सोसाइटी हेल्पर ग्रुप ट्रस्ट एवं रूट केयर फाउंडेशन ने पौधारोपण कर युवाओं ने दिया पर्यावरण को बचाने का संदेश
विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सीवान में सोसाइटी हेल्पर ग्रुप ट्रस्ट एवं रूट केयर फाउंडेशन द्वारा आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सीवान जिले में मुक्तिधाम, गाँधी मैदान साथ साथ कई अन्य कॉलेजों में लगभग सौ पौधों को लगाया गया इस कार्य मे युवाओं के साथ साथ महिलाओं ने भी भाग लिए.
सभी ने शपथ भी लिए की हम पौधों को लगाएंगे ओर उसकी रक्षा भी करेंगे साथ ही साथ लोगों को भी इसके लिए जागरूक करेंगे क्योंकि पर्यावरण को शुद्ध करने का एक मात्र उपाय है अपने आस पास साफ सफाई रखें और अधिक से अधिक पौधों को लगाए।
ट्रस्ट के संस्थापक अनमोल कुमार ने कहा कि सिर्फ हमारे प्रयास से पर्यावरण की रक्षा नही की जा सकती हम सभी को इसके लिए आगे आना होगा और मिलकर अपने पर्यावरण को दूषित होने से बचाना होगा। आइये हम सब प्रयास करें साथ मिलकर बेहतर समाज का निर्माण करें,मौके पर ट्रस्ट के सैकड़ो सदस्य मौजूद रहें।
5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रकृति से जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरुक किया जा सके और इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जा सके।
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास क्या है?
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 1972 में विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत की थी। यह दिन मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन की शुरुआत में अस्तित्व में आया। सम्मेलन ने पर्यावरणीय मुद्दों को उजागर करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों की शुरुआत का संकेत दिया। पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून, 1974 को आयोजित किया गया, जिसके बाद से यह एक प्रमुख वैश्विक कार्यक्रम बन गया है।
क्यों मनाते हैं विश्व पर्यावरण दिवस?
विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है, जो व्यक्तिगत, समुदाय और वैश्विक स्तर पर कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यह इस बात की भी याद दिलाता है कि आज की पीढ़ी को आने वाली जनरेशन के लिए पर्यावरण को संरक्षित और संरक्षित करना कितना महत्वपूर्ण है। जलवायु परिवर्तन, जंगलों की कटाई, प्रदूषण, बायोडाइवर्सिटी लॉस उन मुद्दों में से हैं, जो इस दिन सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को संबोधित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की थीम क्या है?
हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि प्लास्टिक का इस्तेमाल इस वक्त पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है और हमें इसके इस्तेमाल को रोकने पर ध्यान देना चाहिए। ऐसे में इस साल की थीम भी इसी पर आधारित है, जिसे नाम दिया गया है “Beat Plastic Pollution”। इस विषय को इसलिए चुना गया है ताकि प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वाले लोगों को इसके वैकल्पिक तरीकों के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
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