि 24 फरवरी से रूस के हमलेे यू्क्रेन में जारी है जिससे अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने का जिम्मा भारत सरकार ने लिया और इसके लिए आपरेशन गंगा मिशन की शुरुआत की।
सुपर 30′ ने लिखी ‘आपरेशन गंगा’ की सफलता की कहानी
युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों को निकालने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। इसके लिए हंगरी स्थित भारतीय दूतावास ने बुडापेस्ट में एक कंट्रोल रूम बनाया है। इसकी कमान भारतीय विदेश सेवा (आइएफएस) के 30 युवा अधिकारियों के हाथों में है। बुडापेस्ट में होटल के एक छोटे कमरे में स्थापित इस कंट्रोल रूम से आइएफएस अफसर लगभग 150 से ज्यादा स्वयंसेवक और टेक्निकल टीम के साथ दिन रात काम कर रहे हैं। युवा अधिकारियों में कई ऐसे हैं जिन्हें दूसरे देशों में स्थित भारतीय दूतावासों से बुलाया गया है। ऐसे ही एक अधिकारी हैं राजीव बोडवाडे, जो इजरायल में भारतीय दूतावास में डिप्टी चीफ हैं।
मोदी ने ‘आपरेशन गंगा’ की सफलता का श्रेय भारत के बढ़ते प्रभाव को दिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युद्ध से प्रभावित यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने के लिए चलाए जा रहे ‘आपरेशन गंगा’ की सफलता का श्रेय रविवार को वैश्विक पटल पर भारत के बढ़ते प्रभाव को दिया।मोदी ने रविवार को यहां सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘हम आपरेशन गंगा के माध्यम से युद्ध क्षेत्र से हजारों भारतीयों को सुरक्षित निकाल रहे हैं।
यह भारत का बढ़ता प्रभाव ही है जिसकी वजह से वह यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र से हजारों विद्यार्थियों को स्वदेश वापस ला पाया है।’ उन्होंने कहा कि कई बड़े देश अपने नागरिकों को वहां से निकालने में मुश्किलों से जूझ रहे हैं।छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा उनकी पीढ़ी भाग्यशाली है कि उसे रक्षात्मक और निर्भरता की मानसिकता का खामियाजा नहीं उठाना पड़ा। अगर देश में यह बदलाव आ पाया है तो इसका श्रेय देश के युवाओं को जाता है। देश आज ऐसे क्षेत्रों में दुनिया में अगुआ बन रहा है जिनमें वह अपने पैरों पर खड़े होने के बारे में सोच भी नहीं सकता था।
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