बांग्लादेश में जल्द ही निकलेगा समाधान- शशि थरूर
वे लोग हमारे भाई-बहन हैं, हमें वहां जल्द शांति की उम्मीद-शशि थरूर
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और राजधानी ढाका छोड़ दिया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों ने इस जानकारी की पुष्टी की है। बांग्लादेश में हिंसक माहौल को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उम्मीद जताई कि इस समस्या का समाधान ‘बहुत जल्द’ निकल आएगा।
बता दें कि बांग्लादेश में हिंसा की एक नई लहर ने जोर पकड़ लिया है। इस लहर में कम से कम 93 लोग मारे गए हैं। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, झड़पों में हजारों लोग गोली लगने से घायल बताए जा रहे हैं।
जो मैं सुन रहा हूं वह बहुत चिंताजनक है- शशि थरूर
सोमवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शशि थरूर ने कहा कि मुझे लगता है कि निश्चित रूप से विदेश मंत्रालय को स्थिति पर बहुत सावधानी से नजर रखनी चाहिए। मैं जो कुछ भी सुन रहा हूं वह सब मीडिया से है और जो मैं सुन रहा हूं वह बहुत चिंताजनक है। वहां कानून और व्यवस्था को लेकर कुछ गंभीर चिंताएं हैं और हम सरकार के विशेषाधिकारों का बहुत सम्मान करते हैं।
‘बहुत जल्द मिल जाएगा समाधान’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह एक ‘आंतरिक मामला’ है। शशि थरूर ने कहा कि भारत में हम में से हर कोई जल्द से जल्द शांति बहाल होते देखना चाहेगा। उन्होंने कहा कि फिर भी, हम आशा करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि बहुत जल्द समाधान मिल जाएगा और शांति और स्थिरता लौट आएगी। यह एक पड़ोसी देश है।
विदेश मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने अपने सभी नागरिकों को अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा से बचने की सलाह दी है। बांग्लादेश में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच ये एडवाइजरी जारी की गई है। भारत ने रविवार रात को बांग्लादेश में रह रहे अपने सभी नागरिकों को पड़ोसी देश में हिंसा के बीच ‘अत्यधिक सावधानी’ बरतने और अपनी गतिविधियों को सीमित रखने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में मौजूद भारतीय नागरिकों को इन नंबरों पर +8801958383679, +8801958383680, +8801937400591 संपर्क करने को कहा है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हिंसा की एक नई लहर के बीच “बहुत जल्दी” समाधान मिल जाएगा, जिसमें कम से कम 93 लोग मारे गए हैं.
हाल की रिपोर्टों के अनुसार, झड़पों में हज़ारों लोग गोली लगने से घायल हुए हैं.
शशि थरूर ने कहा, “निश्चित रूप से, मुझे लगता है कि विदेश मंत्रालय को स्थिति पर बहुत सावधानी से नज़र रखनी चाहिए. मैं जो कुछ भी सुन रहा हूं वह मीडिया के जरिए है और जो मैं सुन रहा हूं वह बहुत, बहुत चिंताजनक है. वहां कुछ गंभीर हैं, गंभीर कानून और व्यवस्था की चिंताएं हैं और हम सरकार के विशेषाधिकारों का बहुत सम्मान करते हैं.”
यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला, हर कोई वहां शांति चाहता है
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह एक “आंतरिक मामला” है और कहा कि भारत में हममें से हर कोई जल्द से जल्द शांति बहाल होते देखना चाहेगा.
उन्होंने कहा, “फिर भी, हम आशा करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि बहुत जल्दी समाधान मिल जाएगा और शांति और स्थिरता वापस लौटेगी. यह एक पड़ोसी देश है. ये लोग हमारे चचेरे भाई हैं, अगर हमारे भाई-बहन नहीं हैं.”
बांग्लादेश के कम से कम 20 जिलों में विरोध-प्रदर्शन हो रहा
रिपोर्टों के अनुसार, रविवार को छात्रों के नेतृत्व वाले असहयोग अभियान के पहले दिन बांग्लादेश में कम से कम 20 जिलों में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ झड़प की, जिसका उद्देश्य प्रधानमंत्री शेख हसीना पर इस्तीफ़ा देने के लिए दबाव बनाए रखना है. बांग्लादेश में स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई जब सत्तारूढ़ अवामी लीग के सदस्य सरकार विरोधी प्रदर्शनों को दबाने के लिए सड़कों पर उतर आए और स्थिति हिंसक हो गई.
एमईए ने कहा- अगली सूचना तक न करें बांग्लादेश की यात्रा
हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच, विदेश मंत्रालय (MEA) ने वर्तमान में बांग्लादेश में रह रहे अपने नागरिकों को अत्यधिक सतर्क रहने और अपनी गतिविधियों को सीमित करने के लिए सख्त चेतावनी दी है. विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक आधिकारिक बयान में कहा, “चल रहे घटनाक्रमों को देखते हुए, भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी जाती है.”
कोटा प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर शुरू हुआ प्रदर्शन
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन कोटा प्रणाली में सुधार की मांग के कारण शुरू हुआ, जो 1971 के युद्ध के दिग्गजों के वंशजों समेत विशिष्ट समूहों के लिए सिविल सेवा नौकरियों को आरक्षित करता है.
छात्रों द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को सरकारी नौकरियां आवंटित करने वाली एक नई नीति का विरोध करने के बाद अशांति तेज हो गई, जिसके कारण हिंसा हुई, जिसमें ढाका में राज्य टेलीविजन मुख्यालय और पुलिस बूथों पर हमले शामिल हैं.
बांग्लादेश में पिछले महीने से जारी जानलेवा हिंसा के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने पुष्टी करते हुए कहा कि शेख हसीना ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
इसके साथ हसीना ने ढाका छोड़ दिया है और किसी सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं। इस बीच समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया है कि शेख हसीना एक सैन्य हेलीकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गई हैं।
बहन के साथ प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास छोड़ा
शेख हसीना अपनी बहन के साथ में प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास ‘गणभवन’ छोड़कर सुरक्षित जगह पर चली गई हैं। बता दें कि बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण खत्म करने को लेकर हिंसक प्रदर्शन चल रहे हैं। प्रदर्शनकारी लगातार प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। आखिरकार हसीना ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
भीड़ ने कर्फ्यू तोड़ा
हजारों प्रदर्शनकारियों ने देश में लगे कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए ढाका की सड़कों पर मार्च किया और बाद में प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर हमला बोल दिया।
राजधानी ढाका में बख्तरबंद गाड़ियों के साथ सैनिकों और पुलिस ने शेख हसीना के कार्यालय तक जाने वाले मार्गों पर कांटेदार तार लगाकर रोक लगाई गई थी, लेकिन भीड़ सड़कों पर उतर आई और अवरोधकों को तोड़ दिया।
अंतरिम सरकार का गठन होगा- सेना प्रमुख
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने ढाका में प्रेस कॉफ्रेंस की। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है। जल्द ही देश को चलाने के लिए अंतरिम सरकार का गठन होगा।”
देश में कर्फ्यू या किसी आपातकाल की जरूरत नहीं
सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने कहा कि देश में कर्फ्यू या किसी आपातकाल की जरूरत नहीं, आज रात तक आए संकट का समाधान निकाल लिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि सेना के साथ चर्चा में मुख्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे। छात्रों से अनुरोध है कि वे शांत रहें और घर वापस जाएं।
बांग्लादेश में लगा अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू
प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच भड़की हिंसा में अब तक 14 पुलिसकर्मियों समेत करीब 300 लोगों की जान चली गई है। हिंसा में हजारों लोग घायल हुए हैं। बांग्लादेश में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया।